आने वाले समय में करोड़ों लोगों के लिए केला पेट भरने का सबसे अहम जरिया होगा। ऐसा जलवायु परिवर्तन के कारण हो सकता है। कृषि के क्षेत्र में शोध से जुड़ी संस्था सीजीआईएआर का कहना है कि आने वाले समय में कुछ विकासशील देशों में आलू की जगह फल ले सकते हैं। रिपोर्ट के लेखक कहते हैं कि जलवायु परिवर्तन के कारण पारंपरिक फसलों पर संकट गहरा रहा है। ऐसे में लोगों को नया और अलग-अलग तरह का खान-पान अपनाना होगा।
आज मक्का, चावल और गेहूं वे तीन फसलें हैं, जो कैलोरी देने के लिहाज से सबसे अहम हैं। दुनिया की इन तीन सबसे बड़ी फसलों का उत्पादन कई विकासशील देशों में घटने का अंदेशा है। ऐसे में केला ही बेहतर विकल्प बचेगा। केला सस्ता भी है और एनर्जी भी देता है।
केले को गरीबों का फल कहा जाता है। केले में ज्यादा पोषक तत्व होने के चलते भारत के केरल राज्य और युगांडा जैसे देशों में केला प्रमुख खाद्य फल है। केले के उत्पादों की बढती मांग के कारण केले की खेती का महत्व भी दिन- प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।
केला खाने से एनर्जी मिलती है। इसमें विटामिंस व मिनरल्स की भी अच्छी मात्रा होती है। दो छोटे केलों में फाइबर की मात्रा एक ब्रेड के बराबर होती है। यह ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करता है। फाइबर की मौजूदगी के चलते केला लो ब्लड कॉलेस्ट्रोल में भी फायदेमंद है। केले में विटामिन सी, विटामिन ए और विटामिन बी6 होता है। चूंकि केला मैग्नेशियम का अच्छा स्रोत है, इसलिए यह बहुत जल्दी पच जाता है और आपके मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त रखता है।
बच्चों की ग्रोथ के लिए उन्हें केला खिलाना काफी फायदेमंद रहता है। वर्कआउट के बाद बॉडी में कम हुई एनर्जी की भरपाई के लिए केला खाने से तत्काल राहत मिलती है। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को सबसे ज्यादा विटामिन व मिनरल्स की आवश्यकता होती है। ऐसे में प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए केला खास तौर पर जरूरी है। केला बुजुर्ग लोगों के लिए भी सबसे अच्छा फल है। इसमें विटामिन सी, बी6 और फाइबर होता है, जो बुढ़ापे में जरूरी है।
केला अलबेला
-केला दुनिया के सबसे पुराने और लोकप्रिय फलों में से एक है। हर मौसम में मिलने वाला यह फल स्वादिष्ट और बीजरहित है।
-छिलके के कारण केला नैसर्गिक रूप में हमेशा शुद्ध और संक्रमण मुक्त रहता है।
-केले की 300 से भी अधिक किस्में होती हैं और इसकी खेती बहुत बड़े पैमाने पर की जाती है।
-केला सबसे पहले भूमध्यसागरीय देशों मे पाया गया था और अब समस्त विश्व में आसानी से उपलब्ध है।
-केले की लंबाई चार इंच से लेकर 15 इंच तक हो सकती है।
-केले की प्रजाति के आधार पर इसके स्वाद में अंतर हो सकता है।
-केले के साथ इलायची खाने से केला आसानी से पचता है।
-केले पर हलके भूरे रंग के दाग इस बात की निशानी हैं कि केले का स्टार्च के पूरी तरह नैसर्गिक शक्कर में परिवर्तित हो चुका है। ऐसा केला आसानी से हजम होता है।
-केला सुबह के समय खाना अच्छा होता है। केले का छिलका उतारने के तुरन्त बाद खा लेना चाहिए और खाने के तुरन्त बाद पानी न हीं पीना चाहिए।
-बाजार में केला चुनते वक्त ध्यान रखें कि इसका रंग पीला और हल्का हरा होना चाहिए। दबाने पर कड़ापन लगे। इसे कुछ दिनों तक पकने दें और फिर खाएं। केला फ्रिज में नहीं रखें।
आयुर्वेद और केला
-एक सामान्य आकार के केले में शर्करा 22 प्रतिशत, फैट एक प्रतिशत और 116 कैलरी एनर्जी होती है। इसमें विटामिन ए,बी,सी और डी भी पाया जाता है।
-केला कई बीमारियों में काम आता है। बच्चे को दस्त लग जाने पर पके केले को कटोरी में रख कर चम्मच से घोट कर मक्खन जैसा बना लें और जरा सी मिश्री पीस कर मिला कर बच्चे को दिन में दो तीन बार खिलाएं। इससे बच्चे को कमजोरी नहीं आएगी और बच्चे के शरीर में पानी की कमी नहीं हो पाएगी।
-नकसीर आने पर इसकी जड़ का रस निकाल कर दो- दो बूंद नाक में डालने से खून आना बन्द हो जाता है। बार बार नकसीर आए तो पके केले के छोटे- छोटे टुकड़े काट कर दूध में डालकर मिश्री मिलाकर खाने से फायदा होता है।
-मिट्टी खाने के आदी बच्चों को इसका गूदा खूब फेंट कर जरा सा शहद मिला कर आधा आधा चम्मच खिलाना फायदेमंद है।
-जी मिचलाए तो पका केला कटोरी में फेंट कर एक चम्मच मिश्री या चीनी और एक छोटी इलायची पीस कर मिला कर खाने से राहत मिलेगी।
-प्यास अधिक लगती हो तो पका केला घोंट कर चीनी के साथ पानी में मिला कर शरबत बना लें। आधा-आधा गिलास दिन में दो तीन बार लें।
-पेशाब में जलन हो, रुक रुक कर पेशाब आ रहा हो तो केले के पेड़ का ताजा रस पिलाना चाहिए। धातु दुर्बलता और शारीरिक दुर्बलता में पका केला खाने से लाभ होता है। प्रदर रोग (ल्युकोरिआ) में पका केला खाना उपयोगी है।
पेचिश में कच्चे केले की सब्जी चावल के साथ खानी चाहिए। दुबले शरीर और कम वजन वालों को पका केला खाना चाहिए। दूध के साथ खाना ज्यादा फायदेमंद है।
-कफ प्रकृति वालों को केला नहीं खाना चहिए। केला ज्यादा खाने से पेट पर भारी पड़ेगा, शरीर शिथिल होगा, आलस्य आएगा। कभी ज्यादा खा लिया जाए तो एक छोटी इलायची चबाना लाभकारी है।
-केला अम्लता (ऐसिडिटी) को कम करता है और पेट में हल्की परत बना कर अल्सर का दर्द कम करता है। यह अतिसार और कब्ज़, दोनों में लाभकारी है। यह आंत की सारी प्रक्रिया को सामान्य कर सकता है। केले के गूदे में नमक डाल कर खाना अतिसार के लिए अच्छा होता है।
-अच्छे पके केले का गूदा शरीर के जले हुए हिस्से पर लगाकर कपड़ा बांध दिया जाय तो तुरंत आराम मिलता है। छाले, फफोले या थोड़ी बहुत जलन होने पर केले का नया निकला छोटा पत्ता ठंडक पहुंचाता है।
-केला शक्तिवर्धक तत्वों, प्रोटीन, विटामिन और खनिज पदार्थों का अनोखा मिश्रण है। इसमें पानी की मात्रा कम होती है। केला और दूध का मिश्रण शरीर और स्वास्थ्य के लिए सर्वोत्तम है।
-केला अन्न को पचाने में सहायक होने के साथ-साथ उत्साह भी देता है। केले में होनेवाली नैसर्गिक शक्कर पौष्टिक तत्वों से होने वाली रासायनिक प्रक्रिया और सेहत बनाने में मदद करती है(दैनिक भास्कर,1 नवम्बर,2012)।
कल्याण के आरोग्य अंक में,डॉ. प्रमोद कुमारजी सोनी ने काफी उपयोगी जानकारी जुटाई हैः
-केला फल ही नहीं रोगों से लड़ने वाला योद्धा है। इससे मस्तिष्क को सेरोटोनिन मिलती है। मानसिक रूप से परेशान व्यक्तियों में सेरोटोनि की कमी होती है। केले में यह कमी पूरा करने की अद्भुत क्षमता है।
-केला मोटापा नहीं बढ़ाता। केले में सोडियम बहुत कम होता है तथा कोलेस्टेरोल बिल्कुल नहीं होता। अतः,डाइटिंग करने वाले इसका सेवन कर सकते हैं।
-केले में आवश्यक पोटैशियम होता है जो उच्च रक्तचाप के नियन्त्रण में तथा कई तरह के हृदय रोगों में फ़ायदेमंद रहता है। केला आंतों की सड़न रोकता है। केले का कैल्शियम आंतों की सफाई करने में अत्यन्त प्रभावी है।
जारी...........
अब तो केला भी बहुत महँगा हो गया है.
जवाब देंहटाएंसच मैं ४० रस दर्जन से कम अच्छा केला नहीं मिलता
जवाब देंहटाएंकेला के बारे में बढ़िया जानकारी मिली ।आभार भाई जी ।।
जवाब देंहटाएंकेला के बारे में उम्दा जानकारी के लिये...आभार,,,राधा रमण जी,,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST LINK...: खता,,,
केले के बारे में अच्छी जानकारी देता आलेख ... आभार
जवाब देंहटाएंकेले पर जानकारी का खजाना!!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार!!
जवाब देंहटाएंकेले के बारे में व्यापक जानकारी लिए बेहद उपयोगी लेख .बधाई
राधारमन जी .
मेरी टिप्पणी गायब है !
जवाब देंहटाएंयहां मॉडरेशन लागू नहीं है। कुछ समय पहले,मैंने एक पोस्ट के ज़रिए,ब्लॉगरों से तकनीकी सहायता मांगी थी क्योंकि मेरे ब्लॉग की सेटिंग में स्पैम सहित कई अन्य टैब ग़ायब हो गए हैं। कोई मित्र सहायता नहीं कर सके। संभव है,आपकी टिप्पणी स्पैम बॉक्स में ही चली गई हो। अफ़सोस,कि मैं कुछ कर नहीं पा रहा हूं। फिलहाल,इसे ही आपकी टिप्पणी मान लेता हूं।
हटाएंआप मुझे अपने ब्लॉग का यूजर नेम व पासवर्ड मेल कर दे | यदि आपको विश्वास हो तो | मेरा ई-मेल पता है mycityjalalabad@gmail.com
हटाएंटिप्स हिंदी में
केले के बारे में अच्छी अच्छी जानकारी देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंयही सब मैंने मेरी माँ को पढ़ कर सुनाया तो उन्होंने पुछा की केलों को फ़्रिज में क्यों नही रखना चाहिए?
मुझे इसका हल आपकी पोस्ट पर नही मिला ...कृप्या करके बताये??
धन्यवाद !!
आपके ब्लॉग पर आकर काफी अच्छा लगा।
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत हैं।
अगर आपको अच्छा लगे तो मेरे ब्लॉग से भी जुड़ें।
धन्यवाद !!
http://rohitasghorela.blogspot.com/2012/10/blog-post.html
बहुत अच्छी जानकारी
जवाब देंहटाएंकेले के गुणकारी प्रभावों को दर्शाता सुन्दर आलेख ..आभार एवं शुभ कामनाएं
जवाब देंहटाएंकेले के बारे में बहुत महत्त्व पूर्ण जानकारी मिली ...आभार
जवाब देंहटाएंएक केला और कितने सारे उपयोग । धन्यवाद राधारमण जी ।
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