रविवार, 2 सितंबर 2012

कमरःआह से आहा तक!

हमारी शारीरिक मुद्राओं के अनुसार ही शरीर पर दबाव पड़ता है और यदि यह दबाव गलत तरीके से पड़ रहा है तो कमर दर्द का कारण बन सकता है। यही नहीं इससे जोड़ों के लचीलेपन पर भी असर पड़ सकता है। कोई भी व्यक्ति प्रैक्टिस से सही मुद्राएँ सीख सकता है। बचपन से यह आदत डाली जाए तो और भी अच्छा। 

हम अपनी रूटीन लाइफ में कई काम ऐसे कर जाते हैं जो लंबे समय बाद हमें फिज़िकली तकलीफ देते हैं। शुरू में तो हमें इनके कोई साइड इफेक्ट्स नहीं दिखते लेकिन बाद में कमर दर्द जैसी कई परेशानियों के रूप में ये सामने आते हैं। इन प्रॉबलम्स से महिलाएँ सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं। यदि वे अपनी डेली लाइफ में किए जा रहे कामों का सही तरीका जान लें, तो काफी हद तक समस्या हल हो सकती है। असल में हमारी शारीरिक मुद्राओं के अनुसार ही शरीर पर दबाव पड़ता है और यदि यह दबाव गलत तरीके से पड़ रहा है तो कमर दर्द का कारण बन सकता है। यही नहीं इससे जोड़ों के लचीलेपन पर भी असर पड़ सकता है। कोई भी व्यक्ति प्रैक्टिस से सही मुद्राएँ सीख सकता है। बचपन से यह आदत डाली जाए तो और भी अच्छा। असल में एक जैसा काम करते-करते कोई भी शारीरिक मुद्रा शरीर में स्थायी हो जाती है। उसे बदलने के लिए आपको मानसिक रुझान बदलना पड़ेगा। सही शारीरिक मुद्राओं का पालन करने से कमर दर्द से काफी हद तक छुटकारा पाया जा सकता है। आइए जानें कैसे- 

खड़े होने की मुद्रा 
खड़े होने की मुद्रा ऐसी होना चाहिए ताकि कमर पर कम दबाव पड़े और रीढ़ की हड्डी अपने प्रकृतिक रूप में मुड़े। कुछ लोग इस तरह खड़े होते हैं कि उनकी रीढ़ की हड्डी तनी हुई रहती है और सीना बाहर निकला रहता है। इससे कमर, कंधे, के बीच के भाग तथा पेड़ू की माँसपेशियों पर दबाव पड़ता है। यदि आपको लंबे समय तक खड़े रहना है तो एक पैर को किसी स्टूल पर रखकर आराम की मुद्रा प्राप्त की जा सकती है। इससे रीढ़ की हड्डी के नीचे के हिस्से को आराम मिलता है। 

बैठने की मुद्रा 
जितना दबाव कमर पर खड़े होने से पड़ता है इससे अधिक बैठने से पड़ता है। बैठने की कुर्सी का डिजाइन ऐसा होना चाहिए जिसके निचले हिस्से में हल्का सा घुमाव हो। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि कुर्सी का वह हिस्सा जहाँ हम बैठते हैं वह थोड़ा सा अवतल हो तो देर तक बैठना सुविधाजनक होता है। यदि मेज पर रखे कम्प्यूटर पर कार्य करना है तो कुर्सी की पीठ ऐसी होनी चाहिए जिस पर कमर लगाने के लिए सहारा मिले। मेज और कुर्सी की ऊँचाई कार्य करने के दृष्टिकोण से उपयुक्त होनी चाहिए। 

लेटना या आराम करना 
लेटने या विश्राम करने से निःसंदेह ही कमर को आराम मिलता है। लेटकर विश्राम करने से रीढ़ की हड्डी पर कम भार पड़ता है। लेटने की मुद्रा ऐसी होनी चाहिए जिससे शरीर को आराम मिले। कुछ लोगों को सीधा लेटने या करवट से लेटने में आराम मिलता है तो उसी तरह से सोना चाहिए। 

बिस्तर और तकिए का चुनाव 
कमर दर्द से छुटकारा पाने के लिए आपका बिस्तर हार्ड बोर्ड का बना होना चाहिए और गद्दा ऐसा होना चाहिए जो शरीर के आकार के अनुसार दब जाए। कमर दर्द या गर्दन दर्द से पीड़ित रहने वाले व्यक्तियों के लिए तकिया ऐसा होना चाहिए जो तीन भागों में बना हो। इस तकिए के बीच का भाग झुका हुआ होता है और किनारे के दो भाग उठे हुए होते हैं। इस तकिए पर सिर किनारों की तुलना में कुछ नीचे रहता है।

रसोई का कामकाज 
रसोई के स्लैब की ऊंचाई कोहनी से नीचे होनी चाहिए। रसोई का सामान ऐसी जगह रखना चाहिए जिसे उठाने में अधिक झुकना,मुड़ना या पंजे के बल खला होना न पड़े। रसोई में कम ऊंचाई वाले स्टूल का प्रयोग किया जा सकता है। ऐसा करने से कमर पर अधिक दबाव नहीं पड़ता। 

स्नान करते समय 
ज़मीन पर बैठकर स्नान करने से कमर दर्द की शिकायत हो सकती है। नहाने के लिए बाथरूम में स्टूल ज़रूर होना चाहिए जिस पर बैठकर नहाया जा सके। ऐसा करने से कमर पर दबाव कम पड़ता है। इसी तरह कपड़ों पर साबुन मलते या ब्रश लगाते समय अधिक परिश्रम करना पड़ता है। अधिक झुककर यह काम नहीं करना चाहिए। वहीं गीले कपड़ों को अधिक मात्रा में उठान से भी बचना चाहिए(फिजियोथैरेपिस्ट डॉ. नम्रता सिंह से शैली अजमेरा की बातचीत पर आधारित यह आलेख नई दुनिया के नायिका परिशिष्ट में 29.8.12 को प्रकाशित है)।

7 टिप्‍पणियां:

  1. रोजमर्रा की उठ बैठ और काम करने के ढंग से ताल्लुक रखने वाली बेहद उपयोगी जानकारी आपने दी है एक तरह से बचावी चिकित्सा समझा दी है कमर दर्द की .कृपया यहाँ भी पधारें -
    ram ram bhai
    रविवार, 2 सितम्बर 2012
    सादा भोजन ऊंचा लक्ष्य
    सादा भोजन ऊंचा लक्ष्य

    स्टोक एक्सचेंज का सट्टा भूल ,ग्लाईकेमिक इंडेक्स की सुध ले ,सेहत सुधार .

    यही करते हो शेयर बाज़ार में आके कम दाम पे शेयर खरीदते हो ,दाम चढने पे उन्हें पुन : बेच देते हो .रुझान पढ़ते हो इस सट्टा बाज़ार के .जरा सेहत का भी सोचो .ग्लाईकेमिक इंडेक्स की जानकारी सेहत का उम्र भर का बीमा है .

    भले आप जीवन शैली रोग मधुमेह बोले तो सेकेंडरी (एडल्ट आन सेट डायबीटीज ) के साथ जीवन यापन न कर रहें हों ,प्रीडायबेटिक आप हो न हों ये जानकारी आपके काम बहुत आयेगी .स्वास्थ्यकर थाली आप सजा सकतें हैं रोज़ मर्रा की ग्लाईकेमिक इंडेक्स की जानकारी की मार्फ़त .फिर देर कैसी ?और क्यों देर करनी है ?

    हारवर्ड स्कूल आफ पब्लिक हेल्थ के शोध कर्ताओं ने पता लगाया है ,लो ग्लाईकेमिक इंडेक्स खाद्य बहुल खुराक आपकी जीवन शैली रोगों यथा मधुमेह और हृदरोगों से हिफाज़त कर सकती है .बचाए रह सकती है आपको तमाम किस्म के जीवन शैली रोगों से जिनकी नींव गलत सलत खानपान से ही पड़ती है .

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  2. अच्छी जानकारी दी है कमर दर्द
    महिलाओं की आम समस्या है !

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  3. कमर के दर्द से आम लोग पीड़ित रहते है,
    ऐसे लोगो के लिए बहुत ही उपयोगी जानकारी,,,,

    RECENT POST,परिकल्पना सम्मान समारोह की झलकियाँ,

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  4. आज की जीवन-पद्धति में ,इन बातों का ध्यान रखा जाय तो बहुत सी परेशानियों से बचा जा सकता है.लोकोपकार की भावना हेतु आभार !

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  5. बहुत उपयोगी जानकारी

    इससे पहले कमर का
    कमरा एक हो जाये
    कैसे संभलेगा फिर
    थोड़ा सा ध्यान दिया जाये !

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