मंगलवार, 12 जून 2012

जूते-चप्पल ख़रीदें,बीमारी नहीं

जूते-चप्पलों के मामले में केवल स्टाइल और फैशन पर ध्यान देना सेहत के लिहाज से कतई ठीक नहीं है। मैचिंग और फैशन के मुताबिक फुटवियर का चुनाव आपके पैरों और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। क्यों जरूरी है पैर के शेप के मुताबिक फुटवियर खरीदना, बता रही हैं मृदुला भारद्वाजः

फुटवियर्स का चुनाव करते समय अपने पैरों की संरचना को ध्यान में रखना बेहद जरूरी होता है। सही माप के आरामदायक फुटवियर पहनने से न सिर्फ आपके शरीर का संतुलन ठीक रहेगा, बल्कि आपको थकान भी महसूस नहीं होगी। गलत फुटवियर पहनने से सबसे पहले चलने के तरीके में बदलाव आ जाता है। इससे कई प्रकार की बीमारियों की आशंका भी बढ़ जाती है, जैसे पैरों की बनावट में बदलाव, चाल खराब होना, फंगल इन्फेक्शन, कमर दर्द, घुटने में दर्द, पिंडलियों में दर्द आदि। 

विशेषज्ञों का मानना है कि जिनके पैर बड़े होते हैं और अगर वे कसे हुए फुटवियर्स पहनें तो इससे हैमर टो (अंगूठे के नाखून पर चोट लगना) और बुनियंस (अंगूठे के जोड़ की हड्डी बढ़ना) जैसी परेशानियां हो सकती हैं। इसलिए यदि आपके पंजे चौड़े हैं तो सामने से चौड़े मुंह वाले जूते लें और अगर आपके पंजे छोटे हैं तो ऐसे फुटवियर का चुनाव करें, जो आपके पैर में फिट आ जाएं। 

वहीं जूते खरीदते समय हमेशा ध्यान रखें कि पैरों के अंगूठे के आगे करीब आधा सेंटीमीटर जगह खाली हो। इसे आप जूता पहनकर पैरों पर दबाव देकर चेक कर सकते हैं। अगर इतनी लंबाई है तो जूते की लंबाई आपके पैर के हिसाब से ठीक है। जूते का आगे का भाग चौड़ा व मध्य भाग में इतनी जगह होनी चाहिए कि अंदर एक अंगुली डाली जा सके। 

बच्चों के लिए जूते खरीदते समय.. 
- बच्चों के पैर बहुत ही नाजुक व कोमल होते हैं। बच्चों के लिए जूते लेते वक्त ध्यान रखें कि जूते उनके पैरों की पूरी तरह से रक्षा करें। 

- बच्चों के लिए पैर में टाइट फिटिंग वाले जूते कभी न खरीदें। ये बच्चों के बढ़ते पैरों के लिए नुकसानदायक हैं। 

- कुछ अभिभावक बच्चों को ढीले-ढाले जूते पहनाना पसंद करते हैं। जूते की लंबाई और चौड़ाई दोनों ही उपयुक्त होनी चाहिए। इसकी जांच बच्चों को दोनों पैरों में जूते पहनाकर उसे खड़ा करके और चलाकर करनी चाहिए। 

- छोटे बच्चों के जूते हर 6 माह में बदल दें। 

हाई हील्स के नुकसान 
अपनी लंबाई की कमी को पूरा करने और फैशन के लिए अक्सर महिलाएं हाई हील का सहारा लेती हैं, लेकिन वे यह नहीं जानतीं कि उनकी हाई हील्स के कारण उन्हें कितनी शारीरिक परेशानियों का सामना करना होगा। एक सर्वे के मुताबिक, हाई हील्स पहनने वाली 90 प्रतिशत लड़कियां घुटने, कमर, कूल्हे, कंधे और जोड़ो के दर्द से परेशान रहती हैं। काफी लंबे समय तक ऊंची एड़ी की सैंडिल या चप्पल पहनने वाली महिलाओं के घुटने की हड्डी बदलने की नौबत आ सकती है। 

डॉक्टरों का कहना है कि अगर आप एक-डेढ़ इंच तक ऊंची हील पहनें तो कोई हर्ज नहीं है, लेकिन जब हील की लंबाई 4-5 इंच हो तो ये परेशानी का सबब बन जाती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि हाई हील के फुटवियर पहनने पर शरीर का अधिकांश भार पंजों और एड़ी पर आ जाता है, जिससे इनमें दर्द होने लगता है। इससे पीठ दर्द, नसों में खिंचाव और घुटनों में दर्द जैसी शिकायतें होने लगती हैं। इसके अलावा हाई हील्स पहनने से हिप्स भी हैवी हो जाते हैं। पूरे दिन हाई हील पहनने से बचें। अगर फिर भी आप रोजाना हाई हील पहनना चाहती हैं तो ऐसे हाई हील फुटवियर का चुनाव करें, जिनका सोल भी ऊंचा हो (श्रीबालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. जी़ एस़ बिष्ट से बातचीत पर आधारित) ।

फुटवियर का चुनाव करते वक्त.... 
-फुटवियर हमेशा शाम के वक्त ही खरीदें, क्योंकि कुछ लोगों को पैर में सूजन की शिकायत होती है। ऐसे में सुबह के वक्त जूता खरीदने पर कई बार वह शाम होते-होते टाइट लगने लगता है। 

- नए जूते शुरुआत के कुछ दिनों में 2-3 घंटे से ज्यादा देर के लिए न पहनें, क्योंकि पैर को उस फुटवियर में एडजस्ट होने में कुछ वक्त लगता है। लगातार नया जूता पहनने से पैर में दर्द, पैर का छिलना, कटना आदि परेशानियां हो सकती हैं। 

- फुटवियर का मैटीरियल नेचुरल होना चाहिए। सिंथेटिक मैटीरियल से बने फुटवियर्स पैरों को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। 

- बाजार में कस्टमाइज्ड जूते भी मिलते हैं, जो पैरों के दबाव को ठीक से बांटने में मदद करते हैं। अगर आपके पैर नाजुक हैं या पैर और कमर की मांसपेशियों में दर्द की शिकायत है तो जूतों में इन पतावों को लगाकर पहनें। 

- फुटवियर चौड़े हों। 

- गहराई ज्यादा हो। 

- फुटवियर में पैडिंग हो। 

- जूते या सैंडिल का निचला हिस्सा कड़ा न हो। 

- फुटवियर्स को पहनकर चलते वक्त ठक-ठक की आवाज न आती हो। 

- फुटवियर का वजन कम होना चाहिए। 

 - सैंडिल्स नुकीले न हों। 

- अगर पैरों में दर्द की शिकायत रहती है तो अपने लिए ऐसा फुटवियर चुनें, जो खासतौर पर पैरों को आराम देने के लिए बनाया जाता है। 

गर्मियों के लिए फुटवियर 
- मौसम को ध्यान में रखकर फुटवियर का चुनाव करना बेहद जरूरी होता है, नहीं तो कई तरह के फंगल और बैक्टीरियल इन्फेक्शन होने का डर बना रहता है। 

- गर्मियों में पैरों में ज्यादा पसीना आता है, इसलिए बंद जूतों की बजाय चप्पल पहनें। 

- गर्मियों में नाखूनों में फंगस लगने का खतरा भी रहता है, इसलिए जूता पहनने से पहले अपने पैरों में टेलकम पाउडर और कपूर को मिलाकर लगा लें। ये इन्फेक्शन दूर करते हैं। 

- जूतों के साथ हमेशा सूती मोजे ही पहनें। 

- जूते-चप्पल गीले हो जाने पर उन्हें धूप में रखें, ताकि बैक्टीरिया मर जाएं और किसी भी तरह के संक्रमण से बचा जा सके। 

ध्यान दें 

-ज्यादा से ज्यादा डेढ़ इंच की हील ही पहनें। 

-विशेष अवसरों पर ही चार-पांच इंच की हील पहनें। 

-जब ज्यादा घूमने का काम हो तो हाई हील्स न पहनें। 

-पैंसिल हील की जगह मोटे व फ्लैट हील का चुनाव बेहतर विकल्प है। 

-डांस पार्टी आदि के लिए घर में ही चार-पांच दिन प्रैक्टिस करें(हिंदुस्तान,दिल्ली,7.6.12)।

12 टिप्‍पणियां:

  1. जूतों के बारे में लोग केवल स्टाइल देखते हैं.आपकी बातों को ध्यान में रखेंगे तो खुशहाल रहेंगे |

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  2. जूतों के विषय में जानकारी देती अच्छी प्रस्तुति,,,,,,,

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  3. .सेहत और पैरों के अनुरूप फुट वीयर चयन पर बढ़िया जानकारी .

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  4. जूते लेते समय सावधानी आवश्यक है.... जूतों की वजह से एक बार काफी तकलीफ उठानी पड़ गई थी... तब से इस मामले सतर्क हो गया हूँ....
    अच्छी प्रस्तुति....
    सादर आभार।

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  5. बहुत अच्‍छा लि‍खा है

    सौ बात की एक बात, जूता बहुत आरामदेह होना चाहि‍ए

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  6. बेनामीजून 12, 2012

    बहोत अच्छे आज पहली बार जूतों के संबधीत इतनी सटीक जानकारी पढ़ी है

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  7. फुटवियर भी बहुत महत्त्वपूर्ण अंग है हमारे पहनावे का . लेकिन सावधानी बरतना भी ज़रूरी है .
    अच्छा आलेख .

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  8. अच्छी सलाह है, उपानह पर ध्यान देना पाँव गंवाने से बेहतर है।

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