- केले का नियमित सेवन अनिद्रा और कब्ज दूर करके पेशाब की जलन को मिटाता है। यह अतिसार,आंत और कुष्ठ तथा हृदयरोगियों के लिए प्राकृतिक औषधि है। यह आसानी से पच जाता है,अतः वायुविकार उत्पन्न नहीं करता। केला शीतल,स्निग्ध,वातपित्तनाशक और कफ़कारक रहता है। यह तृष्णा और दाह का नाश करता है।
- केला पौष्टिक तत्वों से भरपूरा है। हरे केले में स्टार्च काफी कम मात्रा में(64 से 74 प्रतिशत) रहती है,परन्तु पकने पर स्टार्च शर्करा(7 से 25 प्रतिशत तक) में बदल जाती है।
- पके केले की विशिष्ट खुशबू उसमें उपस्थित एमाइल एसीटेट के कारण रहती है। कच्चा केला क्लोरोफिल के कारण हर रहता है,परन्तु पकने पर एंजाइमों की क्रिया से जैंथोफिल तथा केरोटिन नामक पीले रसायनों में बदल जाता है।
- पके केले में 70 प्रतिशत पानी,1.2 प्रतिशत प्रोटीन,0.2 प्रतिशत रेशा रहता है। इसमें प्रति 100 ग्राम कैल्शियम 17 मिलीग्राम, रहता है। इसमें विटामिन ए 430 मिलीग्राम,थायमिन 0.09 मिलीग्राम,नायसिन 0.6 मिलीग्राम तथा विटामिन सी 10 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम में रहता है। सौ ग्राम केला 99 कैलोरी ऊर्जा देता है।
- केले के छिलके के नीचे विटामिन होते हैं जो केले के पकने पर उसके गूदे में चले जाते हैं तथा छिलका पतला और चित्तीदार हो जाता है।
- पका केला ठंडा,रूचिकर,मीठा,सुस्वादु,पुष्टिकारक,रक्तविकारनाशक,पथरी,रक्तपित्त दूर करने वाला,प्रदर एवं नेत्ररोगनाशक होता है।
-केले में फास्फोरस ज्यादा रहता है,जो मन-मस्तिष्क को शक्ति प्रदान करता है।
- केले में पैक्टिन नामक एक पदार्थ रहता है जो मल को मुलायम बनाकर पेट की सफाई करता है।
- केले के छिलके के अंदर वाला पतला सा मुलायम रेशा कब्ज दूर करके आंतों को ठीक रखता है। - केला क्षारधर्मी फल होने के कारण खून की अम्लता को दूर करके क्षारीयता बढ़ाता है।
- केले के सेवन से बच्चों का वजन जल्दी बढ़ता है। कमज़ोर व्यक्तियों की पाचनशक्ति ठीक होती है। भूख ज्यादा लगने से वे जल्दी हृष्ट-पुष्ट बनते हैं।
- बच्चों को दूध के साथ केला खिलाने से यह स्वास्थ्यवर्द्धक,पुष्टिकार तथा सुपाच्य रहता है। इसमें थोड़ा शहद मिलाकर खिलाया जाए तो संक्रामक रोग से भी बचाव होता है।
- केले के छिलके के नीचे विटामिन होते हैं जो केले के पकने पर उसके गूदे में चले जाते हैं तथा छिलका पतला और चित्तीदार हो जाता है।
- पका केला ठंडा,रूचिकर,मीठा,सुस्वादु,पुष्टिकारक,रक्तविकारनाशक,पथरी,रक्तपित्त दूर करने वाला,प्रदर एवं नेत्ररोगनाशक होता है।
-केले में फास्फोरस ज्यादा रहता है,जो मन-मस्तिष्क को शक्ति प्रदान करता है।
- केले में पैक्टिन नामक एक पदार्थ रहता है जो मल को मुलायम बनाकर पेट की सफाई करता है।
- केले के छिलके के अंदर वाला पतला सा मुलायम रेशा कब्ज दूर करके आंतों को ठीक रखता है। - केला क्षारधर्मी फल होने के कारण खून की अम्लता को दूर करके क्षारीयता बढ़ाता है।
- केले के सेवन से बच्चों का वजन जल्दी बढ़ता है। कमज़ोर व्यक्तियों की पाचनशक्ति ठीक होती है। भूख ज्यादा लगने से वे जल्दी हृष्ट-पुष्ट बनते हैं।
- बच्चों को दूध के साथ केला खिलाने से यह स्वास्थ्यवर्द्धक,पुष्टिकार तथा सुपाच्य रहता है। इसमें थोड़ा शहद मिलाकर खिलाया जाए तो संक्रामक रोग से भी बचाव होता है।
- सुबह नाश्ते में केला खाकर दूध पीना एक संतुलित तथा सम्पूर्ण आहार है। इसके सेवन से पित्त-विकार दूर होते हैं।
- केला उच्च रक्तचाप के नियंत्रण में सहायक है। यह हृदयरोग,अतिसार और आंखों के लिए प्राकृतिक औषधि है।
- स्कर्वी रोग में पके केले का नित्य सेवन रामबाण औषधि है। यह अंतड़ियों में विजातीय पदार्थों की सड़न रोकता है।
- दही के साथ केले का सेवन करने से दस्त बंद हो जाते हैं। यह आंतों के प्रवाह में आराम दिलाता है। आंत के रोगों को केला बिना ऑपरेशन ठीक कर देता है।
- यह एकमात्र फल है जो पेट के ज़ख़्म के रोगियों को दिया जा सकता है। यह पेट का अल्सर भी दूर करता है।
- पेचिश में केले को दही में मथकर उसमें थोड़ा जीरा और काला नमक मिलाकर देने से फायदा होता है। अम्लता,पेट की जलन और पित्त में केला खाना लाभदायक होता है।
-मुंह में छाले हों तो केला खाने से लाभ होगा।
- नकसीर में 2-3 पके केलों का गूदा,दूध तथा शक्कर मिलाकर देने से आराम मिलता है।
जारी..........
- केला उच्च रक्तचाप के नियंत्रण में सहायक है। यह हृदयरोग,अतिसार और आंखों के लिए प्राकृतिक औषधि है।
- स्कर्वी रोग में पके केले का नित्य सेवन रामबाण औषधि है। यह अंतड़ियों में विजातीय पदार्थों की सड़न रोकता है।
- दही के साथ केले का सेवन करने से दस्त बंद हो जाते हैं। यह आंतों के प्रवाह में आराम दिलाता है। आंत के रोगों को केला बिना ऑपरेशन ठीक कर देता है।
- यह एकमात्र फल है जो पेट के ज़ख़्म के रोगियों को दिया जा सकता है। यह पेट का अल्सर भी दूर करता है।
- पेचिश में केले को दही में मथकर उसमें थोड़ा जीरा और काला नमक मिलाकर देने से फायदा होता है। अम्लता,पेट की जलन और पित्त में केला खाना लाभदायक होता है।
-मुंह में छाले हों तो केला खाने से लाभ होगा।
- नकसीर में 2-3 पके केलों का गूदा,दूध तथा शक्कर मिलाकर देने से आराम मिलता है।
जारी..........
केले के बारे में इतनी सारी जानकारी देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद ..
जवाब देंहटाएंआपने मेरे पिछले प्रश्न का उत्तर नही दिया की केले को फ्रिज में क्यों नही रखना चाहिए ? प्लीज बतायं
बहुत बढ़िया |
जवाब देंहटाएंदक्षिण भारत में भोजन के बाद केला का सेवन करते हैं लोग |
गुनगुना पानी पीते हैं उसके बाद |
अगले दिन पेट साफ़ रहता है ||
सादर ||
बहुत उपयोगी जानकारी.
जवाब देंहटाएंबहुतों के लिये हितकारी सिद्ध होती हैं आपकी ये पोस्टें .
केले के फायदे पर तो कई पोस्टे पढ़ ली , इतने फायदे तो पता ही नहीं थे ।
जवाब देंहटाएंइतने फायदे ??? यूँ भी ये तो हमेशा उपलब्ध रहता है और बच्चे भी शौक से खा लेते हैं...
जवाब देंहटाएंआभार
अनु
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगल वार 6/11/12 को चर्चाकारा राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी आपका स्वागत है ।
जवाब देंहटाएंउपयोगी जानकारी .... काफी बातें याद रखने लायक हैं ...
जवाब देंहटाएंसबके जानने योग्य बातें.....
जवाब देंहटाएंइतनी अच्छी जानकारी देने के धन्यवाद !:)
जवाब देंहटाएंमैं भी अपने बेटे को नियमित रूप से केला व दूध ही देती हूँ.... :) अच्छा लगा जानकार...मैं सही कर रही हूँ...!
~सादर !
सामान्यतया केले खाने का समय भी बताने की कृपा करियेगा
जवाब देंहटाएंव्याधि से पीड़ित होने पर तो आपने बताया ही है .... अच्छी जानकारी
केला तेरी लीला न्यारी,गुण है अपरम्पार,
जवाब देंहटाएंविधिवत यदि सेवन करे,पड़े नहीं बीमार,,,,,,
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