जीवन भर हम करते रहते हैं, खुशियों की तलाश। इस तलाश में हमें कभी भूलना नहीं चाहिए कि जीवन की सभी खुशियों का बस एक आधार है, वह है स्वस्थ शरीर। अगर शरीर स्वस्थ न हो तो चिंता का प्रसन्न रहना मुश्किल है। मगर जिस युग में हम जी रहे हैं, उस युग में पूर्ण स्वस्थ रहना भी एक बड़ी चुनौती है। कई ऐसे रोग हैं, जिनसे हर किसी का सामना कभी न कभी होता ही है। ऐसा ही एक रोग है — मधुमेह, जिसे लोग डायबिटीज के नाम से भी जानते हैं। आज की इस भागम-भाग वाली ज़िंदगी में संयमित खानपान व नियमित दिनचर्या को अपनाना अधिकतर लोगों के लिए संभव नहीं होता और इसका नतीजा निकलता है कि लोग इस लाइलाज बीमारी के शिकार हो जाते हैं। मधुमेह एक मेटाबॉलिक रोग है। इसमें शरीर इन्सुलिन का या तो उत्पादन नहीं कर पाता या कोशिकाएं शरीर द्वारा बनाए गए इन्सुलिन को ग्रहण नहीं कर पातीं, जिस कारण खून में चीनी की मात्रा अनियमित हो जाती है।
मधुमेह के मुख्य लक्षण यह हैं कि इससे पीड़ित व्यक्ति को सामान्य से अधिक भूख व ह्रश्वयास लगती है, लघुशंका के लिए बार-बार जाना होता है और रोगों के प्रति उसकी प्रतिरोधक क्षमता नष्ट होती रहती है। एक बार अगर किसी को मधुमेह हो जाए तो मुक्ति पाना लगभग नामुमकिन होता है, फिर जीवन भर लोग इस रोग को नियंत्रित करने की कोशिश में लगे रहते हैं। जमाना बदल रहा है, विज्ञान ने प्रकृति की ताकत को समझते हुए कुछ ऐसे आविष्कार किए हैं, जो लोगों की ज़िंदगी में महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं। ऐसी ही एक पहल की है, जयपुर के हैनीमैन चेरिटेबल मिदान सोसायटी द्वारा संचालित सनराइज एग्रीलैंड डवलपमेंट एंड रिसर्च प्रा.लि. के निदेशक अतुल गुह्रश्वता ने। उन्होंने दावा किया है कि वर्षो के लगातार शोध के बाद यह पता लगाया जा चुका है कि स्टीविया नाम की एक बूटी है, जिससे मधुमेह पर पूरी तरह से काबू पाया जा सकता है। स्टीविया सामान्य चीनी से 300 गुना अधिक मीठी होती है, पर इसके नियमित इस्तेमाल
से मधुमेह के कष्टों से आज़ादी मिल सकती है। इस बूटी का इस्तेमाल चीनी की जगह
मिठास के लिए किया जाता है, लेकिन चीनी की तरह इसमें गैर जरूरी कैलोरीज़ की मात्रा नहीं होती। गौरतलब है कि मधुमेह के अलावा स्टीविया दांतों, उच्च रक्तचाप, त्वचा, हृदय संबंधी बीमारियों से भी निजात दिलाने में कारगर है(अहा ज़िंदगी,11.3.12)।
bahut upyogi hai.
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंआभार ||
स्टीविया दवा भी है और इसके उत्पादन में अच्छा मुनाफ़ा भी है।
जवाब देंहटाएंकिसान इस विषय में जागरूक हो रहे हैं।
Nice post.
राधारमण जी , यह बूटी सुगर की जगह इस्तेमाल तो की जा सकती है . लेकिन इससे मधुमेह ठीक कैसे होगा . एक अवधि के बाद सभी तरह के डाईट कंट्रोल के बाद भी ब्लड सुगर हाई रहने लगता है जिसे दवा या इंसुलिन से ही नियंत्रित किया जा सकता है . वैसे भी मार्केट में कई तरह के सुगर विकल्प उपलब्ध हैं .
जवाब देंहटाएंअफ़सोस तो यह है की diabetes का कोई इलाज है ही नहीं . एक ही उपाय हो सकता है --पेनक्रियाज ट्रांसप्लांट . हालाँकि अभी तक ऐसा हुआ है या नहीं , हमें भी ज्ञान नहीं .
पता चला है की पेन्क्रिआज ट्रांसप्लांट दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल में किये जाते हैं . यह diabetes type I में किये जाते हैं . अक्सर किडनी ट्रांसप्लांट के साथ किया जाता है .
जवाब देंहटाएंलेकिन कीमत और जीवन भर दवाओं का खर्च उठाना पड़ेगा .
चलिए,शुरुआत तो हुई। शुभ सूचना है। आभार।
हटाएंhanso to sugar nahi hogi.
जवाब देंहटाएंaapki baat bhi sahi hai dr.Daraal ji ki baat bhi apni jagah sahi hai.
जवाब देंहटाएंsarthak post
जवाब देंहटाएंस्टीविया sugar free आदि का replacement है या इसके प्रयोग से डायबिटीज भी ठीक हो सकती है बिना किसी अन्य दवाई के प्रयोग के ?
जवाब देंहटाएंachhi post labhdayek, aabhar ....
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