मंगलवार, 7 फ़रवरी 2012

लाइकोपीनःकुदरत की अनमोल भेंट

लाइकोपीन एक बहुत ही सशक्त वनस्पति का पोषक तत्व है, जो टमाटर में बहुतायत से पाया जाता है। यह विटामिन-ए यानी रेटिनोइड और बीटा केरोटिन परिवार का सक्रिय सदस्य है, जो केरोटिनोइड के नाम से जाना जाता है। प्रकृति में करीबन ६०० तरह के केरोटिनोइड पाए जाते हैं जिनमें १२-१५ हमारे शरीर में पाए जाते हैं, जिनमें लाइकोपीन एक सर्वोपरि स्थान रखता है। वैज्ञानिकों का ध्यान इस बहुउपयोगी पोषक तत्व पर थोड़े वर्ष पूर्व ही गया, क्योंकि इस पदार्थ के करिश्माई प्रभाव से मनुष्य कई भयंकर और असाध्य रोगों से बचा रह सकता है जिनमें कैंसर और हृदय रोग प्रमुख हैं। लाइकोपीन एक सशक्त एंटीऑक्सीडेंट है, जो शरीर को नुकसान देने वाले फ्री-रेडिकल्स को नष्ट कर शरीर की रक्षा करता है। लाइकोपीन विटामिन-ई से सौ गुना ज्यादा शक्ति रखता है, साथ ही बिटा-केरोटिन से दुगना प्रभावी हैं, जो फ्री-रेडिकल्स को निष्क्रिय कर देते हैं।

फ्री-रेडिकल्स : फ्री-रेडिकल्स शरीर में होने वाली जैविक उपापचय रासायनिक प्रक्रिया के बाय-प्रॉडक्ट्स है, विशेषकर तब जब हमारा शरीर धुआँ, अन्य प्रदूषित पर्यावरणजन्य पदार्थों के संपर्क में आता है तब इसकी मात्रा बढ़ जाती है, जो शरीर में क्षयकरण और कोशिकाओं को नष्ट करते जाते हैं। हमारे शरीर में ऑक्सीजन फ्री रेडिकल्स में सुपरऑक्साइड, हाइड्रोजन परऑक्साइड, हाइड्रोक्सिल आयन एवं सिंगलेट ऑक्सीजन प्रमुख हैं।

एंटीऑक्सीडेंटः एंटीऑक्सीडेंट रासायनिक रूप से फ्री-रेडिकल्स को पकड़कर उन्हें निष्प्रभावी कर देते हैं। लाइकोपीन एक बहुत ही सशक्त एंटीऑक्सीडेंट का कार्य करता है। 

लाइकोपीन के स्रोत : 
टमाटर लाइकोपीन का महत्वपूर्ण स्रोत है। टमाटर को पकाने पर भी उसमें मौजूद लाइकोपीन नष्ट नहीं होते हैं। आजकल टमाटर पल्प, कैचअप और सॉस की बोतलों में विशेष तौर पर उल्लेखित होता है कि यह कैचअप लाइकोपीन नामक पोषक तत्व से परिपूर्ण है, जो एक सशक्त प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट है। लाइकोपीन वसा में घुलने वाला लाल रंग का वर्णक है जो टमाटर,लाल अमरूद,गुलाब अंगूरों एवं तरबूज़ों में मौजूद रहकर उनके रंग को लालिमा प्रदान करता है। 

लाइकोपीन एवं हृदयरोग 
हमारी बढ़ती उम्र के साथ हमारी रक्तवाहिनियों की आंतरिक दीवारों पर निरंतर वसा पिंडों में कोलेस्ट्रॉल के विभिन्न समूह जमा होते जाते हैं जिसे एथेरोस्केलेरोसिस प्रक्रिया कहते हैं। इसके परिणामस्वरूप धमनियों का आंतरिक व्यास कम होता जाता है। विशेषकर हृदय को रक्त प्रवाह देने वाली कोरोनरी धमनियों के प्रभावित होने पर कभी भी व्यक्ति को हार्ट अटैक हो सकता है। ऐसे में लाइकोपीन,जिसे हमारे शरीर में एक विशेष कोलेस्ट्रॉल कहते हैं,को कम करता जाता है जिससे यह रक्त वाहिनियों में जमा नहीं हो पाता है। 

प्रतिदिन दो गिलास टमाटर जूस पीकर इस समस्या से बचा जा सकता है। लाइकोपीन कोलेस्ट्रॉल बनने की संश्लेषण प्रक्रिया को कम करता है। साथ ही,कोलेस्टट्रॉल का विघटन करता जाता है। लाइकोपीन हृदयाघात एवं हृदय परिसंचरण रोगों में 33 प्रतिशत तक की कमी लाता है। 

लाइकोपीन एवं धूम्रपान 
धूम्रपान करते रहने से कोरोनरी धमनियों में एथेरोस्केलेरोसिस की प्रक्रिया बढ़ जाती है। जो धूम्रपान करते हैं,उनमें लाइकोपीन का स्तर कम हो जाता है। ऐसे लोगों को लाइकोपीन बाहर से दिया जाए तो धूम्रपान से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है। 

लाइकोपीन एवं कैंसर 
लाइकोपीन शरीर में पैदा होने वाली कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने नहीं देता है। विशेषकर स्तन और प्रोस्टेट कैंसर रोकने में कामयाब है। प्रोस्टेट कैंसर की आशंकाओं को 34 प्रतिशत तक लाइकोपीन कम कर देता है। लाइकोपीन से वेलनेस हेतु टमाटरों का भरपूर सेवन करें और टमाटर जैसे गुलाबी हो जाएं। 

लाइकोपीन बुढ़ापा रोकता हैः 
शरीर का उम्र के साथ क्षयकरण होता रहता है, विशेषकर बढ़ती उम्र में चर्म कांतिहीन होती और झुर्रियाँ पड़ने लग जाती हैं। असमय बुढ़ापे से लाइकोपीन बचाता है। दृष्टिपटल पर होने वाले क्षयकरण को भी रोकता है जिससे मेक्युलर डिजनरेशन जैसे दृष्टिदोष भी कम हो जाते हैं। लाइकोपीन पुरुष प्रजननशीलता को बढ़ाता है। महिलाओं में बार-बार गर्भपात होने को रोकता है तथा टोक्सेमिया ऑफ प्रेगनेंसी जिससे रोगी को तान के दौरे आते हैं, उनमें भी कमी लाता है। लाइकोपीन शक्ति और सुरक्षा का खजाना है। टमाटर लाइकोपीन नामक फाइटोन्यूट्रीऐंट का खजाना है(डॉ. आर. के. मालौत,सेहत,नई दुनिया,जनवरी तृतीयांक 2012)।

8 टिप्‍पणियां:

  1. Nice .
    लाइकोपीन बुढ़ापा रोकता है .

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  2. बहुत सुन्दर जानकारी राधारमण जी, चूंकि आपने टमाटर के सेवन की बात की है तो एक अपनी बात इस में जोड़ना चाहूँगा कि जिन लोगो को पथरी अथवा ब्लड में कोई शिकायत जैसे अमूमन गले अथवा जीभ के नीचे स्टोन बन जाता है, उन लोगो को सलाह दूंगा कि टमाटर को हमेशा मिक्सी अथवा किसी एनी वास्तु से पीस कर उसे छानकर उसका सेवन करे, टमाटर के बीज न खाएं, न भोजन में डालें !

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  3. सच में यह तो बहुत अच्छी जानकारी है !

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  4. सर जी इसीलिए तो कहते है शाकाहारी बनें ! सुन्दर जानकारी !

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  5. बढ़िया जानकारी है . लेकिन ध्यान रखें , अति हर चीज़ की खराब होती है .

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  6. बेहतरीन जानकारी के लिए धन्यवाद

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