शनिवार, 14 अप्रैल 2012

सायटिका

सायटिका एक प्रकार का कमर दर्द है जिससे शरीर का निचला हिस्सा प्रभावित होता है। यह नसों पर दबाव पड़ने के कारण होता है। 

लक्षण 
आमतौर पर इससे केवल एक पैर ही प्रभावित होता है लेकिन कई बार दोनों पैर प्रभावित होते हैं। कूल्हे, पैर के पिछले हिस्से में, घुटने के पीछे या पैर में दर्द महसूस होता है। दर्द हल्का या गंभीर हो सकता है, चटके भी चल सकते हैं यानी दर्द आता जाता रहता है। कई बार प्रभावित हिस्से में सुन्नपन या झिनझिनी भी होती है। चलते-फिरते, खड़े रहने पर या खाँसते हुए दर्द बढ़ सकता है और लेटने या आराम करने से।

कारण 
साएटिका नर्व पैर की मुख्य नस है। यह मानव शरीर की सबसे बड़ी नस है। यह रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से से शुरु होकर जांघ से होते हुए घुटने तक पहुँती है, जहाँ से यह कई शाखाओं में बंट जाती है। सायटिका का दर्द रीढ़ की हड्डी के पास सायटिक नस के शुरुआती हिस्से में इसपर दबाव पड़ने के कारण होता है। नस के क्षतिग्रस्त होने पर भी दर्द होता है। 

वृद्घावस्था में ओस्टियोआर्थ्राइटिस जैसी बीमारी के कारण स्पाइन में परिवर्तन आने लगते हैं। ऐसे परिवर्तनों की वजह से साएटिका नस दबने लगती है और दर्द का कारण बनती है। हड्डियों की अन्य बीमारियाँ या कमर की चोंट भी इसका कारण बन सकती है। कई बार अजीब ढ़ंग से बैठने के कारण भी सायटिका हो जाता है। जेनाइटल हिस्से या कूल्हों में सुन्नपन, पेशाब न कर पाना, मांसपेशियों का लगातार कमज़ोर होते जाना आदि सभी सायटिका के गंभीर लक्षण हैं। ऐसे में तुरंत चिकित्सकीय देखरेख की ज़रुरत होती है।  

इलाज  
सायटिका का दर्द कई बार अपने आप ही ठीक हो जाता है। सायटिका के लक्षण दिखाई देने पर पूरा आराम करें। कुछ दिनों का बेड रेस्ट भी करना पड़ सकता है। आराम के अलावा आगे की ओर झुकना, भारी सामान उठाना और ज़मीन पर बैठने से बचें। इसके बाद भी यदि कुछ दिनों में दर्द ठीक न हो तो विशेषज्ञ से संपर्क करें। एपिड्यूरल इंजेक्शन दवाओं से इलाज करने पर भी कोई फायदा न होने पर सर्जरी करनी पड़ सकती है। तीव्र दर्द से पीड़ित मरीज़ों में सर्जरी कर डिस्क निकाल दी जाती है।  

बचाव 

-अपना वज़न बढ़ने न दें। अपनी क्षमता से अधिक भारी सामान न उठााएं। यदि भार उठाना पड़ ही जाए तो इसे सही तरीके से उठाएं। भार उठाते हुए कमर से झुकने की बजाय पैरों को मोड़कर सामान उठाएं।

-सही पॉश्चर में बैठें। लंबे समय तक एक ही स्थिति में न बैठें। कमर पर पूरा ज़ोर डालकर कभी भी न बैठें।

-नियमित व्यायाम करें। कमर को लचीला बनाने के व्यायाम करें(डॉ. पंकज जैन,सेहत,नई दुनिया,अप्रैल द्वितीयांक 2012)।

9 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छी जानकारी देती पोस्ट ... आभार

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  2. बहुत उपयोगी जानकारी...आभार

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  3. अच्छी जानकारी आभार ...

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  4. बहुत उपयोगी जानकारी

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  5. जनवरी 2012 से दिन पहले की बात है कि श्याटिक पेन की वजह से हम महज़ एक लाश बन कर रह गए थे।
    ज़िंदगी में यह पहला वक्त था जब कि हम ख़ुद तो हिल ही नहीं पाए। हमारी अहलिया मोहतरमा ने हमें करवट दिलानी भी चाही तो चीख़ें निकल गईं। सुबह फ़ज्र की नमाज़ बिस्तर पर लेटकर इशारे से ही अदा की।
    उम्मीद थी कि दोपहर में शायद हालत कुछ संभल जाए लेकिन दोपहर की नमाज़ भी ऐसे ही अदा करनी पड़ी। इसके बाद हमने अपने एक बुज़ुर्ग को फ़ोन किया कि हज़रत दुआ कीजिए।
    उन्होंने कहा कि दुआ भी करते हैं और दवा भी मंगा लीजिए।
    रस टॉक्स 1 एम. की एक ख़ुराक ने 1 घंटे में ही दर्द को दूर कर दिया और अस्र की नमाज़ हमने बैठ कर अदा की।

    दरोग़ा त्यागी ने एक दिन अपनी व्यथा बताई कि मुझे यह दर्द 10 साल से था। किसी दवा से यह न गया। हार सिंगार के पत्तों के काढ़े से भी यह न गया।
    यह गया हसलैब के ड्रॉक्स 24 श्याटिक से।
    यह एक होम्योपैथिक कंपाउंड है।
    होम्योपैथिक चिकित्सक से मिलकर मुनासिब दवा लें। यह तकलीफ़ दूर हो जाएगी।
    हमारे मित्र डा. नदीम इस बीमारी को कैल. फ़्लोर से दूर करते हैं।

    अच्छी जानकारी के लिए शुक्रिया ।

    See
    http://hbfint.blogspot.com/2012/04/best-hindi-blogs.html

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  6. जानकारी के लिए शुक्रिया.

    सादर.

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  7. mere per ki nas raat ko sote samay chad gai ha theek nahi ho rahi ha

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  8. Mai Sciatica pain se karib 2 saal se pidit hu kamar se lekar ghutno ke pichhe tak dard hota hai, jyada der baithne par pair ekdum se akad jate hai. maine bahot dawa ki par thik nhi ho raha hai allopathic, homeopathic sabhi dawa ki MRI bhi karwai to nikla ki kamar ki nas dab gyi hai. abhi mai homeopathic dawa kha rha hu jab tak dawa khata hu thik rahta hai dawa chodne ke baad fir se dard bad jata hai,aap se anurodh hai ki kuchh sujhav de

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