शुक्रवार, 20 अप्रैल 2012

हड्डियों के संक्रमण की पहचान

बैक्टीरिया का संक्रमण हड्डियों में भी हो सकता है, यह आमतौर पर घुटनों को प्रभावित करता है। हड्डियों के संक्रमण को ओस्टियोमायलाइटिस कहते हैं। आमतौर पर यह बच्चों को होता है और घुटने के पास की हड्डी प्रभावित होती है।

लक्षण 
हड्डी में संक्रमण होने पर बच्चे को बुखार आता है और प्रभावित हिस्से (हाथ या पैर) में तेज़ दर्द भी होता है। यदि संक्रमण बच्चे के घुटने में है तो उस हिस्से को छूने पर भी तीव्र दर्द की शिकायत करता है। दर्द इतना अधिक होता है कि वो पैर हिला भी नहीं पाता। संक्रमित हिस्से के ऊपर की त्वचा अक्सर लाल हो जाती है, सूज जाती है और छूने पर गर्म महसूस होती है। बच्चे को उल्टियाँ और मितली हो सकती हैं और वो सुस्त और कमज़ोर होने लगता है। क्रॉनिक ओस्टियोमायलाइटिस में मवाद फैलकर त्वचा से बाहर निकलने लगता है। संक्रमण बढ़कर अन्य जोड़ों को भी प्रभावित कर सेप्टिक आर्थ्राइटिस का रुप ले सकता है।

कारण 
आमतौर पर ओस्टियोमायलाइटिस के लिए स्टेफाइलोकॉकस ऑरियस नामक बैक्टीरिया ज़िम्मेदार होता है। इसके अलावा भी कई बैक्टीरिया ज़िम्मेदार हो सकते हैं और कभी-कभी यह फंगल संक्रमण के कारण भी हो सकता है। घाव का संक्रमण भी आसपास की हड्डी तक पहुँच सकता है। आमतौर पर यह एक साल से छोटे बच्चों को और ३-१० साल के बच्चों में होता है। लड़कियों के मुकाबले लड़के अधिक प्रभावित होते हैं। ओस्टियोमायलाइटिस के लक्षण दिखाई देने पर बच्चे को जाँच के लिए अस्पताल लेकर जाना पड़ता है। रक्त की जाँच करके संक्रमणकारी बैक्टीरिया का पता लगाया जाता है। पस की आशंका होने पर हड्डी से सुई के ज़रिए नमूना लिया जाता है। एक्स-रे से हड्डी को हुई क्षति के बारे में पता लगाया जा सकता है। हड्डी का अल्ट्रासाउंड स्कैन भी मददगार हो सकता है। इलाज के लिए कई हफ्तों तक एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं। 

स्थिति गंभीर होने पर मवाद और संक्रमण को साफ करने के लिए सर्जरी भी करनी पड़ सकती है। दर्द कम होने तक आराम की सलाह दी जाती है। कुछ समय बाद फिज़ियोथैरेपी भी इलाज के लिए महत्वपूर्ण होती है। अधिकतर छोटी उम्र के बच्चे पूरी तरह ठीक हो जाते हैं। बड़े बच्चों में हड्डी विकसित हो जाती है। ऐसे में यदि संक्रमण से हड्डी क्षतिग्रस्त होती है तो यह विकृति स्थाई हो सकती है।(डॉ. प्रदीप श्रीवास्तव,सेहत,नई दुनिया,अप्रैल द्वितीयांक 2012)

6 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत उपयोगी जानकारी...

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  2. एक दम से नै जानकारी बढ़िया पोस्ट .

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  3. बहुत से सवालों को हल करते हुए ख़ुद सवाल खड़ा करती हुई बेहतरीन तख़लीक़.

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  4. अच्छी जानकारी...
    मेरे एक करीबी मित्र के बेटे को हुआ था.....तब बहुत हैरानी हुई थी.......तब डॉक्टर्स को पहले टी.बी. का शक हुआ था....

    शुक्रिया...

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