सोमवार, 24 अक्टूबर 2011

ऑस्टियोपोरोसिस

जीवन-चर्या और खान-पान में अनियमितता का असर भले ही तुरंत नहीं पता चलता, लेकिन लंबे समय में यह कई बीमारियों का कारण बनता है। ऐसी ही एक बीमारी है ऑस्टियोपोरोसिस, जो हड्डियों की बीमारी है। हड्डी प्रोटीन, कैल्शियम, फॉस्फोरस एवं अनेक खनिजों से बनी ठोस संरचना होती है। यदि इसमें प्रोटीन और खनिजों की कमी हो जाए तो ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी होती है। इस बीमारी में हड्डी का घनत्व (बोन डेंसिटी) कम हो जाता है। मरीज़ के शरीर में मामूली-सी चोट लगने से ही हड्डी टूटने की आशंका होती है।

लक्षण...
कमर दर्द एवं जोड़ों में दर्द।
लंबाई में कमी एवं कूबड़ निकलना।
एक्स रे में रीढ़ की हड्डी का फ्रैक्चर होना।
मामूली चोट से भी फ्रैक्चर हो जाना। 
उम्र के साथ हड्डी में बदलाव आते हैं। 
हड्डी का अधिकतम घनत्व और मज़बूती स्त्री और पुरुष दोनों में ३० वर्ष की आयु तक आ जाते हैं। इसके बाद हड्डी का घनत्व ०.३ प्रतिशत की दर से कम होने लगता है।
महिलाओं में, माहवारी बंद होने के बाद यह दर ३ प्रतिशत प्रतिवर्ष हो जाती है और इसी दर से अगले १० सालों तक इसका घनत्व घटता जाता है। उम्र के सातवें दशक में यह घट कर ०.५ प्रतिशत हो जाती है। यानी हड्डियों को मज़बूत करने के लिए केवल पहले के तीस साल ही होते हैं। 

ऑस्टियोपोरोसिस के दो प्रकार...
प्राइमरी : यह प्रकार सामान्य है और अधिक पाया जाता है। यह बढ़ती उम्र के साथ परिलक्षित होता है। उन लोगों में अधिक देखा जाता है, जिनकी हड्डियों का घनत्व ३० वर्ष की आयु में कम हो और जिनका शारीरिक श्रम कम होता हो। भारतीय महिलाएँ इस प्रकार के ऑस्टियोपोरोसिस से अधिक पीड़ित होती हैं। संतुलित आहार की कमी, उचित व्यायाम का अभाव और कम उम्र में माँ बनना इसके प्रमुख कारण हैं।
सेकंडरी : ऑस्टियोपोरोसिस का यह दूसरा प्रकार भिन्ना कारणों से होता है, जिनमें लंबे समय तक दी जाने वाली दवाओं के दुष्प्रभाव, शराब और सिगरेट का अधिक सेवन प्रमुख हैं।

जाँच... 
 एक्स-रे, बोन मिनरल डेंसिटी टेस्ट व खून में मार्कर ऑफ बोन टर्नओवर आदि जाँचें ऑस्टियोपोरोसिस का पता लगाने के लिए की जा सकती हैं। हड्डियों की मज़बूती के लिए दूध, अंडा और पर्याप्त मात्रा में हरी सब्ज़ियों का सेवन करें। दिनचर्या में पर्याप्त व्यायाम शामिल करें । फिर भी यदि ऑस्टियोपोरोसिस हो जाए तो दवाओं और फिज़ियोथैरेपी से इसका इलाज संभव है(डॉ. सुनील बारोड़,सेहत,नई दुनिया,अक्टूबर द्वितीयांक 2011)। 


इसी विषय पर नवभारत टाइम्स में 20.10.11 को प्रकाशित प्रीतंभरा प्रकाश का आलेख भी देखिएः 


ऑस्टियोपोरोसिस महिलाओं के बीच तेजी से बढ़ती बीमारी के रूप में सामने आया है। एक रिसर्च के मुताबिक 3 में 1 शहरी महिला इसकी शिकार हो जाती है। इसके प्रति जागरूकता प्रसार के उद्देश्य से, प्रतिवर्ष 20 अक्टूबर को विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस भी मनाया जाता है। इस साल वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे का फोकस कैल्शियम, विटामिन डी और एक्सरसाइज पर है। जबकि इस 2011 की थीम लव योर बोंस है। आपको बता दें कि 1996 में 20 अक्टूबर को यह दिन लॉन्च किया गया था। जबकि 1999 से हर साल इस दिन की कोई न कोई थीम डिसाइड की जाती है। पिछले साल इसकी थीम स्पाइनल फ्रैक्चर के साइन और सिम्प्टम्स पर बेस्ड थी। 


अर्बन विमिन हैं चपेट में 
बात ऑस्टियोपोरोसिस की हो, तो महिलाओं का इससे सीधा संबंध देखा जा सकता है। एक रिसर्च के मुताबिक करीब तीन अर्बन विमिन में से एक को 45 की उम्र के बाद यह प्रॉब्लम हो ही जाती है, जिससे उनके बोन फ्रैक्चर-प्रोन हो जाते हैं। गौरतलब है कि एशियाई देशों में चीन के बाद इंडिया ही ऐसा देश है, जहां ऑस्टियोपोरोसिस के केसेज सबसे ज्यादा हैं। आर्थराइटिस फाउंडेशन ऑफ इंडिया की मानें, तो 2050 तक दुनिया के फ्रैक्चर्स का आधा हिस्सा इंडिया में ही देखने को मिलेगा। यही नहीं, ऐसी आशंका भी है कि 2013 तक हमारे देश के 36 मिलियन लोग इसकी चपेट में होंगे। वैसे, ऑस्टियोपोरोसिस का लिंक कैल्शियम इनटेक से ही है, लेकिन हमारे देश में इसकी मुख्य वजह विटामिन डी की कमी है। आंकड़ों के मुताबिक, करीब 90 पर्सेंट इंडियंस में विटामिन डी की कमी है। जबकि विटामिन डी को हमारी स्किन ही प्रोड्यूस करती है, वह भी सिर्फ 20 मिनट के सन बाथ से। 


30 तक ही 
आर्थोपोडिक सर्जन डॉ. हिमांशु मलिक के मुताबिक, बोन डेंसिटी केवल 30 की उम्र तक ही रहती है। 30 के बाद कैल्शियम लेवल गिरने लगता है। इसीलिए हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज शुरुआती उम्र में ही इंपोर्टेंट होती है। लेकिन इसके मायने यह नहीं कि आप आगे अपना ध्यान न रखें। विमिन चाहे जिस उम्र में भी हों, उन्हें पत्तेदार सब्जियां, फिश और मिल्क लेना चाहिए। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मिनोपॉज के बाद विमिन कई हार्मोनल बदलावों से गुजरती हैं। ऐसे में उन्हें कैल्शियम और विटामिन डी की जरूरत ज्यादा क्वांटिटी में पड़ती है। 


विटामिन डी 
मेट्रो सिटीज के अपर मिडल क्लास में विटामिन डी की कमी सबसे ज्यादा देखने में आती है। इसकी सबसे बड़ी वजह उनका इनडोर वर्क शेड्यूल है। सीनियर आर्थोपोडिक सर्जन डॉ . हर्षवर्धन हेगड़े का कहना है कि सबसे बड़ी प्रॉब्लम हमारी लाइफस्टाइल में है। हममें से ज्यादातर लोग बंद घरों में रहते हैं। फिर सारा दिन ऑफिस में एसी में। इस तरह पूरे दिन के शेड्यूल में धूप से हमारा कोई सरोकार ही नहीं होता। असल में , गुड बोन डिवेलपमेंट के लिए विटामिन डी 3 लेवल का सही होना जरूरी होता है , जो हमें धूप से ही मिलता है। समय - समय पर विटामिन डी 3 लेवल का टेस्ट भी कराना चाहिए। डॉ . हेगड़े सजेस्ट करते हैं कि हमारे देश में 8 महीने तो समर होता ही है। ऐसे में अगर हर रोज 40 मिनट वॉक करे , तो उसे विटामिन डी की डिफिशिएंसी नहीं रहेगी। 


राइट डाइट 
विटामिन डी रिच डाइट्स में मिल्क और डेयरी प्रॉडक्ट्स के अलावा एग , ऑयली फिश और लीवर आते हैं। कैल्शियम रिच फूड में ब्रोंकोली , पत्तागोभी , बादाम और सूखे बींस वगैरह आते हैं। कैल्शियम रिच और हाई फाइबर डाइट बोंस की जरूरतों को पूरा करती है। जबकि फ्रेश फ्रूट , वेजिटेबल्स , मिल्क , नट्स और ओटमील बोन जॉइंट्स को प्रॉपर फंक्शन करने में हेल्प करते हैं। यंग गर्ल्स और विमिन को एक्सरसाइज जरूर करना चाहिए। एक्सरसाइज से ब्लड सर्कुलेशन इंप्रूव होता है। जब इसकी वजह से पसीना निकलता है , तब आपके फेस पर ग्लो आता है। यही नहीं , इससे बीमारियों से लड़ने के लिए रेसिस्टेंस भी डिवेलप होती है। 


ध्यानार्थःकल सुबह सात बजे पढ़िएः"अवसाद कहीं आत्महत्या का कारण न बन जाए" और शाम सात बजे पढ़िएः"पर्व-त्यौहार पर मिलावट की महामारी"

7 टिप्‍पणियां:

  1. ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या आजकल काफी बढ़ रही है ...जागरूक करती पोस्ट....

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  2. दीपावली की हार्दिक शुभकामनाओ के साथ ………

    आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
    प्रस्तुति आज के तेताला का आकर्षण बनी है
    तेताला पर अपनी पोस्ट देखियेगा और अपने विचारों से
    अवगत कराइयेगा ।

    http://tetalaa.blogspot.com/

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  3. सार्थक जानकारी देती अच्छी पोस्ट ..

    मेरे ब्लॉग पर इतना तनाव भी नहीं है की आना ही छोड़ दें :):)

    दीपावली की शुभकामनायें

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  4. दीये की लौ की भाँति
    करें हर मुसीबत का सामना
    खुश रहकर खुशी बिखेरें
    यही है मेरी शुभकामना।

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  5. अच्छी जानकारी आभार !
    दीपावली की हार्दिक
    शुभकामनायें !

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  6. नया रूफ (ब्लॉग का) मन को भाया। बहुत ही खतरनाक बीमारी है औस्टियोपोरोसिस। इसके बारॆ में बहुत सी नई बातों का पता चलआ।

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  7. oh,very alarming but educating post.
    दीपावली की भी हार्दिक शुभकामनाएँ!

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