बुखार के दौरान बच्चों को दौरे प़ड़ जाना बहुत आम समस्या होती है। इन झटकों के बारे में जन-मानस में तरह-तरह की भ्रांतियाँ हैं। कुछ लोग सोचते हैं कि एक बार दौरा आया तो फिर बार-बार आते जाएँगे तथा बच्चे का बौद्धिक विकास एवं शैक्षणिक कार्यकुशलता प्रभावित होगी जबकि ऐसा नहीं होता है।
6 माह से लेकर 5 वर्ष तक के बच्चों में बुखार में दौरे आते हैं। अगर तंत्रिका तंत्र में कोई संक्रमम है(जैसे मैनिनजाइटिस)तो बच्चे को आने वाला दौरा सामान्य नहीं कहा जा सकता। आमतौर पर बुखार के दौरान आने वाले दौरे 3-5 प्रतिशत बच्चों में पाए जाते हैं। अधिकतर बच्चों में झटके 3 साल से कम(विशेषकर सवा साल से कम) आयु में आ जाते हैं। यदि पहली बार झटके आने के समय 3 वर्ष से अधिक आयु है,तो फिर बार-बार झटके आने की संभावना कम हो जाती है।
सामान्य दौरे
बुखार आने के २४ घंटे के भीतर सामान्य दौरे प़ड़ जाते हैं। बुखार के दौरान एक बार झटके जरूर आते हैं। ये झटके सामान्यतया १०-१५ मिनट तक रहते हैं तथा पूरे शरीर में आते हैं। ४-१८ प्रतिशत बच्चों में दौरे शरीर के एक भाग तक सीमित रहते हैं। कुछ बच्चों में बार-बार बुखार आने की प्रवृत्ति रहती है तथा कुछ में कम बुखार में ही दौरे आ जाते हैं। असामान्य दौरे- इसमें झटके १५ मिनट से ज़्यादा समय तक आते हैं और शरीर के एक भाग (दाएँ या बाएँ) या एक अंग- पैर या हाथ तक सीमित रहते हैं। जिस बच्चे के परिवार में मिर्गी की हिस्ट्री पाई जाती है वह न्यूरोलॉजिकली कम विकसित होता है। इस प्रकार से ग्रसित बच्चों में भविष्य में मिर्गी होने की संभावना अधिक होती है(सेहत,नई दुनिया,दिसम्बर 2011 पंचमांक)।
सार्थक जानकारी मिली ..
जवाब देंहटाएंकाश के ऐसे लेख हमें आज से १५-२० साल पहले पढ़ने को मिले होते!
जवाब देंहटाएंयह तो देखा गया है.
जवाब देंहटाएंNice post.
जवाब देंहटाएंआपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
जवाब देंहटाएंकृपया पधारें
चर्चा मंच-756:चर्चाकार-दिलबाग विर्क
अच्छी जान्कारी ही है आपने ... शुक्रिया ...
जवाब देंहटाएंआपने उपचार नही बताया कि हम क्या करे ताकि ऐसी दिक्कत न हो
जवाब देंहटाएंMere bacche ko yhi bimari h ilaj bataye
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