शुक्रवार, 2 मार्च 2012

महिलाओं में पीठ दर्द की समस्या

भले ही आप कितनी समझदार ममी बनने की कोशिश करें, लेकिन बच्चों को गोद में उठाने के मामले में आप अक्सर कुछ गलतियां करती होंगी। इसका सबसे ज्यादा इफेक्ट आपकी स्पाइन यानी रीढ़ की हड्डी पर पड़ता है और बैक पेन की प्रॉब्लम हो जाती है। आइए जानते हैं इससे कैसे बचा जा सकता है :  

जब आप अपने दोनों बच्चों को गोद में लेकर चलती हैं, तो बेशक आप बेहद केयरिंग और प्यार करने वाली मम्मी लगती हैं। लेकिन आपको यह भी पता होना चाहिए कि बच्चों को हिप्स पर लेकर चलना आपकी बैकबोन को कितना नुकसान पहुंचा सकता है। पिछले दिनों आई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि कमर दर्द के मरीजों में हर साल 10 मिलियन मांएं शामिल होती हैं।  

पहले प्रेग्नेंसी फिर बच्चों को गोद में लेकर चलना और साथ में घर का काम करने से आपको कमर दर्द की प्रॉब्लम होने संभावना काफी बढ़ जाती है। हालांकि इसका मतलब यह कतई नहीं है कि आप अपने प्यार-दुलार और जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ लें, लेकिन इस दौरान कुछ बातों का ख्याल रखना आपकी हेल्थ के लिए बेहद जरूरी है।  

हिप्स पर ना उठाएं बच्चों को 
हालांकि बच्चों को हिप्स पर उठाना काफी कंफर्टेबल लगता है, लेकिन लंबे टाइम तक ऐसा करने से आपकी बॉडी की शेप बिगड़ सकती है। इतना ही नहीं, इससे आपकी स्पाइन को सपोर्ट करने की वाली मांसपेशियों पर भी जोर पड़ता है और वे कमजोर हो जाती हैं। इसलिए बेहतर होगा कि आप बच्चे को छाती से चिपका कर उठाएं और उसकी दोनों टांगे बॉडी की दोनों साइड में कर लें।  

एक्सर्साइज करें, फिट रहें 
प्रेग्नेंसी के बाद अक्सर महिलाओं का पेट वाला हिस्सा लटक जाता है और इसका असर स्पाइन को सपोर्ट करने वाली मांसपेशियों पर भी पड़ता है। फिर इसके दो-तीन साल में दूसरा बेबी होने के बाद तो मामला और भी बिगड़ जाता है। इससे भी खराब यह होता है कि इस दौरान कई सालों तक महिलाएं अपनी हेल्थ पर कतई ध्यान नहीं देती हैं। इसलिए अगर आप फिट रहना चाहती हैं, तो अपनी हेल्थ को लेकर कॉन्शस रहें और रेग्युलर वॉकिंग व एक्सरसाइज करें।  

गोद लेने के लिए झुकें नहीं 
हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे को गोद में उठाने के लिए ज्यादा झुकने की वजह से भी आपकी कमर में प्रॉब्लम हो सकती है , इसलिए बेहतर होगा कि आप बच्चे को झुककर उठाने की बजाय घुटनों पर बैठकर उठाएं। साथ ही , इधर - उधर ज्यादा ना झुकें। अगर आपका बच्चा खड़ा होना जानता है , तो उसे सीधे उठाने की बजाय उसे पहले खड़े होने को कहें और उसके बाद ही उसे गोद में उठाएं।  

न डालें कमर पर प्रेशर 
ज्यादातर नई मांएं अपने तीन से चार किलो के बच्चे को दिन में कम से कम 40 मिनट तो उठाती ही हैं। जबकि दो साल पूरे करते - करते उसी बच्चे का वजन 13 से 18 किलो तक हो जाता है। इसलिए जब आप बच्चे को उठाएं , तो इसके लिए कमर पर प्रेशर न डालें। बेशक अगर आप संभलकर कर बच्चे को उठाएंगी , तो आप बैक पेन की प्रॉब्लम से बच सकती हैं। 

जरूर करें स्ट्रेचिंग 
अगर आप रेग्युलर एक्सर्साइज नहीं कर पा रही हैं , तो मसल्स को फिट रखने के लिए इलास्टिक सिंपल स्ट्रेचेज की मदद लें। लंबर स्पाइन को मजबूत बनाने के लिए फिजियोथेरपिस्ट दोनों टांगों को चेस्ट तक उठाने की सलाह देते हैं। इसलिए जब आप बेड पर हों , तो यह स्ट्रेच पांच बार पांच सेकंड के लिए करें।  

संभलकर लें प्रैम 
कई महिलाएं बैक पर होने वाले स्ट्रेन की वजह प्रैम के गलत डिजाइन को बताती हैं। इसलिए ध्यान रखें कि इसका हैंडल आपकी लंबाई के अनुसार होना चाहिए और आपसे ज्यादा दूर भी नहीं होना चाहिए , ताकि आपको आगे की ओर झुकना ना पड़े। ज्यादा लंबाई वाली मांएं अडजस्टेबल - हैंडल वाले प्रैम ही चुनें।  

काम के दौरान रखें ख्याल 
कमरदर्द से बचना है , तो घर का काम करने के दौरान भी आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। मसलन निचली शेल्फ साफ करते हुए ज्यादा झुकना नहीं है , तो ऊंची शेल्फ से कुछ उठाने के लिए आपको ज्यादा उचकना भी नहीं है। इसके लिए मजबूत स्टूल या छोटी सीढ़ी का प्रयोग करें। इसी तरह ऊंचे कोने साफ करने के लिए ऊंचा वैक्यूम क्लीनर यूज करें।  

न पहनें ज्यादा हील्स 
एक या डेढ़ इंच की हील्स वाली सैंडल तो ठीक हैं , लेकिन इससे ज्यादा हील्स काफ मसल्स को छोटा कर सकती हैं। दरअसल , इससे कमर के निचले हिस्से पर खिंचाव पड़ता है। अगर आप इस मामले में सावधानी बरतेंगी , तो आपकी कमर दर्द से बची रहेगी।  

ज्यादा वजन न उठाएं 
कभी भी एक साथ ज्यादा वजन उठाने की कोशिश ना करें। बेहतर होगा कि सुपर मार्केट में शॉपिंग करते वक्त ट्रॉली की बजाय बास्केट में सामान इकट्ठा करें। इससे आपको अंदाजा रहेगा कि आपने कितने वजन का सामान खरीदा है। साथ ही , एक हाथ में सामान उठाने की बजाय दोनों हाथों में आधा - आधा सामान लें। इससे स्पाइन को एक ओर झुकना नहीं पड़ेगा और इस पर जोर भी कम पड़ेगा। इसके अलावा अपने पॉस्चर पर भी ध्यान दें।  

फीड कराएं संभलकर 
बेबी को फीड कराते टाइम भी आपकी बॉडी पर काफी जोर पड़ता है , इसलिए बच्चे को तकिए या किसी और चीज के सहारे से ऊपर कर लें , ताकि उसे ब्रेस्ट या बोतल से फीड कराते हुए आपको आगे झुकना ना पड़े। इस तरह आपको कमर में दर्द की ज्यादा प्रॉब्लम नहीं फेस करनी पड़ेगी(नवभारत टेम्स,दिल्ली,२६.२.१२) ।

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