सिगरेट, तंबाकू और गुटखा से परहेज कर अगर आप सोच रहे हैं कि निकोटीन के दुष्प्रभाव से आप मुक्त हैं तो आप गलत हैं। दरअसल, बाजार में ऐसे पदार्थ धड़ल्ले से बिक रहे हैं, जिनमें छोरी-छुपे निकोटीन मिलाया जा रहा है। हैरत कि बात यह है कि टूथ पेस्ट और टूथ पाउडर जैसी रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली वस्तुएं भी इस गोरखधंधा की चपेट में हैं।
यह खुलासा दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल साइंस एण्ड रिसर्च (डिप्सार) के एक अध्ययन में हुआ है। चिंताजनक बात यह है कि डिप्सार ने इसी तरह का एक सर्वे पहले भी किया था और विस्तृत रिपोर्ट दिल्ली ड्रग्स कंट्रोल विभाग और अन्य स्वास्थ्य एजेंसियों को सौंपी थी, पर दोषी कंपनियों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
बीते एक वर्ष से डिप्सार दिल्ली-एनसीआर के अलग-अलग इलाकों में बिक रहे उत्पादों की जांच कर रही थी। इंस्टीट्यूट के प्रिंसिपल प्रो. एसएस अग्रवाल ने भास्कर को बताया कि दिल्ली-एनसीआर में बिक रहे टूथ पाउडर में निकोटीन की मात्रा पाई गई। जिन उत्पादों में निकोटीन मिले होने की बात सामने आई है, वे सभी राष्ट्रीय और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रोडक्ट हैं। उन्होंने चिता व्यक्त करते हुए कहा कि बीते वर्ष भी संस्थान ने इसी तरह का अध्ययन किया था।
विस्तृत रिपोर्ट स्वास्थ्य एजेंसियों को सौंपी गई थी, पर गोरखधंधे पर नकेल कसने के बजाय कई नई कंपनियां इस सूची में शामिल हो गईं हैं। उन्होंने बताया कि निकोटीन को लेकर सर्वे पूरा हो चुका है और उम्मीद है कि अगले एक महीने के अंदर रिपोर्ट सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियों को
सौंप दी जाएगी।
गोरखधंधा रोकने को नहीं है कानून
उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि भारत में तमाम तरह के खाद्य व अखाद्य पदार्थो में मिलाए गए तत्वों का विवरण लिखना अनिवार्य है। फिर भी किसी उत्पाद में निकोटीन की जांच करने की जिम्मेदारी ड्रग कंट्रोल विभाग की है। लेकिन, विभाग की लालफीताशाही की वजह से इस गोरखधंधे पर काबू पाना संभव नहीं हो पा रहा है। उन्होंने भी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकारी एजेंसियों के पास भी इस गोरखधंधा को रोकने के लिए कोई विशेष कानून नहीं है(धनंजय कुमार,दैनिक भास्कर,दिल्ली,26.5.12)।
saarthk jaankari,shukriya.....
जवाब देंहटाएंफ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) की तरह तो कारगर यह विभाग हो ही नहीं सकता यहाँ हर चीज़ पर अकडू लाल फीता चढ़ा हुआ है .खेदजनक है यह सब .कृपया यहाँ भी पधारें -
जवाब देंहटाएंram ram bhai
शनिवार, 26 मई 2012
दिल के खतरे को बढ़ा सकतीं हैं केल्शियम की गोलियां
http://veerubhai1947.blogspot.in/तथा यहाँ भी ज़नाब -
चिंता बढ़ाता आलेख.... रोकथाम के सार्थक उपाय होने ही चाहिए....
जवाब देंहटाएंसादर।
सार्थक जानकारी देता आलेख |
जवाब देंहटाएंटिप्स हिंदी में पर पधारें
ये तो बहुत ही चिंताजनक बात है।
जवाब देंहटाएंये भी अच्छी बताई आपने, अगर वित्तमंत्री ने पढ़ लिया तो इन सबके दाम भी सिगरेट-तंबाकू की तर्ज़ पे बढ़ाना शुरू कर देगा
जवाब देंहटाएंअफसोसजनक..... अच्छी जानकारी दी
जवाब देंहटाएंसरकार को इसकी जाँच कराकर रोक लगानी चाहिए,,,,,,,,,,
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