लीची हिमालय की पर्वत श्रंखला में पैदा होने वाला रसीला फल है जो अपने विशिष्ट स्वाद और सुगंध के कारण लोकप्रिय है। प्रायः मई से जून तक मैदानी इलाकों में मिलता है।
गुण
-लीची कोलेस्ट्रॉल संतृप्त वसा रहित लो कैलोरी फल है, जिसमें रेशे बहुतायत में होते हैं। यह उन लोगों के लिए बेहद लाभदायी है जो वज़न कम करना चाहते हैं।
-लीची में विटामिन-सी प्रचुर मात्रा में होता है। विटामिन-सी एक प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट है जो प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ संक्रामक रोगों से बचाव करता है व बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम करता है।
-लीची में थायमीन, नायसीन और फोलिक एसिड जैसे विटामिन-बी कॉम्प्लेक्स भी पाए जाते हैं। विटामिन-बी कॉम्लेक्स शरीर में कार्बोहायड्रेट, प्रोटीन तथा वसा के चयापचय सहायक है।
-लीची से पोटेशियम व तांबा जैसे खनिज लवणों की प्रतिपूर्ति करता है। तांबा लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए आवश्यक है जबकि पोटेशियम कोशिकाओं का एक महत्वपूर्ण घटक होने के साथ रक्तचाप व हृदय गति को नियमित रखता है।
लाभ
-बच्चों की अच्छी वृद्घि : लीची में पाए जाने वाले खनिज तत्व हड्डियों व शरीर के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।
-रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है : कई लोग मौसम बदलने पर, ख़ासकर ठंड के दिनों में खाँसी और बुखार जैसी बीमारियों की चपेट में जल्दी आ जाते हैं। नियमित रुप से लीची खाने से इससे बचा जा सकता है। खाँसी-बुखार से राहत दिलाने के अलावा लीची ट्यूमर ग्रंथियों में सूजन दूर करने में भी सहायक होती है।
-सुंदर त्वचा : लीची त्वचा के दाग़-धब्बों को हटाकर उसे सुंदर व नम बनाती है, रक्त को शुद्घ करती है।
-शक्ति व पूर्तिदायक : लीची से रक्त व शारीरिक क्षमता बढ़ती है। यह बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम करती है साथ ही पाचन क्षमता बढ़ाती है। अध्ययन बताते हैं कि लीची में मौजूद फ्लेवनॉइड्स जैसे तत्व इसे "एन्टी-ब्रेस्ट कैंसर" गुण देती है। इसीलिए लीची का सेवन महिलाओं के लिए विशेष हितकारी है(डॉ. अनीता जोशी,सेहत,नई दुनिया,अप्रैल तृतीयांक 2012)।
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