शनिवार, 12 मई 2012

कसरत के साथ डाइटिंग है घातक

नियमित आहार और डायटिंग के बाद भी वज़न कम नहीं कर पा रहे हैं? कहीं आपकी ही कुछ आदतें तो इन प्रयासों पर पानी नहीं फेर रही। कसरत का पूरा फ़ायदा उठाने और वज़न कम करने के लिए यह समझना बहुत ज़रुरी है कि ये प्रक्रिया जिम तक ही सीमित नहीं होती। दिनभर की सभी गतिविधियों को सक्रियता से करें। स्वास्थप्रद आहार लें और एक ही हफ्ते में १० किलो वज़न कम करने के लिए अत्यधिक व्यायाम या फिर भूखे मरने जैसे अत्याचार खुद पर कभी भी न करें। 

गिनते हैं हर कैलोरी? 
अपने खाने का एक-एक निवाला सोच-समझ कर लेते हैं और जब कैलोरी गिनने की बात आती है तो आप किसी कैलक्युलेटर से कम नहीं। खाना खाते हुए आपका उद्येश्य पेट भरने के बजाय कैलोरी गिनना ही होता है। पेट भरे न भरे निर्धारित कैलोरी पूरी होते ही आपका भोजन हो जाता है। इस तरह मानव कैलक्युलेटर बनने और भूखे रहने के बाद भी वज़न कम न हो सके तो इतनी मशक्कत का क्या फ़ायदा? 

अक्सर कहते हैं कि खाने के पहले सोचना चाहिए क्योंकि बिना साचे-समझे कुछ भी खा लेने की आदत से वज़न बढ़ने की आशंका रहती है। वज़न कम करने के लिए कैलोरी का मोटा-मोटा हिसाब रखना भी ठीक है लेकिन ग़लती तब होती है जब व्यक्ति एक-एक कैलोरी गिनने के चक्कर में लग जाता है। 

विशेषज्ञों का मानना है कि वज़न कम करने के इच्छुक अक्सर यही ग़लती करते हैं। इस तरह कैलोरी गिनने से अक्सर पेट नहीं भर पाता है और हर समय भूख लगती रहती है। ऐसे में दिमाग़ तक पोषण की कमी के संकेत पहुँचने लगते हैं और भूख बढ़ जाती है। बेहतर यही होगा कि भोजन में धीरे-धीरे परिवर्तन किए जाएँ। हर समय भूख बनी रहने से शरीर फैट को जलाने के बजाय इसे इकठ्ठा करने लग जाता है। 

विशेषज्ञों का मानना है कि भूखे रहने से,खासकर कसरत के बाद कुछ भी न खाने से शरीर में फैट इकट्ठा होने लगता है और मांसपेशियां बनने की बजाए टूटने लगती हैं। मांसपेशियों से शरीर को आकार मिलता है। भूखे रहने से पानी और इसमें घुलनशील विटामिन्स की कमी होने लगती है। इससे चयापचय दर हृदय की मासपेशियां और रक्त में शर्करा का स्तर प्रभावित होने लगता है। 

यानी,कसरत करने का शरीर को जो फायदा होने वाला था,वो आपके भूखे रहने के कारण नुक़सान में बदल जाता है। इसके विपरीत,आप सोचते हैं कि कसरत और डायटिंग दोनों कर रहे हैं तो वज़न झटपट कम हो जाएगा। इस तरह से वज़न कई बार घट भी जाता है लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए बहुत नुकसानदेह होता है। इससे शरीर क़मज़ोर होता है। अब ज़रा याद कीजिए कि आपने वज़न घटाने की कोशिशें क्यों शुरू कीं? सेहत की खातिर ही न? तो अब भूखे रहने की बजाय उचित आहार लेने की ओर ध्यान दें। वज़न कर करने की बजाय अतिरिक्त चर्बी से निज़ात पाने के लिए प्रयास करें। 

थोड़े-थोड़े समय के अंतराल से कुछ न कुछ खाते रहें। कार्बोहाइड्रेट,प्रोटीन,विटामिन,मिनरल,फाइबर और फैट,संतुलित आहार के इन सभी घटकों को अपने आहार में ज़रूर शामिल करें। किसी भी घटक से परहेज़ न करें। बल्कि,सभी को उचित मात्रा में नियमित रूप से लें। 

कसरत करें मन लगा कर 
व्यायाम करते हुए इसे ध्यानपूर्वक करना ज़रुरी है। ध्यान कहीं और होने से चोट लगने का जोखिम होता है और चोट के कारण आपको कुछ दिनों तक व्यायाम रोकना पड़ सकता है। भले ही आप शारीरिक कसरत कर रहे हों लेकिन इसका मतलब यह नहीं है दिमाग़ का इसमें कोई काम ही नहीं है। शरीर और दिमाग़ के सही तालमेल से ही आप उचित ढ़ंग से व्यायाम कर पाएँगे। व्यायाम करते हुए ध्यान कहीं और होने से आपकी तकनीक, पॉश्चर और इंटेंसिटी प्रभावित होती है। इस तरह से कसरत का पूरा लाभ नहीं मिलता है। वही व्यायाम करें जिसमें आपका मन लगता हो। जिम में कसरत पसंद न हो तो वहाँ अनमने ढ़ंग से व्यायाम करने से बेहतर है कि आप अपने लिए कोई अन्य विकल्प चुनें और इसे पूरे मनोयोग से करें(डॉ. संजीव नाईक,सेहत,नई दुनिया,अप्रैल 2012 चतुर्थांक)।

8 टिप्‍पणियां:

  1. नमस्‍कार सर ज्ञानवर्धक्‍ जानकारी है मेने आपके ब्‍लाग को मेरे ब्‍लाग पर दर्शाया है ब्‍लाग पर आकर मार्गर्शन करे yunik27.blogspot.com

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  2. फायदे की बात बताई आपने.
    http://www.blogkikhabren.blogspot.in/2012/05/sexual-relationship.html

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  3. अच्छा लेख है .
    वज़न कम करने के लिए दोनों ज़रूरी हैं -- खाना कम , कसरत ज्यादा .
    लेकिन एक संतुलन भी ज़रूरी है . यानि धीरे धीरे खाना कम करें और धीरे धीरे कसरत बढ़ाएं .

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  4. आपकी लेखनी को सलाम | बहुत ही संजीदगी से लिखी हुई पन्तियाँ | धन्यवाद यहाँ भी आयें - www.akashsingh307.blogspot.in

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  5. लगे रहो मित्र

    http://aikajnabee.blogspot.in

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