मंगलवार, 25 अक्टूबर 2011

अवसाद कहीं आत्महत्या का कारण न बन जाए

गहन मानसिक अवसाद किसी को भी आत्महत्या की ओर धकेल सकता है। परिवार में जो भी आत्मकेंद्रित रहते हैं, उनके मन में कुछ और चल रहा होता है तथा प्रकट कुछ और करते हैं। अक्सर उनके मन की थाह लेना मुश्किल होता है। ऐसे में परिवार के दूसरे सदस्यों को अधिक सावधानी की जरूरत होती है। उन्हें आत्मकेंद्रित हो रहे बच्चों से खुलकर संवाद स्थापित करना चाहिए। बच्चों के मन में चल रही किसी भी उथल-पुथल का अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल नहीं होता। आत्मकेंद्रित किसी भी व्यक्ति को आत्महत्या के प्रति हतोत्साहित करने के लिए इन महत्वपूर्ण टिप्पणियों पर ध्यान दें-

जो लोग आत्महत्या के बारे में बात करते हैं, वो यह रास्ता अपनाते नहीं हैं। 
टिप्पणी : 
हर कोई आत्महत्या के विषय में बात नहीं करता है, लेकिन यदि कोई इस बारे में बात कर रहा है तो उसे गंभीरता से लें और इस पर चर्चा करें। 

मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति में आत्महत्या करने की प्रवृत्ति अधिक होती है। 
टिप्पणी : 
गंभीर रूप से अवसादग्रस्त व्यक्ति के आत्महत्या के प्रयास करने की संभावना बहुत अधिक होती है, ख़ासकर यदि वे इसके लिए दवाइयाँ नहीं ले रहे हों तो। 

आत्महत्या का रास्ता चुनने वालों की तकलीफें कोई इतनी भी गंभीर नहीं होती कि वे अपना जीवन ही समाप्त कर लें। 
टिप्पणी : 
किसी व्यक्ति के जीवन में क्या महत्वपूर्ण है और क्या नहीं, इस बात का फैसला कोई और नहीं कर सकता है। हो सकता है किसी व्यक्ति के लिए कोई बात महत्वपूर्ण हो, लेकिन ज़रूरी नहीं कि किसी अन्य के लिए भी वो बात उतना ही महत्व रखती हो। कम उम्र के लोग जिन चीज़ों को महत्व देते हैं, कई बार वे बड़ी उम्र के लोगों के लिए वो कोई मायने ही नहीं रखती। हम दूसरों की मानसिक पीड़ा का अंदाज़ा नहीं लगा सकते। 

यदि कोई आत्महत्या करने का फैसला ले चुका है तो क्या उसका मन बदला नहीं जा सकता? 
टिप्पणी : 
सामान्य तौर पर देखा जाए तो हर व्यक्ति जीना चाहता है। धैर्य के साथ सावधानीपूर्वक यदि जानने की कोशिश की जाए तो आत्महत्या करने के फैसले को बदलने और उसे रोकने की ओर प्रयास किए जा सकते हैं। 

आत्महत्या के बारे में सोच रहे व्यक्ति के आस-पास हथियार उपलब्ध हों तो उसके आत्महत्या के प्रयास की संभावना बढ़ जाती है। 
टिप्पणी : 
जहरीले केमिकल, चाकू, पिस्तौल जैसे हथियारों की उपलब्धता से आत्महत्या के प्रयासों के लिए उत्प्रेरक का काम करते हैं। यदि कोई अवसादग्रस्त हो या आपको संदेह हो कि वो आत्महत्या का प्रयास कर सकता है तो उसके आस-पास से इस तरह की चीज़ें हटा दें। वातावरण को सुरक्षित करने का प्रयास करें। 

यदि अवसादग्रस्त व्यक्ति खुश दिखाई दे रहा हो तो समझें कि उसके मन से आत्महत्या का विचार मिट रहा है। अब खतरे की कोई बात नहीं है। 
टिप्पणी : 
मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति कीआत्महत्या का प्रयास करने की संभावना सबसे ज़्यादा होती है, जब वह कुछ या बहुत समय से उदास रहने के बाद अचानक खुश दिखाई दे रहा हो। ऐसी स्थिति में ज़्यादा ध्यान रखें और व्यक्ति को अकेला न छोड़ें। 

 आत्महत्या करने वाला किसी को बता कर इसका प्रयास थोड़े ही करता है। 
 टिप्पणी : 
आत्महत्या करके अपना जीवन समाप्त कर लेने का मन बना रहा व्यक्ति हमेशा अपने करीबियों को इसके संकेत देता है। संकेत के रूप में वे कोई ऐसी बात कर सकते हैं, जो सामान्यतः नहीं करते हैं या व्यवहार में इसी तरह का कोई परिवर्तन दिखा सकते हैं। हालाँकि ये संकेत कभी भी बिलकुल स्पष्ट नहीं होते, इसलिए चौकन्ना रहने की और मामले को गंभीरता से लेने की ज़रूरत होती है। 

 आत्महत्या का प्रयास करने वाले दूसरों का ध्यान आकर्षित करने के लिए ऐसा करते हैं। 
 टिप्पणी : 
आत्महत्या का प्रयास करने वाला कोई भी व्यक्ति अपने जीवन को खत्म करना चाहता है। दूसरों का ध्यान आकर्षित करने के कई और तरीके हो सकते हैं, लेकिन यदि कोई अपना जीवन खत्म करना चाहता है तो इसमे दो राय नहीं है कि उसकी मानसिक स्थिति इससे कहीं ज्यादा गंभीर है। इस तरह का प्रयास करने पर व्यक्ति से इसका कारण जानने की कोशिश करें। उससे बात करते हुए धैर्य और संयम से काम लें। यदि वो इस बारे में बात न करना चाहता हो तो गुस्सा करने या उसे अकेला छोड़ने की बजाय कुछ और बात करें। हो सकता है कि व्यक्ति अकेलेपन से परेशान हो। आपका समय और दोस्ताना व्यवहार उसे इस स्थिति से उबरने में सहायक हो सकता है। 

आत्महत्या के बारे में विचार कर रहे व्यक्ति की मदद करने से उसकी परेशानी घट सकती है। 
टिप्पणीः
व्यक्ति से वही सवाल पूछें और उनकी बात को धैर्यपूर्वक सुनें तो संभव है कि वो जीने का महत्व समझ जाएं। -आत्महत्या का रास्ता केवल गरीब/अमीर चुनते हैं। टिप्पणीःकोई भी आत्महत्या के विचारों से अछूता नहीं है। हरेक के मन में भावनाएं होती हैं,विचार होते हैं(डॉ. वी एस पॉल,सेहत,नई दुनिया,अक्टूबर द्वितीयांक 2011)।

9 टिप्‍पणियां:

  1. आजकल इस प्रकार की घटनाएँ बहुत बढ़ रही है
    खासकर बच्चों में, बहुत अच्छी जानकारी !

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  2. आजकल लोगों में मानसिक अवसाद बढ रहा है ..
    आपको दीपावली की शुभकामनाएं !!

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  3. अवसाद बहुत ही खतरनाक चीज़ होती है और इस समय आत्महत्या का ख्याल आते रहता है।
    आपकी पोस्ट इससे ग्रसित होने पर एक राह दिखाती है।

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  4. बहुत सुंदर एवं उपयोगी रचना !
    दीपावली पर आपको और परिवार को सस्नेह हार्दिक मंगल कामनाएं !
    सादर !

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  5. आपकी पोस्ट की हलचल आज (29/10/2011को) यहाँ भी है

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  6. गहन जानकारी देती अच्छी पोस्ट .. एकल परिवार में यह आत्म केन्द्रीयता बढ़ रही है .

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  7. बहुत ही अच्‍छी जानकारी दी है आपने ..।

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