सोमवार, 9 अप्रैल 2012

पीलिया और हल्दी

आँखों में पीलापन, चमड़ी में पीलापन एवं पेशाब में पीलापन आता है तो उस व्यक्ति को पीलिया या जांडिस होने की आशंका रहती है। पीलिया होने के कई कारण होते हैं। जैसे कि लीवर में वायरल इंफेक्शन, अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन, लीवर को नुकसान पहुँचाने वाली दवाएँ, पीलिया का मुख्य कारण हैं। इसके अलावा पित्त नलिका में रुकावट, पथरी या कैंसर द्वारा भी पीलिया होता है। यदि रक्त कोशिकाएँ ज्यादा मात्रा में टूटती हैं तो भी मरीज को पीलिया हो सकता है। 

पीलिया होने के अन्य कारण भी हैं। वायरल हिपेटाइटिस इनमें प्रमुख हैं, क्योंकि यह दूषित पेयजल एवं भोजन लेने से होता है। गर्मियों के समय में इस बीमारी का प्रकोप ज्यादा रहता है, क्योंकि इस समय दूषित जल ज्यादा उपयोग में आता है और आमतौर पर ये वायरस ए और वायरस ई से होता है। इसके अलावा सी एवं डी वाइरस से भी पीलिया होता है, पर ये अक्सर दूषित रक्त एवं इंजेक्शन द्वारा फैलता है। 

बी एवं सी वायरस वाला पीलिया ज्यादा खतरनाक होता है, क्योंकि इसमें लीवर सिरोसिस होने की आशंका रहती हैं। बी वायरस वाले पीलिया को टीके लगाकर रोका जा सकता है और ये टीके सभी लोगों को लगवाना चाहिए। दूषित जल एवं भोजन द्वारा जो पीलिया फैलता है, वो लीवर में सिरोसिस या क्रोनिक इंफेक्शन नहीं करता है। 

आम पीलिया के जो लक्षण हैं, उसमें मरीज को एक-दो दिन के लिए बुखार आ सकता है, जी मचलाता है, भूख नहीं लगती एवं आँखें एवं पेशाब का रंग पीला पड़ जाता है। ज्यादातर मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ती है व किसी विशेष इलाज की जरूरत नहीं पड़ती है, पर ये अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि मरीज पूर्ण रूप से आराम करे एवं भोजन ले। पीलिया के दौरान काम करने या थकान आने से पीलिया बिगड़ सकता है एवं गंभीर स्थिति में मरीज बेहोशी में भी जा सकता है। जो मरीज खाना नहीं खा पाते या जिन्हें उल्टियाँ होती हैं, उन्हें भर्ती करके सलाइन चढ़ा दी जाती है। ऐसे मरीजों की संख्या कम होती है। 

फोटोथेरेपि से इलाज  
जन्मजात पीलिया से पीड़ित बच्चों का इलाज सफेद रोशनी (फोटोथेरेपि) से किया जाता है। शरीर में बिलिरुबिन पिगमेंट का अत्यधिक उत्पादन होने पर यह शरीर में इक्ठ्ठा होने लगता है, यही पीलिया का कारण बनता है। नीली रोशनी से बिलिरुबिन की संख्या घट जाती है। ऊपर दिए गए चित्र में जन्मजात पीलिया से पीड़ित शिशु को अल्ट्रावॉयलेट लैंप के ज़रिए फोटोथेरेपि दी जा रही है। 

फोटोथेरेपि से पीलिया का इलाज आइसोमराइज़ेशन प्रक्रिया पर आधारित है। इसमें बिलिरूबिन परिवर्तित होकर पानी में घुलने लायक बन जाता है। पानी में घुलनशील होने के कारण यह आसानी से शरीर से बाहर निकल जाता है। फोटेथेरेपि में मुख्य रूप से नीली रोशनी का इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि ह बिलिरुबिन को परिवर्तित करने में काफी प्रभावशाली होती है। 

हल्दी खाएँ या नहीं 
जागरूकता की कमी के कारण पीलिया के रोगियों को हल्दी से परहेज़ कराया जाता है, जबकि यह सरासर ग़लत है। याद रखें कि हल्दी खाने से पीलिया नहीं होता। इसलिए सादा भोजन, जिसमें हल्दी हो तो भी ले सकते हैं। छोटी उम्र में आमतौर पर ए वायरस का इंफेक्शन होता है एवं वयस्कों को आमतौर पर ई वायरस का इंफेक्शन होता है। गहरे पीलिया में शरीर में खुजली हो सकती है एवं मल का रंग सफेद हो सकता है। अगर मरीज को पीलिया के लक्षण लगते हैं तो उसे तुरंत चिकित्सक की सलाह लेना चाहिए एवं जाँच करवाना चाहिए। स्वच्छ भोजन एवं जल का उपयोग करें। हो सके तो गर्मी में पानी उबालकर पिएँ एवं कटे हुए फल-कच्ची सब्जियाँ न खाएँ, जिससे कि इंफेक्शन होने से रोका जा सके एवं पीलिया से बचा जा सके(डॉ. सुनील जैन,सेहत,नई दुनिया,मार्च चतुर्थांक,2012)

19 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तर
    1. पीलिया से सम्बंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए आप निचे दिए गए लेख जरूर पड़ें, यहाँ पर पीलिया के बारे में साड़ी जानकारी दी गई हैं, जैसे लक्षण, उपचार, घरेलु इलाज, आयुर्वेदिक इलाज आदि इस रोग में क्या खाये क्या न खाये सब कुछ दिया गया हैं आप इनको एक-एक कर सभी पड़ें ताकि आपको पीलिया के बारे में पूर्ण जानकारी हो जाए.

      जानिये पीलिया के लक्षण - 10 Symptoms Of Jaundice in Hindi

      Jaundice Treatment in Hindi - 31 Ayurvedic Remedies

      पीलिया का इलाज रामबाण व अनोखा घरेलु उपचार इन हिंदी - जरूर पड़े

      हल्दी से करे पीलिया का आयुर्वेदिक उपचार

      पीलिया में क्या खाये और क्या नहीं खाना चाहिए (Jaundice Diet)

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  2. badhiya jankari....
    http://jadibutishop.blogspot.com

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  3. महत्वपूर्ण जानकारी. पहले पेरा में मलेरिया संभवतः गलती से लिखा गया है. सुधार लें.

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  4. पीलिया हो जाए तो डॉक्टर को ज़रूर दिखाना चाहिए । वैद हकीम के चक्कर में न पड़ें । अक्सर पीलिया हिपेटाईटिस की वज़ह से होता है जो स्वत : ठीक हो जाता है । obstructive jaundice का इलाज़ ओपरेशन से ही हो सकता है ।

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  5. हल्दी तो बहुत उपयोगी है. धन्यवाद.

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  6. is samay bacche ka bilirubin 10 hai to kya doctor ko dikhana chahiye ya apne aap dhoop dene se thik ho jayega

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  7. is samay bacche ka bilirubin 10 hai to kya doctor ko dikhana chahiye ya apne aap dhoop dene se thik ho jayega

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  8. Jaundice has turned out to be a big problem among people. You can overcome jaundice treatment with the help of herbal supplement.visit also http://www.hashmidawakhana.org/natural-remedies-for-jaundice-treatment.html

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  9. Jaundinil is an herbal product with a high quality that helps the liver clear from the toxins and chemicals, including alcohol and drugs, and prevents it from damages and diseases.

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  10. Natural jaundice treatment is an effective herbal remedy for treating jaundice. Jaundinil helps strengthen the liver and combats hepatitis and cirrhosis that can cause jaundice.

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  11. जब आपके खून में बिलुरुबिं का मात्रा 2.5 -3mg/dl पार कर जाते है तभी आपका शारीर पीला पड़ने लग जाता है। और हल्दी से पीलिया की घरेलू उपचार कारगर होता है। इस लेख के लिए धन्यवाद

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  12. Is shandaar jankari k liye apka bahut bahut dhanyavad

    M chahta hu ap ISI taraah se saral or kargar gharelu upchar Hume btate rahe

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  13. Jaundice mein haldi khane se jaundice nahin hota hai yah jankari bahut acchi hai dhanyvad

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