मंगलवार, 17 अप्रैल 2012

पेल्विक पेनःकहीं कैंसर तो नहीं?

महिलाओं में काफी कॉमन हो चुकी पेल्विक पेन की प्रॉब्लम को हल्के में कतई न लें। गौरतलब है कि पेल्विक पेन कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का लक्षण भी हो सकता है। जानते हैं , इस बारे में : 

आजकल महिलाओं में पेल्विक पेन की प्रॉब्लम काफी कॉमन हो गई है। इस सिचुएशन को हल्के में लेने की बजाय तुरंत सीरियस हो जाना चाहिए , क्योंकि यह प्रीमेंसट्रुअल सिंड्रोम और सीरियस कंडिशन में सर्वाइकल कैंसर तक की निशानी हो सकती है। दरअसल , पेल्विक पेन की असल वजह का पता लगाना काफी मुश्किल होता है और इसी वजह से यह सीरियस प्रॉब्लम में भी कंवर्ट हो सकता है। 

पेल्विक पेन यानी ऐसा दर्द , जो नाभि के नीचे पेट के किसी भी हिस्से में हो सकता है। यह रुक - रुककर या लगातार भी हो सकता है। अक्सर देखने में आता है कि महिलाएं इस तरह के दर्द को सीरियसली नहीं लेतीं। लेकिन अगर आपको इसके साथ बहुत ज्यादा वैजाइनल ब्लीडिंग , लोअर बैक पेन और वैजाइनल डिस्चार्ज हो रहा है , तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। दरअसल , इनकी मदद से आपको पेल्विक पेन की असल वजह का पता लग सकता है। 

अपोलो हॉस्पिटल में कैंसर सर्जन डॉ . राजिंदर कौर सग्गू कहती हैं , ' अपने डॉक्टर को पेल्विक पेन की असल वजह पता लगाने में मदद करने के लिए आपको इस चीज का रेकॉर्ड रखना चाहिए कि आपको यह दर्द कब उठता है , उस वक्त आप क्या कर रही होती हैं और क्या करने से ठीक यह ठीक हो जाता है। खुद को किसी भी तरह के कैंसर से बचाने के लिए आपको विभिन्न प्रकार के कैंसर और उनके लक्षणों की जानकारी होनी चाहिए। ' 

डॉक्टर सग्गू की मानें , तो इन लक्षणों पर नजर रखकर आप अपने डॉक्टर से इनके बारे में डिस्कस कर सकती हैं। इस तरह आपको अपनी बीमारी को शुरुआती स्टेज में पकड़ने में मदद मिलेग और आप डॉक्टर को आसानी से बता पाएंगी कि आपको क्या प्रॉब्लम है। साथ ही , आप अपनी बॉडी में होने वाले चेंज को लेकर भी सावधान रहेंगी। 

गौरतलब है कि पेल्विक पेन गायनेकॉलजिकल कैंसर का लक्षण तो हो ही सकता है। इसके अलावा , यह और भी कई बीमारियों का इंडिकेशन हो सकता है। हो सकता है कि आपको कैंसर की बजाय यूरिनरी इंफेक्शन , किडनी स्टोन , फाइब्राइड ट्यूमर्स या दूसरी किसी बीमारी की वजह से पेल्विक पेन हो रहा हो। 

दरअसल , गायनेकॉलजिकल कैंसर की शुरुआती स्टेज में किसी तरह के लक्षण नजर नहीं आते। लेकिन अगर आपको पेल्विक पेन , पेनफुल इंटरकोर्स , पीरियड के दौरान ब्लीडिंग , इंटरकोर्स के बाद ब्लीडिंग , मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग , हैवी डिस्चार्ज या वैजाइनल डिस्चार्ज जैसी प्रॉब्लम हैं , तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से कॉन्टैक्ट करना चाहिए। ध्यान रखें , शुरुआती चेकअप और ट्रीटमेंट से बड़ी परेशानी से बच सकती हैं(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,1.4.12)।

8 टिप्‍पणियां:

  1. विटामिन डी की कमी से भी ऐसे दर्द इन दिनों भारतीय महिलाओं में कामन बात है

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  2. महिलाओं के स्वास्थ्य की अधिक चिंता करनी चाहिए.

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