सोमवार, 2 अप्रैल 2012

क्या करें जब दर्द सताए

रिलेक्स करें 
ध्यान से दिल की धड़कन कम होती है, ब्लड प्रेशर घटता है और साँसें भी नियंत्रित होती हैं, जिससे शरीर और मस्तिष्क में शांति आती है। एक वैज्ञानिक अध्ययन में यह बात पता चली है कि मेडिटेशन से दर्द सहने की शक्ति में निश्चित तौर पर इज़ाफा होता है। इससे दर्द के प्रति प्रतिक्रिया में ४० से ५० प्रतिशत तक की कमी आती है, इसलिए २० मिनट सुबह व २० मिनट शाम को ध्यान करने की आदत डालिए, जो भविष्य में आने वाले दर्द के दौरों को सहने में आपकी मदद करेगा।

दर्द का रिश्ता है नियमित व्यायाम से 
नियमित रूप से व्यायाम करने से दर्द सहने की क्षमता बढ़ती है, भले वह मूवमेंट की रेंज बढ़ाने वाली कसरतें हों, स्ट्रेंथनिंग कसरते हों या फिर एरोबिक्स। दर्द होने पर भी अपने जोड़ के मूवमेंट को बंद न करें नहीं तो जकड़न हो सकती है व जोड़ खराब हो सकता है। व्यायाम व दर्द के समय भी पीड़ित जोड़ की गतिशीलता बनाए रखने से - 

 - शरीर में एन्डॉर्फिन्स का स्तर बढ़ता है, जो शरीर के प्राकृतिक दर्द निवारक -शरीर की मांसपेशियां व लिगामेंट्स मज़बूत होते हैं। 

 - वज़न नियंत्रित होता है। अधिक वज़न भी अधिक दर्द का कारण होता है। 

 - दर्द से ध्यान हटाने में मदद मिलती है। 

 - व्यायाम,अपनी उम्र,शरीर की स्थिति व क्षमता के अनुसार तय किया जा सकता है।

एक्यूप्रेशर 
एक्यूप्रेशर भी कमोबेश एक्यूपंक्चर के सिद्धांत पर ही कार्य करता है। बस फर्क इतना है कि इसमें शरीर के निश्चित हिस्सों पर दबाव डालकर परिणाम प्राप्त किए जाते हैं। इसमें शरीर केनिर्धारित प्रेशर पाइंट्स पर दबाव डालकर दर्द कम करने वाले रसायनों के उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाता है। ये सभी उपाय कई प्रकार के दर्द जैसे सिरदर्द, कमरदर्द व आस्टियो-आर्थ्रराइटिस के दर्द से राहत पाने में मददगार हो सकते हैं, बशर्तें इन्हें किसी योग्य व प्रशिक्षित थैरेपिस्ट के मार्गदर्शन में लिया जाए। 

एक्यूपंक्चर 
चीन से प्रारंभ हुई इस पद्धति में शरीर के "एक्यूपाइंट्स"नामक ख़ास हिस्सों को सुइयों द्वारा सक्रिय किया जाता है, जिससे दर्द से मुक्ति मिलती है। चीनी विशेषज्ञों का मानना है कि इस उपचार प्रक्रिया में ऊर्जा का स्वतंत्र प्रवाह होने लगता है। चीनी इस ऊर्जा को "चि" कहते हैं, जो शरीर के रोगमुक्त होने की प्रक्रिया को बढ़ावा देता है। इस संबंध में हुए अनेक वैज्ञानिक प्रयोगों में यह बात सामने आई है कि एक्यूपंक्चर द्वारा शरीर में से एन्डॉर्फिन्स अधिक मात्रा में निकलने लगते हैं, जो शरीर के प्राकृतिक दर्द निरोधक का कार्य करते हैं। इसी बारे में हुए एक शोध में एक अन्य प्राकृतिक दर्द निवारक एडीनोसीन के एक्यूपंक्चर के परिणामस्वरूप अधिक मात्रा में निकलने की बात पता चली है(डॉ. संजीव नाईक,सेहत,नई दुनिया,मार्च चतुर्थांक 2012)।

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