पूरी दुनिया में तीस करोड़ से ज्यादा लोग अस्थमा से पीड़ित हैं। सर्दियों के दस्तक देते ही इस बीमारी से परेशान होने वालों की संख्या दिल्ली में भी हजारों में है। अस्थमा यानी दमा के रोगियों को कई बार सर्दियों के मौसम में समझ नहीं आता कि अपनी इस बीमारी पर काबू पाने के लिए क्या करें। लेकिन किसी भी बीमारी पर नियंत्रण पाने के लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि बीमारी है क्या, क्यों होती है और उस बीमारी के रोगी को क्या करना चाहिए और क्या नहीं?
क्या है अस्थमा
अस्थमा एक ऐसी बीमारी है, जिसमें श्वासनली या इससे जुड़े हिस्सों में सूजन आ जाती है। इसके चलते फेफड़ों में हवा जाने में रुकावट पैदा हो जाती है। जब एलर्जन्स या इरिटेंट्स श्वासनली के संपर्क में आते हैं तो सांस लेने में परेशानी होने लगती है। यही अस्थमा है।
अस्थमा के लक्षण
जल्दी जल्दी सांस लेना
सांस लेने में तकलीफ और खांसी के कारण नींद में रुकावट
सीने में दर्द या कसाव
पीक फ्लो मीटर में पीक फ्लो रेट में गिरावट (पीक फ्लो मीटर एक ऐसा आसान और सस्ता उपकरण है, जिसकी मदद से आप अपने फेफड़ों की कार्यप्रणाली पर नजर रख सकते हैं)
अस्थमा के कारण
सीएमओ डॉक्टर संजय कुमार के मुताबिक, अस्थमा के कोई बहुत स्पष्ट कारण नहीं होते। लेकिन ऐसा माना जाता है कि यह एक जेनेटिक समस्या है। यानी ये बीमारी तब होने की आशंका ज्यादा होती है, जब यह आपके पूर्वजों को हो।
अस्थमा होने का एक अन्य कारण भी है। यदि कोई व्यक्ति पर्यावरण के एलर्जन्स या इरिटेंट्स के प्रति बहुत ज्यादा संवेदनशील होता है तो उसे अस्थमा हो सकता है। अस्थमा का उम्र से कोई रिश्ता नहीं होता। यह किसी भी उम्र में हो सकता है। यदि व्यक्ति की उम्र 30 से कम है तो उसके अस्थमा के लिए एलर्जिक जिम्मेदार हो सकते हैं। यदि व्यक्ति की उम्र 30 से अधिक है तो हवा में तैरते हवा के कणों के कारण भी अस्थमा हो सकता है। बड़े बुजुर्गो में सिगरेट का धुआं, ठंडी हवा और भावनात्मक तनाव से भी अस्थमा हो सकता है।
घरेलू नुस्खे भी फायदेमंद
लहसुन अस्थमा के इलाज में काफी कारगर साबित होता है। 30 मिली दूध में लहसुन की पांच कलियां उबालें और इस मिश्रण का हर रोज सेवन करने से दमे में शुरुआती अवस्था में काफी फायदा मिलता है।
अदरक की गरम चाय में लहसुन की दो पिसी कलियां मिलाकर पीने से अस्थमा नियंत्रित रहता है। सुबह-शाम इस चाय का सेवन करने से फायदा होता है।
अस्थमा रोगी पानी में अजवाइन मिलाकर इसे उबालें और पानी से उठती भाप लें। काफी फायदा होगा।
4-5 लौंग लें और 125 मिली पानी में 5 मिनट तक उबालें। इस मिश्रण को छानकर इसमें एक चम्मच शुद्घ शहद मिलाएं और गरम-गरम पी लें। रोज दो से तीन बार यह काढ़ा पीने से लाभ होगा।
अदरक का एक चम्मच ताजा रस, एक कप मेथी का काढ़ा और स्वादानुसार शहद मिलाएं। यह बेहद फायदेमंद साबित होता है।
मेथी का काढ़ा तैयार करने के लिए एक चम्मच मेथी दाना और एक कप पानी उबालें। सुबह-शाम इसका सेवन करें।
क्या करें
धूल से बचें, याद रखें धूल-कण ऐसे लोगों के लिए एक आम ट्रिगर है।
एयरटाइट गद्दे, बक्स स्प्रिंग और तकिए के कवर का इस्तेमाल ना करें। इन जगहों पर धूल-कण होते हैं।
पालतू जानवरों को हर हफ्ते नहलाएं। इससे घर में गंदगी पर कंट्रोल रहेगा।
अस्थमा से प्रभावित बच्चों को उनकी उम्र वाले बच्चों के साथ सामान्य गतिविधियों में भाग लेने दें।
इसके बारे में जानकारी बढाएं। इससे इस बीमारी पर अच्छी तरह से कंट्रोल करने की समझ बढ़ेगी।
एलर्जी की जांच कराएं, इसकी मदद से आप अपने अस्थमा ट्रिगर्स के मूल कारणों की पहचान कर सकते हैं।
क्या न करें
घर में पालतू जानवर हैं तो उन्हें बिस्तर पर या बेडरूम में न आने दें।
घर में या अस्थमा से प्रभावित लोगों के आसपास धूम्रपान न करें। संभव हो तो धूम्रपान ही करना बंद कर दें, क्योंकि अस्थमा से प्रभावित कुछ लोगों को कपड़ों पर धुएं की महक से ही अटैक आ सकता है।
गार्डन या पत्तियों के ढेरों में काम न करें और न ही खेलें।
अस्थमा से प्रभावित व्यक्ति से किसी तरह का अलग व्यवहार न करें।
अस्थमा का अटैक आने पर घबराएं नहीं।
उन माता-पिता को इस बात पर विशेष ध्यान देना चाहिए जिनके बच्चों को अस्थमा है। अटैक के दौरान बच्चों पर आपकी प्रतिक्रिया का असर पड़ता है। आप घबरा जाएंगे तो उन पर इसका बुरा असर पड़ेगा(अनुराधा गोयल,हिंदुस्तान,दिल्ली,16.11.11)।
बहुत सामयिक और जानकारीपूर्ण..आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया जानकारी दी है !
जवाब देंहटाएंआभार ......
Nice post.
जवाब देंहटाएंब्लॉगर्स मीट वीकली (18)
http://hbfint.blogspot.com/2011/11/18-indira-gandhi.html
समसामयिक और उपयोगी आलेख ..
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी ।
जवाब देंहटाएंलेकिन अक्युट अटैक में डॉक्टर ही जान बचा सकता है ।
भगवान बचाए इससे।
जवाब देंहटाएंहमारे यहां वीडिंग आउट का कार्यक्रम चल रहा है, सो धूल ही धूल।
बढ़िया जानकारी
जवाब देंहटाएंuttam aalekh
जवाब देंहटाएंaapka aabhaar
Nice piece of Information! I too suffering with this hell disease :-(..
जवाब देंहटाएंसामयिक उपयोगी प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंसादर आभार...
sarthak jaankari....
जवाब देंहटाएंयह जानकारी बहुत महत्त्वपूर्ण है ... आभार
जवाब देंहटाएं