मंगलवार, 10 अप्रैल 2012

गर्मियों में भी करें कसरत

नियमित कसरतों का महत्व कभी कम नहीं होता। आमतौर पर महिलाओं को यह भ्रम होता है कि वे दिन भर ख़ूब काम करती हैं, इसलिए उन्हें कसरत की जरूरत नहीं, लेकिन यह सच नहीं है। नियमित कसरतों का महत्व कभी कम नहीं होता। गर्मियों की छुट्टियाँ गृहणियों के लिए काफी व्यस्तता लाती हैं। व्यस्तता के बीच से निकाले गए १० मिनटों की सख्त कसरतें फिट रखने के लिए पर्याप्त हैं। इसे दिन भर के रूटीन में शामिल किया जा सकता है, अलग से समय निकालने की जरूरत नहीं होती। 

कामकाजी महिलाओं के लिए कसरत के लिए वक्त निकालना मुश्किल होता है गृहणियों के लिए भी कोई आसान नहीं होता। यह भ्रम है कि गृहणियाँ घर की सुख सुविधाओं के बीच आराम करती हैं, इसलिए वे कसरत के लिए आसानी से समय निकाल सकती हैं। सच तो यह है कि नियमित कसरत करने के लिए महिलाओं को खुद समय निकालना होता है। सेहत से समझौता उन्हीं के लिए घातक हो सकता है। गृहणियों के लिए गर्मियों की छुट्टियों में रूटीन काम का बोझ पहले से अधिक हो जाता है। 

सक्रिय रहें

-किराने की दुकान अथवा सब्जी की दुकान तक बार-बार पैदल जाने की आदत डालें। जरूरी नहीं कि आप पूरी खरीददारी एक दिन में ही कर डालें। आप चाहें तो खरीददारी टुकड़ों में भी कर सकती हैं। इससे यह फायदा होगा कि आप हल्के वजन के कैरी बैग रोज या एक दिन छोड़कर उठाकर लाने लगेंगी। इससे जो कसरत होगी वह आपके लिए फायदेमंद साबित होगी। यदि यह संभव न हो तो अलसुबह पैदल सैर पर घूमने निकलना भी किसी नियामत से कम नहीं है।

-घर पर रहते हुए भी अधिक सक्रिय किस तरह रह सकती हैं उस उपाय को खोजें। किसी भी काम को बोझा समझकर न करें। कसरत करने की इच्छाशक्ति विकसित करें। 

-महरी के काम में हाथ बँटाने से भी आपकी अच्छी-खासी कसरत हो सकती है। बगीचे में माली के साथ भी मशक्कतक की जा सकती है। यदि संभव हो तो घर की छत पर कसरत करने के कुछ उपकरण लगाए जा सकते हैं जिनमें वॉकर या स्थिर साइकल कारगर हो सकते हैं। 

-घरेलू महिलाएं अपने व्यस्त जीवन में यदि दो घंटे एक्स्ट्रा जोड़ना चाहती हैं तो सबसे अच्छा उपाय है जल्दी उठना। यदि आप 7.30 बजे तक उठती हैं तो कुछ दिनों के लिए 7 बजे उठने की कोशिश करें। आप देखेंगी कि आपको काम में जुटने के लिए 30 मिनट एक्स्ट्रा मिल गए। इसी तरह,यदि आप 6 बजे उठने लगें तो आपके पास 1 घंटा और 30 मिनट अतिरिक्त होंगे। 

-टीवी के सामने बैठने के समय में कटौती कर दें। इससे आपके पास शाम की कसरत के लिए समय निकल सकता है। आप खुद के लिए हर दिन कुछ समय अवश्य निकालें। नियमित कोई न कोई कसरत ज़रूर करें। इससे आप चुस्त और दुरूस्त रहेंगी। 

ऑफिस, घर और बच्चे 
-कामकाजी महिलाओं को नौकरी के साथ-साथ माँ बनने की अहम जिम्मेदारी भी निभाना पड़ती है। ऑफिस और घर के बीच तालमेल बैठाने में अतिरिक्त कवायद हो जाती है। थकान के कारण इस तरह की महिलाएँ नियमित कसरत से जी चुराने लगती हैं। उनके ये विकल्प भी हैं-

-बच्चों के साथ खूब खेलें। उन्हें स्वीमिंग पूल ले जाएँ या फिर बगीचे में दौड़ भाग करें। इतनी कसरत कर लें कि थक जाएँ। संयुक्त परिवार में रहती हो तो आप किसी को बच्चा सौंपकर कसरत करने बाहर निकल सकती हैं।

-यदि आपका बच्चा स्कूल जाने की उम्र का हो तो आप उसे पैदल स्कूल तक छोड़ने के लिए समय निकाल सकती हैं। इससे बच्चे में भी नियमित कसरत के प्रति रुझान पैदा होगा आप भी अधिक सक्रिय रह सकेंगी(डॉ. शैफाली ओझा,सेहत,नई दुनिया,मार्च चतुर्थांक 2012)।

7 टिप्‍पणियां:

  1. waah bahut acche tips a apke k ai tips m eri niy mit d in ch ary a h ai . . . .

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  2. यदि सुबह सुबह की जाये तो अति उत्तम -

    बाद में गर्मी बढ़ जाती है ।

    आभार ।।

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  3. कामकाजी महिला हो चाहे गृहिणी हो सबके लिये नियमित कसरत जरुरी है !
    बहुत बढ़िया जानकारी आभार !

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  4. बढ़िया सुझाव है !
    शुभकामनायें आपको !

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  5. -बच्चों के साथ खूब खेलें। उन्हें स्वीमिंग पूल ले जाएँ या फिर बगीचे में दौड़ भाग करें। इतनी कसरत कर लें कि थक जाएँ।..
    राधा रमण जी उपयोगी लेख ..अच्छा सुझाव ,,हेल्थ इज वेल्थ ...जय श्री राधे
    भ्रमर ५
    भ्रमर का दर्द और दर्पण
    प्रतापगढ़

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