अनचाहे बाल महिलाओं की एक आम समस्या है। महिलाओं के चेहरे पर पुरुषों जैसे बाल आ जाने से बहुत ही दुखद स्थिति बन जाती है। आमतौर पर ठोड़ी और होंठ के ऊपर बाल आते हैं।
कारण
हारमोनल समस्याएँ : महिलाओं में हारमोन की अनियमितता के कारण चेहरे पर बाल आने लग जाते हैं। शरीर में टेस्टोस्टेरॉन हारमोन के अधिक सक्रिय होने पर चेहरे, अपर लिप व ठोढ़ी पर बाल आने लगते हैं।
वंशानुगतः चेहरे पर बाल आना एक वंशानुगत समस्याएँ भी हैं। परिवार में यदि माता को बाल आने की समस्या है तो यह समस्या उसकी बेटी को होने की आशंका भी रहती है।
अनियमित जीवनशैली:भोजन में प्रोटीन, विटामिन और फाइबर जैसे आवश्यक पोषक तत्वों की कमी से भी अनचाहे बाल विकसित होने लगते हैं।
पॉलिसिक्टिक ओवरी : "पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम" में ओवेरी में छोटी-छोटी गठानें बन जाती हैं जिससे हारमोन की एक्टिविटी पर प्रभाव पड़ता है और चेहरे पर बालों का विकास होता है।
स्टेरॉइड्स : ५-६ महीने तक लगातार स्टेरॉइड्स लेने पर मेटाबोलिक तथा हारमोनल परिवर्तन आने लगते हैं।
रजोनिवृत्ति : इस समय हारमोन के स्तर में बदलाव आते हैं जिससे अनचाहे बाल विकसित होने की आशंका रहती है।
अनचाहे बालों को लेज़र द्वारा स्थायी रूप से हटाया जा सकता है। लेजर से बालों को हमेशा के लिए जड़ से खत्म किया जाता है। इसमें लगभग ७ से ८ सिटिंग्स लगती हैं। शरीर के अनचाहे बालों को दूर करने के लिए यदि वैक्सिंग, शैविंग, ट्वीज़िंग आदि तरीकों से त्रस्त हो चुके हों तो लेज़र उपचार अच्छा विकल्प हो सकता है। लेज़र द्वारा अनचाहे बालों से स्थायी रूप से छुटकारा पा सकते हैं। लेज़र बीम को फोलिकल पर केंद्रित किया जाता है जिससे बाल नष्ट हो जाते हैं।
फायदे
लेज़र बीम को सटीकता से बालों पर केंद्रित किया जाता है जिससे बाल नष्ट हो जाते हैं। साथ ही,उसके आसपास की त्वचा को कोई क्षति नहीं होती है। लेज़र की एक पल्स एक सेकेंड से भी कम समय लेती है जिससे एक साथ कई बालों को नष्ट किया जा सकता है। अपर लिप जैसे छोटे हिस्सों का उपचार एक मिनट से भी कम समय में हो जाता है। पीठ या पैरों जैसे बड़े हिस्सों से बालों को हटाने में 1 घंटे का समय भी लग सकता है। नब्बे प्रतिशत मरीज़ों में 3 से 5 सेशंस के बाद बालों से स्थायी रूप से छुटकारा मिल जाता है।
तैयारी
बालों से निजात पाने के लिए किया जाने वाला लेज़र उपचार आम कॉस्मेटिक प्रक्रिया से भिन्ना मेडिकल प्रोसिजर है जिसे विशेष प्रशिक्षण प्राप्त प्रोफेशनल द्वारा ही किया जा सकता है। इस प्रक्रिया को कराने से पहले सुनिश्चित कर लें कि चिकित्सक या टेक्नीशियन अपने काम में कुशल हों। लेज़र उपचार का मन बना चुके हों तो प्लकिंग, वैक्सिंग और इलेक्ट्रोलिसिस जैसी प्रक्रियाओं को ६ हफ्तों पहले से बंद करने की सलाह दी जाती है। लेज़र को बालों की जड़ों पर केंद्रित किया जाता है, वैक्सिंग या प्लकिंग जैसी प्रक्रियाओं से बाल अस्थायी रूप से जड़ समेत निकल जाते हैं इसलिए लेज़र उपचार के पहले कम से कम ६ हफ्तों तक यह नहीं कराना चाहिए।
-लेज़र उपचार के पहले और बाद में ६ हफ्तों तक धूप से भी बचना चाहिए। त्वचा पर धूप के असर से लेज़र उपचार का प्रभाव कम हो सकता है और प्रोसिजर के बाद जटिलताओं की आशंका भी बढ़ जाती है।
- प्रक्रिया शुरू करने से पहले लेज़र उपकरण को बालों के रंग, मोटाई और स्थान के अनुसार एड्जस्ट किया जाता है, साथ ही त्वचा के रंग का ध्यान रखना भी ज़रूरी होता है।
-टेक्नीशियन और मरीज़ को लेज़र किरणों से बचने के लिए उपयुक्त आई प्रोटेक्शन गियर पहनने चाहिए। त्वचा की सुरक्षा के लिए जेल लगाया जाता है।
-लेज़र की पहली पल्स देकर कुछ मिनट रुककर उसका प्रभाव देखा जाता है। उपचार के बाद मामूली असुविधा होने पर सूजनरोधी क्रीम एलोवेरा जेल या बर्फ के सेंक की सलाह दी जाती है, फिर अगले सेशन के लिए ४-६ हफ्ते बाद जाना होता है। बालों का विकास पूरी तरह बंद होने तक उपचार को रिपीट किया जाता है।
जटिलता
लेज़र उपकरण को त्वचा या बालों के रंग आदि के अनुरूप सही ढंग से एड्जस्ट नहीं किया जाए तो गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इसीलिए लेज़र उपचार करने वाले तकनीशियन का प्रशिक्षित होना बहुत ज़रूरी है। लेज़र उपचार कराने से पहले अपने चिकित्सक और तकनीशियन की क्वालीफिकेशन और कुशलता की पुष्टि आवश्य कर लें। बहुत गहरे या बहुत हल्के रंग के बालों पर लेज़र उपचार उतना प्रभावी नहीं होता(डॉ. अनिल दशोरे,सेहत,नई दुनिया,जनवरी तृतीयांक 2012)।
सार्थक टिप्पणी के लिये बहुत बहुत आभार !
जवाब देंहटाएंबस अभी पढूंगी आपकी पोस्ट ....
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंNice post.
जवाब देंहटाएंबढ़िया...
जवाब देंहटाएंयहाँ तो प्रोब्लम उलटी है । :)
जवाब देंहटाएंबाल उगाने का भी कोई उपचार बताएं :)
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