गर्भावस्था के दौरान शरीर का आकार ऐसा हो जाता है, जो योग में ज़रूरी लचीलेपन की इजाज़त नहीं देता। अपनी सीमाओं के बावजूद गर्भवती योग के चुनिंदा आसन करके चुस्त-दुरुस्त रह सकती है। किसी भी आसन की सफलता उसे धीरे-धीरे करने में है। हमेशा कुछ देर तक आसन की चरम अवस्था में रुकना फायदेमंद होता है।
तितली आसन
यह एक सरल आसन है। यदि गर्भावस्था की पहली तिमाही में ही शुरू कर दिया जाए तो प्रसव की पीड़ा भी कम हो जाएगी। इस आसान से पुट्ठे और जंघाओं के आंतरिक हिस्से का तनाव कम होकर खुल जाता है। इससे घुटनों का लचीलापन बढ़ता है।
कैसे करें
चटाई पर इस तरह बैठें कि आपके पैर सामने की ओर रहें। अपने टखनों को पकड़कर अपनी ओर जितना नज़दीक खींच सकती हैं, खींचें। दोनों पैरों की एड़ियाँ जंघा के संधिस्थ को स्पर्श करें तो ज़्यादा अच्छा है। अब अपने घुटनों को फर्श से स्पर्श कराने के लिए दबाएँ। दबाने के लिए कोहनियों का इस्तेमाल कर सकती हैं, क्योंकि हाथों से तो आपने टखने पकड़ रखे हैं। आसन की आदर्श स्थिति तब आती है, जब घुटने फर्श को स्पर्श करने लगें। कुछ हफ्तों की प्रैक्टिस से घुटने ज़मीन पर टिकने लगेंगे। जितना सरलता से संभव हो उतना ही आसन लगाएँ और धीरे-धीरे करें। इस स्थिति में कुछ देर रुकें फिर घुटनों को ऊपर ले आएँ। याद रहे आसन करते समय अतिरिक्त बल लगाने की ज़रूरत नहीं है। एक हाथ से टखना पकड़ें तथा दूसरे से घुटने को ज़मीन की ओर तब तक दबाएँ, जब तक कि जमीन स्पर्श न होने लगे। ध्यान रहे कि श्रोणी क्षेत्र के जोड़ों पर इतना दबाव न पड़ें कि वे फट जाएँ। दोनों पैरों से इसे १५-२० बार दोहराएँ।
मार्जरी आसन
पहले वज्रासन में बैठ जाएँ। अब आगे की ओर झुकते हुए हथेलियों को सामने ज़मीन पर टिका लें। नितंबों को ऊपर उठाएँ और चौपाए की तरह मुद्रा बना लें। पैरों के बीच थोड़ी दूरी बनाएँ ताकि वे कंधों की सीध में आ जाएँ। आसन के पहले हिस्से में सिर को ऊपर उठाते हुए साँस खींचें। इससे आपकी पीठ फर्श की ओर कमान के आकार में तन जाएगी। आसन के दूसरे हिस्से में सिर को पेट की ओर झुकाते हुए पीठ आकाश की ओर उभार लें। नितंबों को भी अंदर की ओर सिकोड़ लें। इस स्थिति में भी कुछ देर तक रुकें। आसन के ऐसे छः राउंड पूरे करना ज़रूरी है। इससे आपकी गर्दन, कंधे और रीढ़ की हड्डी मज़बूत होगी। गर्भावस्था के दौरान आपकी शारीरिक मुद्रा भी ठीक रहेगी। इससे दूसरा फायदा यह होगा कि पूरी प्रजनन प्रणाली टोनअप होगी। यह आसन प्रसव के बाद भी फायदेमंद होता है(डॉ. राजेन्द्र पंडित,सेहत,नई दुनिया,जनवरी तृतीयांक 2012)।
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ|
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया !
जवाब देंहटाएंWajraasan Namaz ka Hisaa hai.
Namaz saral hai ise har halat me ada kiya ja sakta hai. Jo aasan ada n ho sake use ishare se ada karne ki anumati hai.
Mann ke bhaw bhi pavitr hote hain, isse bachche ke mann ko bhi bal milta hai.
Sab namaz ada karen.
गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
आज 26 जनवरी है।
लोग ख़ुश हैं। ख़ुश होने की वजह भी है लेकिन जो लोग आज के दिन भी ख़ुश नहीं हैं उनके पास भी ग़मगीन होने की कुछ वजहें हैं। हमारा ख़ुश होना तब तक कोई मायने नहीं रखता जब तक कि हमारे दरम्यान ग़म के ऐसे मारे हुए मौजूद हैं जिनका ग़म हमारी मदद से दूर हो सकता है और हमारी मदद न मिलने की वजह से वह उनकी ज़िंदगी में बना हुआ है।
हमारे अंदर अनुशासन की भावना बढ़े, हम ख़ुद को अनुशासन में रखें और किसी भी परिस्थिति में शासन के लिए टकराव के हालात पैदा न करें।
जो लोग आए दिन धरने प्रदर्शन करते हुए शासन और प्रशासन से टकराते रहते हैं, उन्हें 26 जनवरी पर यह प्रण कर लेना चाहिए कि अब वे देश के क़ानून का सम्मान करेंगे और किसी अधिकारी से नहीं टकराएंगे बल्कि उनका सहयोग करेंगे।
टकराकर देश को बर्बाद न करें।
लोग अंग्रेज़ो से टकराए तो वे देश से चले गए और आज बहुत से लोग यह कहते हुए मिल जाएंगे कि देश में आज जो असुरक्षा के हालात हैं, ऐसे हालात अंग्रेज़ों के दौर में न थे।
कहीं ऐसा न हो कि फिर टकाराया जाए तो देश और गड्ढे में उतर जाए।
सो प्लीज़ हरेक आदमी यह भी प्रण करे कि अब हम क्रांति टाइप कोई काम नहीं करेंगे।
जो राज कर रहा है, उसे राज करने दो।
एक जाएगा तो दूसरा आ जाएगा।
अपना भला हमें ख़ुद ही सोचना है।
सादर ,
Read entire message :
प्लीज़ क्रांति न करे कोई No Revolution
http://www.ahsaskiparten.blogspot.com/2012/01/no-revolution.html
अच्छी जानकारी देती पोस्ट.....
जवाब देंहटाएंजानकारी से भरा लेख ।
जवाब देंहटाएंहिंदी दुनिया
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामना
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने .
जवाब देंहटाएंआज के चर्चा मंच पर आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति
हटाएंका अवलोकन किया ||
बहुत बहुत बधाई ||
अच्छी जानकारी मुश्किल आने पर माहिरों का सहयोग लें .
जवाब देंहटाएं