सोमवार, 23 अप्रैल 2012

त्वचा के लिए विटामिन थेरपी

अगर आप फेयर, सॉफ्ट और ग्लो करती हुई स्किन चाहती हैं, साथ ही रिंकल्स, एक्ने और पिंपल्स से छुटकारा चाहती हैं, तो आपकी हेल्प के लिए मार्केट में कई प्रॉडक्ट्स मिल जाएंगे। हालांकि इन सबमें केमिकल्स होते हैं, जिनका आगे चलकर कोई-न-कोई साइड इफेक्ट तो होता ही है। ऐसे में विटामिन थेरपी एक ऐसी चीज है, जिसका लॉन्ग टर्म में कोई भी नुकसान नहीं होता। दरअसल, अब विटामिंस अब सीरम और कैप्सूल के फॉर्म में मिलने लगी हैं, जिन्हें स्किन पर अप्लाई किया जा सकता है। 

गौरतलब है कि सही क्वॉन्टिटी में और सही तरीके से विटामिंस के इस्तेमाल से आपकी स्किन बेहद खूबसूरत बन सकती है। यही नहीं, स्किन एक्सपर्ट की गाइडेंस में इसे लेने से एजिंग के साइन को भी रिमूव किया जा सकता है। सर गंगाराम हॉस्पिटल के कंसलटेंट डर्मेटालजिस्ट डॉ. रोहित बतरा बताते हैं कि विटामिन थेरपी अभी इंडिया में ज्यादा पुरानी नहीं है। हालांकि वेस्टर्न कंट्रीज में ये बेहद पॉप्युलर हैं। दरअसल, डिवेलप्ड कंट्रीज में अब लोग दवाइयों से भाग रहे हैं। 

सॉफ्ट रखे विटामिन ई 
विटामिन ई एंटी एजिंग है और ड्राईनेस में दिया जाता है। यह सॉफ्टनेस और स्ट्रेच मार्क्स के लिए कारगर है। स्किन के टिश्यू रिपेयर में विटामिन ई का खास रोल है। यही नहीं, यह यूवी-बी एक्सपोजर से हुए नुकसान की भी भरपाई करता है। अगर आपकी स्किन बहुत ड्राई है तो विटामिन ई लगाने और खाने से गजब का बदलाव दिखाई देगा। देखा जाए तो, यह स्किन के अपर लेयर के ओवरऑल ग्लो के लिए जिम्मेवार है। 

स्मूद बनाए विटामिन ए 
विटामिन ए स्मूद बनाता है। विटामिन ए रिंकल्स को बनने से बचाता है। यह स्किन को क्रैक्स से बचाता है, इसे टाइट और स्मूद बनाए रखता है। ध्यान देने वाली बात यह है कि कुछ विटामिंस अगर आपकी बॉडी में जरूरत से ज्यादा चले जाएं, तो आपको प्रॉब्लम भी हो सकती है। सरदर्द जैसी प्रॉब्लम्स आपको घेर सकती हैं। ऐसे में बगैर किसी गाइडेंस के इसे लेना बिल्कुल सही नहीं है। फिर जब रिंकल्स आपके फेस पर आ रहे हैं, तो पूरी बॉडी के लिए इसे खाने से क्या फायदा होगा? 

फेयर बनाए विटामिन सी 
बात अगर फेयरनेस की हो, तो विटामिन सी का रोल सबसे इंपॉर्टेंट होता है। इसे राइट क्वांटिटी में यूज करने से स्किन कलर में कमाल का बदलाव देखा जा सकता है। हालांकि इसके इस्तेमाल के बाद भी सन-एक्सपोजर से बचने की जरूरत होती है। वैसे तो, विटामिन सी को नॉर्मली चबाने वाले कैप्सूल के रूप में भी मिलती है। फिर आप जूस में भी इसे लेते हैं। लेकिन जब इसे फेस पर अप्लाई करने की बात आती है, तब यह जैसे ही हवा के कॉन्टैक्ट में आता है, ऑक्सीडाइज हो जाता है और असर नहीं कर पाता। ऐसे में, चेहरे पर लगाने के लिए खास तौर से बंद कैप्सूल आते हैं। इन्हें खोलते ही लगाना होता है। अगर यह खुला पड़ा रह जाए, तो बेकार हो जाता है। 

नैनो-टेक्नॉलजी 
गौरतलब है कि खाने वाला विटामिन कैप्सूल फेस पर नहीं लगाया जा सकता। डॉ. बतरा बताते हैं कि इन्हें फेस पर लगाने की टेक्नॉलजी नैनो-टेक्नॉलजी है। असल में, इनके अंदर जो विटामिन पार्टिकल होते हैं, वो बेहद स्मॉल होते हैं, ताकि आपकी स्किन के भीतर समा सकें। ये मीटर्ड डोज कैप्सूल इस तरह से बनाए गए होते हैं कि ट्विस्ट करके आसानी से इन्हें खोलकर फेस पर लगाया जा सकता है। 

चूंकि ये विटामिंस हैं, इसलिए इनका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता। इन्हें आप अगर दोबारा भी लगाना चाहें, तो कोई नुकसान नहीं होता। जिन लोगों को मेडिसिन लेने या कोई सर्जरी कराने से ऐतराज है, उनके लिए तो यह बेहद फायदेमंद है। हां, यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि विटामिन थेरपी के लिए आपकी स्किन अनैलेसिस के साथ लाइफस्टाइल के बारे में भी पूरी जानकारी जरूरी होती है। इसलिए आप इसे किसी एक्सपर्ट की गाइडेंस में ही कराएं। 

जब करना हो इंजेक्ट 
आपको कोई शादी या पार्टी अटेंड करनी हो या फिर किसी वजह से चेहरे पर डलनेस आ गई हो, तो ग्लो लाने के लिए विटामिंस को आपकी स्किन में इंजेक्ट भी किया जाता है। विटामिन सी और ग्लूटाथाइऑन का इंजेक्शन अगर पांच-पांच दिन के गैप पर दो से तीन बार लिया जाए, तो बेहतरीन निखार आ जाता है। इसे किसी भी एज ग्रुप में कराया जा सकता है। इंजेक्शन देने में ध्यान रखा जाता है कि विटामिन सी सीधा ब्लड में ही जाए। ग्लूटाथाइऑन वैसे तो प्रोटीन ही है। लेकिन ये आपकी बॉडी के अंदर जाकर कॉम्प्लेक्शन के लिए काम करती हैं। बताते चलें कि विटामिन ई इंजेक्ट नहीं किया जाता। 

क्या है खर्च 
खास बात यह है कि विटामिंस का इस्तेमाल ज्यादा महंगा भी नहीं हैं। ये आपके ब्यूटी पार्लर के खर्चों वाले बजट में ही फिट बैठेंगे। जहां बोटॉक्स वगैरह में एक ही बार में 10-15 हजार रुपये खर्च हो जाते हैं, वहीं इस थेरपी में महीने में 1200 रुपए के करीब खर्च आएगा। हां, बोटॉक्स जैसे ट्रीटमेंट का असर आपको उसी वक्त दिखाई देता है, जबकि विटामिन थेरेपी का असर आपको महीने-डेढ़ महीने बाद दिखाई देगा(प्रीतंभरा प्रकाश,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,4.4.12)। 


 नोटःskin color is not of any significance;it can be dark or light.

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