शनिवार, 29 अक्तूबर 2011

हींग के उपयोग नोट करें

हींग सिर्फ खाने का जायका ही नहीं बढ़ाती बल्कि हाजमा भी ठीक करती है। कहते हैं अगर सही तरीके से उपयोग किया जाए तो यह कई बीमारियों की दुश्मन है। वैद्यों का मानना है कि हींग को हमेशा भूनकर उपयोग में लाना चाहिए। 

 - एक कप गर्म पानी में एक चम्मच हींग का पाउडर घोलें। इस घोल में सूती कपड़े को भिगोकर पेट के उस हिस्से की सिकाई करें जहां दर्द हो रहा है। थोड़ी ही देर में दर्द से राहत मिलेगी। 

 - हींग में जरा सा कपूर मिलाकर दर्द वाले स्थान पर लगाने से दांत दर्द बंद हो जाता है । 

 - भुनी हुई हींग , काली मिर्च ,पीपल काला नमक समान मात्रा में लेकर पीस लें। रोजाना चौथाई चम्मच यह चूर्ण गर्म पानी से सेवन करें । 

 - एक ग्राम हींग ,पीसी हुई दस काली मिर्च ,दस ग्राम गुड में सबको मिलाकर सुबह शाम खाएं। 

 - पांच ग्राम भुनी हुई हींग, चार चम्मच अजवाइन, दस मुनक्का, थोड़ा काला नमक सबको कूट पीसकर चौथाई चममच तीन बार नित्य लेने से ,उल्टी होना ,जी मिचलाना ठीक हो जाता है। 

- अदरक की गांठ में छेद करके इसमें जरा सा हींग डालकर काला नमक भर कर ,खाने वाले पान के पत्ते में लपेटकर धागा बांध कर गीली मिटटी का लेप कर दें। इसे आग में डाल कर जला लें ,जल जाने पर पीसकर मूंगफली के दाने के बराबर आकार की गोलियां बना लें। एक एक गोली दिन में चार बार चूसें। जल्द ही आराम मिलेगा। 

 - पैर फटने पर नीम के तेल में हींग डालकर लगाने से आराम मिलता है। 

 - थोड़ी सी हींग को गुड में लपेटकर गरम पानी से लें। गैस का पेट दर्द ठीक हो जायेगा। 

 - दांत दर्द में अफीम और हींग का फाहा रखें तो आराम मिलता है। 

 - हींग को पानी में घोलकर लेप बनाकर उस पर लगाने से चर्म रोग में आराम मिलता है(दैनिक भास्कर,उज्जैन,28.10.11)। 


 राम-राम वाले वीरूभाई साहब का इस बारे में एक उपयोगी आलेख यहां है। एक अन्य लाभकारी जानकारी यहां है। 
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सुबह सात बजे पढ़िएः 


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