गुरुवार, 13 अक्टूबर 2011

दर्द में जायफल

खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए या किसी भी डिश को विशेष स्वाद देने के लिए उसमें जायफल का उपयोग किया जाता है। लेकिन जायफल न सिर्फ खाने का जायका बढ़ाता है बल्कि इससे कई तरह के रोगों के उपचार भी संभव है। जायफल अमाशय के लिए विशेष रूप से फायंदेमंद है। आमाशय के लिए उत्तेजक होने से आमाशय में पाचक रस बढ़ता है, जिससे भूख लगती है। आंतों में पहुंचकर वहां से गैस हटाता है। ज्यादा मात्रा में यह मादक प्रभाव करता है। इसका प्रभाव मस्तिष्क पर कपूर के समान होता है, जिससे चक्कर आना, प्रलाप आदि लक्षण प्रकट होते हैं। इससे कई बीमारियों में लाभ मिलता है तथा सौन्दर्य सम्बन्धी कई समस्याओं से भी निजात मिलती है।  इसके तेल में दर्द को रोकने का गुण होता है। इसलिए दर्द का अनुभव होना बन्द हो जाता है।

-आयुर्वेद में जायफल को वात एवं कफ नाशक बताया गया है। सुबह-सुबह खाली पेट आधा चम्मच जायफल चाटने से गैस्ट्रिक, सर्दी-खांसी की समस्या नहीं सताती है। 
-पेट में दर्द होने पर चार से पांच बूंद जायफल का तेल चीनी के साथ लेने से आराम मिलता है। 
-छोटे बच्चों को सरसों के तेल में जायफल मिलाकर चटाने से उल्टी नहीं होती है और उनका हाजमा ठीक रहता है। 
-सरसों तेल में जायफल के तेल की कुछ बूंदें मिलकार मालिश करने से चोट एवं मोच में आराम मिलता है। 
-चेहरे पर मुंहासे अधिक हो रहे हैं तो जायफल का लेप चेहरे पर लगाएं। इससे मुंहासे सूख जाएंगे। झाईयों में भी मुंहासों का लेप गुणकारी होता है। इससे रंगत भी निखरती है। 
-शिशु का दूध छुड़ाकर ऊपर का दूध पिलाने पर यदि दूध पचता न हो तो दूध में आधा पानी मिलाकर, इसमें एक जायफल डालकर उबालें। इस दूध को थोडा ठण्डा करके कुनकुना गर्म, चम्मच कटोरी से शिशु को पिलाएँ, यह दूध शिशु को हजम हो जाएगा।
-शरीर के जोड़ों में दर्द होना गठिया यानी सन्धिवात रोग का लक्षण होता है। गठिया के अलावा चोट, मोच और पुरानी सूजन के लिए जायफल और सरसों के तेल के मिलाकर मालिश करने से आराम होता है। इसकी मालिश से शरीर में गर्मी आती है, चुस्ती फुर्ती आती है और पसीने के रूप में विकार निकल जाता है। 
-पेट में दर्द हो जायफल के तेल की 2-3 बूंद शकर में या बताशे में टपकाकर खाने से फौरन आराम होता है। इसी तरह दांत में दर्द होने पर जायफल के तेल में रूई डुबोकर इसे दांत-दाढ़ के कोचर में रखने से कीड़े मर जाते हैं और दर्द दूर हो जाता है।(दैनिक भास्कर,उज्जैन,12.10.11)

4 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छी जानकारी जायफल का
    उपयोग कई रोगों पर भी होता है
    अभी पढ़ रही हूँ आभार !

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  2. मेरी डाक्टर ने हमें बताया की जैसे ही बच्ची को सर्दी या खासी की शुरुआत हो रात में देशी घी में थोडा जायफल घिस कर उसके सिने पीठ पर मल दे और थोड़ी मात्रा में उसे चटा दे | ये वाकई बहुत ही जल्दी और अच्छा असर करता है अब हमें इन चीजो के लिए शायद ही कभी डाक्टर के पास जाना पड़ता है |

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  3. जायफल के बहुत सारे गुणों से आपने अवगत करा दिया ..

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  4. आदरणीय कुमार राधारमण जी

    बहुत उपयोगी जानकारी है जायफल के दवा के रूप में उपयोग के संबंध में … आभार !
    हालांकि , जायफल का तेल बाज़ार में मिलना अवश्य कठिन होगा …


    आपको सपरिवार त्यौंहारों के इस सीजन सहित दीपावली की अग्रिम बधाई-शुभकामनाएं-मंगलकामनाएं !
    -राजेन्द्र स्वर्णकार

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