रविवार, 17 जून 2012

बचें कंजंक्टिवाइटिस से

गर्मियों के अंत और बारिश की शुरूआती दिनों में कंजंक्टिवाइटिस का प्रकोप होता है। आमतौर पर यह संक्रमण पीड़ित व्यक्ति से संपर्क में आने पर दूसरों तक फैलता है। व्यक्तिगत साफ सफाई एवं चुनिंदा सावधानियों के ज़रिए इससे बचा जा सकता है। तेज़ धूप एवं गर्म माहौल में पनपने वाले बैक्टेरिया और वायरस आँखों में एलर्जी और संक्रमण के लिए ज़िम्मेदार होते हैं। इनसे आँखों में लाली, पानी आना, जलन एवं चुभन जैसी परेशानियाँ महसूस होती हैं। यह कंजंक्टिवाइटिस के मुख्य लक्षण हैं। इससे बचने के लिए ऑंखों को दिन में कई बार साफ पानी से धोना चाहिए। साथ ही एन्टीबायटिक आईड्रॉप का उपयोग भी किया जा सकता है। कंजंक्टिवाइटिस से पीड़ित व्यक्ति से दूरी बनाए रखना चाहिए, खासतौर पर रूमाल, टॉवेल समेत उसके द्वारा उपयोग की गई अन्य वस्तुओं का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं किया जाना चाहिए। कंजंक्टिवाइटिस के रोगाणु तेज़ी से फैलते हैं।

बच्चों को अधिक है खतरा 
कंजंक्टिवाइटिस की समस्या बच्चों में अधिक होती है। इसकी मुख्य वजह है समय पर टीकाकरण नहीं होना, भोजन नहीं करना, खाँसी, निमोनिया, डायरिया, चिकनपॉक्स आदि बीमारियाँ। इनके कारण बच्चों में विटामिन-ए की कमी हो जाती है जिससे बारह साल तक के बच्चे इसकी चपेट में आ जाते हैं। बच्चों को कंजंक्टिवाइटिस की समस्या से बचाने के लिए नियमित विटामिन ए का डोज़ दिया जाना ज़रूरी है। साथ ही हरे-पीले रंग के फल आम, गाजर, दूध, रस व रसीले फल दिए जाना चाहिए। इनसे विटामिन-ए की कमी को पूरा किया जा सकता है और बच्चों को कंजंक्टिवाइटिस की समस्या से बचाया जा सकता है।  

घातक हैं घरेलू उपचार 
कंजंक्टिवाइटिस से आँखों में अल्सर की समस्या भी हो सकती है। आँख शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। इसकी सुरक्षा के प्रति लापरवाही नहीं बरतना चाहिए। किसी भी तरह का घरेलू उपचार नहीं करना चाहिए। आँखों में तकलीफ होने पर चिकित्सक के परामर्शानुसार ही उपचार करना चाहिए। आँखों के लिए घरेलू उपचार घातक साबित हो सकते हैं। सही समय पर उचित इलाज के अभाव में आँखों में अल्सर की समस्या हो जाती है जिससे कई बार आँखों की रोशनी भी चली जाती है(डॉ. के. प्रसाद,सेहत,नई दुनिया,जून द्वितीयांक 20120।

10 टिप्‍पणियां:

  1. गर्मी और बरसात के संक्रमण में यह बीमारी आम है.ध्यान रखना ज़रूरी है !

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  2. बहुत ही काम की और जरूरी जानकारी राधारमण जी । सुना है कि मौसम में जब नमी हो तो इस रोग के फ़ैलने का खतरा अधिक बढ जाता है

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  3. आपकी पोस्ट पर साझा करने वाला बटन क्यों नहीं दिखाई दे रहा है

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  4. सही कहा . आँख के मामले में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए . आँखों के स्पेशलिस्ट की सलाह लेना ज़रूरी है .

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  5. क्या बात है!!
    आपकी यह ख़ूबसूरत प्रविष्टि कल दिनांक 18-06-2012 को सोमवारीय चर्चामंच-914 पर लिंक की जा रही है। सादर सूचनार्थ

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  6. बतौर बचावी चिकित्सा उम्दा पोस्ट .

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  7. आँखों को हाथों से नहीं छूयेँ.... कंजंक्टिवाइटिस होने की 90 प्रतिशत संभावना खत्म...
    हो ही जाये तो उपचार केवल "नेत्र विशेषज्ञ" से....
    ||अपनी शक्ति, अपनी दृष्टि
    इससे रौशन सारी सृष्टि||


    सादर।

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