गर्भावस्था के दौरान कई सावधानियों का पालन करने से जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित रहते हैं। कई युवा माताएँ गर्भावस्था के दौरान जानकारी के अभाव में ऐसे कदम उठा लेती है जिसकी वजह से नवजात शिशु अथवा स्वंय पर मुश्किल खड़ी हो जाती है। थोड़ी से सावधानी इन समस्याओँ से आपकों बचा सकती है।
गर्भवती महिला को आरामदायक जूते पहनने चाहिए क्योंकि इस दौरान उसका वज़न बढ़ने के साथ ही कई शारीरिक परिवर्तन होते हैं। सेंटर ऑफ ग्रेविटी भी शिफ्ट हो जाती है जिससे संतुलन बनाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। ऐसे में ऊँची एड़ी के फुटवेयर पहनने से चलते-फिरते हुए संतुलन खोने की आशंका बढ़ जाती है। इनसे पैरों का दर्द बढ़ सकता है।
अत्यधिक मात्रा में चाय-काफी का सेवन
दिन में एक-दो बार लाइट चाय या काफी ले सकते हैं लेकिन ज़्यादा मात्रा में लें तो ये नुकसानदायक होती है। चाय में टैनिन और कॉफी में कैफीन नामक तत्व मौजूद होते हैं। इनके कारण ये पेय मूत्रवर्धक होते हैं। इसके अलावा कॉफी से रक्तचाप और दिल की धड़कन दोनों ही बढ़ जाते हैं, जो गर्भावस्था में खतरनाक होता है।
ऊँची एड़ी के फुटवेयर
गर्भवती महिला को आरामदायक जूते पहनने चाहिए क्योंकि इस दौरान उसका वज़न बढ़ने के साथ ही कई शारीरिक परिवर्तन होते हैं। सेंटर ऑफ ग्रेविटी भी शिफ्ट हो जाती है जिससे संतुलन बनाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। ऐसे में ऊँची एड़ी के फुटवेयर पहनने से चलते-फिरते हुए संतुलन खोने की आशंका बढ़ जाती है। इनसे पैरों का दर्द बढ़ सकता है।
सिगरेट...
गर्भवती महिला को सिगरेट और धूम्रपान करने वाले लोगों से ही दूर रहना चाहिए। धूम्रपान किसी भी व्यक्ति के लिए नुकसानदेह होता है, गर्भस्थ शिशु के लिए तो इसके अनगिनत नुकसान हैं। इसके बावजूद भी हज़ारों गर्भवती महिलाएँ बीड़ी-सिगरेट के धुएँ से बच नहीं पाती। इस धुएँ की वजह से गर्भपात, समय से पहले जन्म या शिशु का वज़न कम होने जैसी परेशानियाँ हो सकती हैं।
बिना पूछे दवाईयाँ लेना
कई लोग सर्दी-ज़ुकाम या एलर्जी सिर दर्द, बदन दर्द आदि समस्याओं के लिए चिकित्सक से बिना पूछे ही दवाई ले लेते हैं। गर्भस्थ शिशु के लिए इससे खतरा पैदा हो सकता है। कोई भी दवा मर्ज़ पर असर करने के साथ ही शरीर पर कुछ दुष्प्रभाव छोड़ती है। इसीलिए,गर्भावस्था में चिकित्सक से पूछे बिना दवा लेना खतरना क होता है। गर्भवती महिला को विशेषकर अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ से कोई भी दवा लेने से पहले सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
शरीर का तापमान
अत्यधिक ठंडे और गर्म वातावरण से बचें। अत्यधिक थका देने वाले कामों से बचना चाहिए क्योंकि इससे शरीर का तापमान बढ़ जाता है यानी बुखार आ सकता है। शरीर का तापमान बढ़ना या घटना दोनों ही स्थितियां गर्भवती व गर्भस्थ शिशु के लिए नुकसानकारी होती हैं।
जंक फूड
जंक फूड में नमक-शक्कर आदि अधिक मात्रा में होते हैं। इसके अलावा,प्रीजर्वेटिव आदि केमिकल्स भी मौजूद हो सकते हैं। गर्भावस्था में पोषक तत्वों से भरपूर ताज़ा भोजन लेना चाहिए। जंक फूड में ये तत्व न के बराबर होते हैं। साथ ही,डब्बाबंद खाने से भी दूर रहना चाहिए।
एलर्जन
किसी प्रकार की एलर्जी हो तो उसके कारक से जहां तक संभव हो,दूर रहें। गर्भावस्था में पालतू जानवरों से भी दूरी बना लेना बेहतर होता है। जानवरों के फर से एलर्जी हो सकती है। यदि घर में जानवर पाले हों तो इस दौरान इनकी देखभाल की ज़िम्मेदारी किसी और को सौंप दें(डॉ. सुमित्रा यादव,सेहत,नई दुनिया,दिसम्बर प्रथमांक 2011)
उपयोगी और काम की जानकारी।
जवाब देंहटाएंगर्भवति mahilaon के लिए बहुत काम की बातें बताई हैं ।
जवाब देंहटाएंसाथ ही हाई प्रोटीन और लोह युक्त भोजन आवश्यक है ।
डॉक्टर की सलाह पर आयरन, फोलिक एसिड और कैल्सियम की दवा भी ज़रूरी है ।
Nice .
जवाब देंहटाएंHamne ise share kiya hai .
See
http://www.facebook.com/profile.php?id=100001238817426
एक बच्चे का जन्म कितनी बड़ी जिम्मेदारी है माँ के लिये ,
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी जानकारी !
आपके इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल दिनांक 12-12-2011 को सोमवारीय चर्चा मंच पर भी होगी। सूचनार्थ
जवाब देंहटाएंउपयोगी पोस्ट ..
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