कुछ लोगों को गर्मी में जुकाम की समस्या का बार-बार सामना करना पड़ता है। कई बार वे घरेलू उपचार से काम चलाने की कोशिश करते हैं तो कई बार आधा-अधूरा एलोपैथिक इलाज कराकर छोड़ देते हैं। लेकिन कुछ हफ्ते के बाद पता चलता है कि यह साइनोसाइटिस है और आपको सजर्न के पास जाना पड़ सकता है।
पिछली दो रातों से स्नेहा बहुत परेशान है। रात भर उसके गले में दर्द होता रहा और अब नाक बंद होने की वजह से सांस भी नहीं ले पा रही थी। मुंह से सांस लेने से बार-बार मुंह सूखता था और कमजोरी भी हो गई थी। वह इसे मामूली जुकाम समझकर घरेलू उपचार कर रही थी, लेकिन कुछ समय बाद डॉक्टर के पास जाने के बाद पता चला कि उस साइनोसाइटिस है।
क्या आपने साइनोसाइटिस का नाम सुना है? नाक बंद होना, गले में खिचखिच या सांस लेने में मुश्किल होना तो मामूली जुकाम या एलर्जी के लक्षण भी हो सकते हैं, लेकिन ये लक्षण 12 हफ्तों से ज्यादा समय तक आपका पीछा कर रहे हैं तो ये क्रॉनिक साइनोसाइटिस हो सकता है। ऐसे में आपको कान,नाक और गले के सजर्न के पास जाना चाहिए। यह समस्या हमारे यहां तेजी से फैल रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार हमारे देश में करीब 13 करोड़ चालीस लाख लोग क्रॉनिक साइनोसाइटिस के शिकार हैं।
क्या है साइनोसाइटिस
जुकाम आमतौर पर वायरस से पैदा होने वाला संक्रमण है जो हमारे श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। रही बात एलर्जी की तो वह हमारे शरीर में किसी पदार्थ से पैदा होने वाली प्रतिक्रिया को कहते हैं। एलर्जी से जुकाम और साइनोसाइटिस हो सकता है लेकिन यह जरूरी नहीं कि हर बार ऐसा हो ही। असल में, साइनोसाइटिस साइनस की अंदरुनी सतह में सूजन को कहते हैं जो बैक्टीरिया या वायरस के संक्रमण से पैदा हो जाती है।
साइनोसाइटिस दो तरह के होते हैं-एक्यूट और क्रॉनिक। साइनोसाइटिस से पहले जुकाम और प्रदूषण की वजह से गले में खिचखिच पैदा होती है। इसी के साथ नाक बंद होना, नाक बहना और बुखार जैसी शिकायतें होने लगती हैं। अगर ये लक्षण कई दिनों तक बने रहे तो ये एक्यूट साइनोसाइटिस हो सकता है। और अगर साइनोसाइटिस बार-बार होने लगे या तीन महीने से ज्यादा समय तक बना रहे तो ये क्रॉनिक साइनोसाइटिस हो सकता है।
लक्षण को गंभीरता से लें
कई बार हम इन लक्षणों को मामूली जुकाम या खांसी समझकर घरेलू उपचार के भरोसे बैठे रहते हैं। हो सकता है कि कुछ दिनों के लिए हमें इन उपचारों से आराम मिल भी जाए, लेकिन अगर यह साइनोसाइटिस हुआ तो बाद में हमारी तकलीफ बढ़ सकती है। साइनस असल में खोपड़ी में खोखली जगह को कहते हैं जो खोपड़ी में हलकापन लाती है। साइनस से नाक के अंदर नमी बनी रहती है और सांस लेने पर सांस को सूखने नहीं देती।
रोग के लक्षण
-नाक या गले के पिछले हिस्से से गाढ़े पीले या हरे रंग का स्त्राव
-नाक का बंद होना
-आंख, नाक या गला में सूजन आना
-सूंघने और स्वाद महसूस करने की क्षमता का कम होना
-चेहरे या सिर में दर्द होना
-आंख, नाक, गला और माथे के आसपास की त्वचा का नाजुक लगना
-सांस लेने में कठिनाई होना
-सांस से बदबू आना
-चिड़चिड़ापन, थकान या जीव मचलाना
-क्रॉनिक साइनोसाइटिस का इलाज
-कान, नाक और गला विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए।
-नाक की एंडोस्कोपी और सीटी स्कैन
-मुंह के रास्ते लिए जाने वाले स्टीरॉयड
-म्यूकस को पतला करने वाली दवाएं
-नाक में डाले जाने वाले स्टीरॉयड
-नेजल और साइनस कल्चर
इलाज से डरें नहीं
एक अध्ययन से यह बात सामने आई है कि ज्यादातर मरीज इसका इलाज कराने से डरते हैं। कई बार दर्द की आशंका के चलते तो कई बार जानकारी न होने की वजह से ऐसा करते हैं। यह धारणा भी उन्हें इलाज कराने से रोकती है कि सजर्री की वजह से सिर्फ अस्थायी समाधान होगा(करूणा कृति,हिंदुस्तान,दिल्ली,16.5.12)।
बहुत अच्छी जानकारी दी है यहा भी पधारे www.yunik.blogspot.com
जवाब देंहटाएंआपके ब्लॉग पर कोई पोस्ट दिख नहीं रही है।
हटाएंतहे दिल से शुक्रिया......
जवाब देंहटाएंआपके ब्लॉग पर लिखी हर पोस्ट के लिए....
सादर.
इस रोग के लक्षण बताने के लिये आभार ,......
जवाब देंहटाएंयह बहुत ज्ञानवर्धक और उपयोगी प्रस्तुति है....
जवाब देंहटाएंसादर आभार।
जानकारी के आपका बहुत बहुत आभार !
जवाब देंहटाएंइस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - ब्लॉग बुलेटिन की राय माने और इस मौसम में रखें खास ख्याल बच्चो का
विस्तृत जानकारी लिए है साइनस की सूजन पर .इसे हलके में न लें ,ला -इलाज़ हो जायेगी .....कृपया यहाँ भी पधारें -
जवाब देंहटाएंये है बोम्बे मेरी जान (अंतिम भाग )
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/
ये है बोम्बे मेरी जान (अंतिम भाग )
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/2012/05/blog-post_22.html
ram ram bhai
मंगलवार, 22 मई 2012
:रेड मीट और मख्खन डट के खाओ अल्जाइ -मर्स का
http://veerubhai1947.blogspot.in/
विस्तृत जानकारी लिए है साइनस की सूजन पर .इसे हलके में न लें ,ला -इलाज़ हो जायेगी .....कृपया यहाँ भी पधारें -
जवाब देंहटाएंये है बोम्बे मेरी जान (अंतिम भाग )
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/
ये है बोम्बे मेरी जान (अंतिम भाग )
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/2012/05/blog-post_22.html
ram ram bhai
मंगलवार, 22 मई 2012
:रेड मीट और मख्खन डट के खाओ अल्जाइ -मर्स का
http://veerubhai1947.blogspot.in/
ram ram bhai
जोखिम बढ़ाओ
Very nice
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