रविवार, 18 मार्च 2012

प्राकृतिक औषधि है बेल

बेलफल को कच्चे तथा पके दोनों तरह से खाया जाता है। बेल का फल ही नहीं, बल्कि उसके पत्ते, बीज, जड़ भी बहुत गुणकारी होती है। यह फल नारियल की तरह ऊपर से कठोर होता है। इसके अंदर पीले रंग का गूदा होता है, जो लसदार व हल्की मिठास लिए होता है। 

बेलफल से क्या है लाभ 

-बेलफल के रस से मधुमेह व कब्ज़ से राहत मिलती है। 

- मुँह में छाले और मसूड़ों में दर्द में बेल का गूदा पानी में उबाल कर कुल्ला करने से छाले दूर होते हैं।

-बेल के गूदे को चावल के पानी के साथ मिलाकर पीने से उल्टी व डायरिया से राहत होती है। उदर विकारों में यह उपयोगी है।

-यह कृमिनाशक का कार्य करता है। बेल के पत्ते को उबालकर छान लें। यह पानी पिलाने से पेट के कीड़े नष्ट होते हैं।

-बेलफल खाने से काफी देर तक भूख नहीं लगती। सह मोटापा को कम करने में भी सहायक। गर्मियों में लू से बचाव का कारगर उपाय है।

-अपच, खट्टी डकार, एसीलिटी को भी कम करने में सहायक।

-बेल का गूदा मैश करके चेहरे पर लगाने से चेहरा चमकदार बनता है। झुर्रियाँ व झाइयाँ कम होती हैं। अतः प्रतिदिन आहार में इसे शामिल करना स्वास्थ्य के लिए अति लाभदायक है। 

बेलफल में पौष्टिक तत्व की मात्रा 

कैलोरी- १३७ किलो कैलोरी 
प्रोटीन - १.८ ग्राम 
वसा    - ०.३ ग्राम 
कैल्शियम -८५ मिलीग्राम 
कार्बोज -३१.८ ग्राम 
फाइबर - २.९ ग्राम 
आयरन -०.६ ग्राम 
विटामिन- ८ मिलीग्राम (डॉ. संगीता मालू,सेहत,नई दुनिया,मार्च द्वितीयांक,2012)। 


बेल पर दो बेहद उपयोगी आलेख यहां और यहां हैं।

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