पता चली आँतों में कैंसर की वजह
ब्रितानी शोधकर्ताओं का मानना है कि उन्होंने कुछ लोगों में आनुवांशिक रूप से आंत का कैंसर होने की वजह का पता लगा लिया है.
शोधकर्ताओं ने ऐसे दो जीन खोज निकाले हैं जो माता-पिता से उनके बच्चों तक पहुंचते हैं जो ट्यूमर होने का खतरा बढ़ा देते हैं.
ये शोध 'नेचर जेनेटिक्स' नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है जिसमें ऐसे 20 लोगों के डीएनए का विश्लेषण किया गया जिनके आंतों का कैंसर वंशानुगत रूप से मिला है.
इस शोध की मदद से ऐसे टेस्ट को विकसित किया जा सकता है जो किसी व्यक्ति में आंत के कैंसर की आशंका समय रहते जता सकता है.अध्ययन में शामिल हैम्पशयर के जोए वीगेंड नामक एक व्यक्ति को आंत के कैंसर के बारे में तब पता जब वे 28 वर्ष के थे. इसकी वजह से उनके मलाशय का ज्यादातर हिस्सा निकालना पड़ा.प्रोफेसर इयान टॉमलिन्सन कहते हैं कि इस तरह के लोगों को नियमित रूप से अपनी जांच कराने की जरूरत है.
कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर रिचर्ड हॉलस्टन कहते हैं कि इस शोध के नतीजे बेहद अहम हैं जिनसे आंतों के कैंसर की वजह पर रोशनी पड़ती है.
लेकिन कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट की ही डॉक्टर जूलिन का मानना है कि कैंसर के मरीजों के लिए ये एक और पहेली ही है.
वे कहती हैं कि इस शोध की मदद से चिकित्सक उन परिवारों के लोगों को बचा सकते हैं जिनमें आंत का कैंसर आनुवांशिक रूप से होता रहा है, लेकिन इसके लिए कैंसर के बारे में समय रहते पता चलना बेहद जरूरी है(बीबीसी,26.12.12).
बांझपन का इलाज
इस वर्ष हुए एक प्रयोग के तहत चूहे और ह्यूमन ओवरीज से ऊगोनियल स्टेम सेल अलग की गईं जो मैच्योर ऊसाइट्स में बदलने की क्षमता रखती हैं। इस प्रयोग को इनफर्टिलिटी के इलाज की दिशा में महत्वपूर्ण माइलस्टोन माना जा रहा है।
एचआईवी पर प्रहार
पहली बार जेनेटिक इंजीनियरिंग से स्टेम सेल बनाए गए, जो एचआईवी पर प्रहार करते हैं। पशुमॉडल में जीवित ऊतकों में वाइरस को नियंत्रित करने में ये सेल प्रभावी रहे हैं। यह प्रयोग यूनिवसिर्टी ऑफ लॉस एंजलस के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया। आशा है एचआईवी प्रभावित लोगों को बीमारी से राहत मिल सकेगी।
मिलेगी रोशनी
साल की शुरुआत में "द लैंसेट" में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया एंड लॉस एंजलस की ओर से प्रकाशित एक लेख के अनुसार दो दृष्टिहीन महिलाओं की देख सकने की क्षमता में काफी विकास देखा गया, जब उन्हें स्टेम सेल के रेटिनल इंजेक्शन दिए गए(सेहत,नई दुनिया,दिसम्बर,2012 द्वितीयांक)।
भ्रूणों के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग :
सिएटल में युनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन के अनुसंधानकर्ताओं ने जून में मां के रक्त में तैरने वाले डीएनए के टुकड़े का इस्तेमाल कर एक पूर्ण भ्रूण सम्बंधित जीनोम की सफल सिक्वेंसिंग की घोषणा की। पूर्व की तकनीकों के विपरीत यह पूरी तरह गैरआक्रामक है और आने वाले शिशु को इससे कोई खतरा नहीं पैदा होता। वैज्ञानिकों ने कहा कि यह परीक्षण मात्र पांच वर्षों में चिकित्सकीय उपयोग के लिए उपलब्ध हो सकता है। इससे गर्भ में पल रहे शिशु की सेहत का बेहतर देखरेख किया जा सकता है(हिंदुस्तान,दिल्ली,26.1212)।
बहुत अच्छी जानकारी मिली ..आपका बहुत बहुत आभार।
जवाब देंहटाएंयहाँ पर आपका इंतजार रहेगा शहरे-हवस
Online Cakes Delivery in India
जवाब देंहटाएंOnline Gifts Delivery in India
Order Birthday Gifts Online Delivery in India
Send Gifts To India Online
जवाब देंहटाएंSend Cakes To India Online
Send Birthday Gifts in India Online
Same Day Delivery
जवाब देंहटाएंOnline Gifts Delivery
Order Cakes Online