वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उम्र बढ़ने की प्रक्रि या को कम करने वाली यानी बुढ़ापे को रोकने वाली तथा जीने की उम्र 150 वर्ष तक पहुंचाने वाली ‘जादुई’ दवा अब बस कुछ ही सालों में हासिल हो सकती है। वैज्ञानिकों ने सिडनी में एक सम्मेलन में कहा कि शरीर को गठीला बनाने वाली यह ‘वंडर पिल’ (जादुई गोली) विकसित होने के शुरुआती चरण में है और इसके सेवन के बाद 150 वर्ष से अधिक जीवन जीने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस दवा के सेवन से स्टेम कोशिका थैरेपी जीवन की गुणवत्ता बढ़ा देगी। न्यूसाउथ वेल्स विविद्यालय में ‘डीन आफ मेडिसिन’ के प्रोफेसर पीटर स्मिथ ने कहा कि मेडिसिन डीन ने ढलती उम्र में खुश और स्वस्थ रहने की संभावनाओं पर व्याख्यान दिया जो व्यक्ति की उम्र बढ़ाने की दिशा में अहम कड़ी साबित होगा।
उनके हवाले से ‘डेली मेल’ ने कहा, ‘मुझे पूरी आशा है कि हम मानव जीवन को कुछ दशकों के लिए बढ़ा सकते हैं। लेकिन उद्देश्य केवल आयु बढ़ाना नहीं बल्कि लंबा स्वस्थ जीवन जीना है।’ हार्वर्ड के वैज्ञानिक प्रोफेसर डेविड सिनक्लेयर ने दावा किया, ‘हम ऐसी नई तकनीक की शुरुआत देख रहे हैं जिससे एक दिन 150 वर्ष तक जीवन देख सकते हैं।’ इसी तरह ऑक्सफोर्ड विवि की न्यूरोसाइंटिस्ट बेरोनेस सूसन ग्रीनफील्ड ने सिडनी सम्मेलन में कहा कि लोग जब 65 वर्ष की उम्र में पहुंचेंगे, तब वे दूसरा करियर शुरू कर सकेंगे। उम्रदराज लोगों की यह श्रमशक्ति शारीरिक कामों से अलग, ज्ञान आधारित कायरे में योगदान देगी(राष्ट्रीय सहारा,21.10.11 में लंदन की रिपोर्ट)।
मगर इस बारे में इसी तारीख के नई दुनिया की रिपोर्ट कहती है कि इलाज के शिगूफे (होप सेलिंग) छोड़ना चिकित्सा क्षेत्र की एक "उम्रदराज" फितरत है। गोली से १५० वर्ष की उम्र की बात उस शिगूफे की इंतिहा ही है। जीवन शैली के विशेषज्ञों का कहना है कि गुरुवार को सिडनी में हुए सेहत सम्मेलन में स्वास्थ्य वैज्ञानिकों के ताजा दावे को भी उसी आलोक में देखना चाहिए। दावा है कि १५० वर्ष से भी अधिक जीने की चमत्कारी दवा से हम बस कुछ ही साल दूर हैं। शिगूफों के इतिहास के पन्नों को उलटें तो पता चलेगा कि लाइलाज रोगों की चमत्कारी गोलियों के कई दावे अब खुद बूढ़े हो चले हैं। ताजा शिगूफे में नया यह है कि इतनी बड़ी उम्र तक भी लोग स्वस्थ एवं खुशगवार जीवन जीएंगे। दुखदायी रोगों की बड़ी वजहों में आज एक अधिक उम्र का होना भी है।
वैज्ञानिकों ने कहा है कि यह गोली बूढ़े होने की प्रक्रिया (एजिंग) की गति धीमी कर यह चमत्कार करेगी। उन वैज्ञानिकों ने कहा है कि गोली से उम्र बढ़ेगी और सेल थेरेपी जीवन की गुणवत्ता बढ़ाएगी। यानी उनकी चमत्कारी गोली एवं सेल थेरेपी मिल करके एक और चमत्कार करेंगे कि १५० साल की उम्र तक भी हम मजे से जी सकेंगे।
न्यू साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी के डीन ऑफ मेडिसिन प्रोफेसर पीटर स्मिथ ने कहा है कि यह महज शिगूफा नहीं है। हावर्ड के जेनेटिस्ट प्रो. डैविड सिनक्लेयर ने कहा कि हमें वह वंडर ड्रग दिख रहा है। सिन्क्लेयर रेड वाइन में मिलने वाले एक यौगिक रेसवेराटॉल पर शोध कर रहे हैं। यह उम्रदराज होने की गति को कम करता है। उन्होंने कहा है कि एक नए यौगिक का परीक्षण हो रहा है जो रेसवेराटॉल से १००० गुने अधिक शक्तिशाली है।
फोर्टिस अस्पताल में मेटाबॉलिज्म, मधुमेह एवं पोषण प्रभाग के चेयरमैन डॉ. अनुप मिश्रा ने कहा कि चिकित्सा की दुनिया में उम्र को बढ़ाने वाली गोली की खोज एक "शाश्वत" खोज रही है। यही कभी पूरी नहीं होने वाली। आप आंतरिक एजिंग यानी किडनी और लीवर की एजिंग कम नहीं कर सकते। एमटीएनएल हेल्थ मेले में हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल ने कहा कि ऐसी गोली खाम खयाली भर है। जीवन शैली में परिवर्तन कर ही उम्र लंबी की जा सकती है। आजादी के समय हमारी औसत उम्र ४५ साल थी, अब ६५ हो गई है।
कमाल की जानकारी है। ऐसा भी हो सकता है क्या? हो भी सकता है!!
जवाब देंहटाएंhow interesting ......
जवाब देंहटाएंरोचक .. भविष्य के गर्त में और क्या क्या छुपा है !!
जवाब देंहटाएंभारतीय मीडीया ऐसी 'चमत्कारिक' खबरों पर इतना ध्यान क्यों देता है ? मै सीडनी में हूँ, और यहाँ के मीडीया में कोई खबर नहीं है !
जवाब देंहटाएंभारतीय मीडिया प्रचार के जरिये अपना विज्ञापन कर रहा है और कुछ नहीं। ऐसी खोजों का दावा भी तो खोखला विज्ञापन ही है। आचार-विचार,कर्म और रहन-सहन सुधार कर आयु बढ़ाई जा सकती है ;गोलियों और सीरप से नहीं।
जवाब देंहटाएंसिडनी हो अमेरिका, भारत हो या जापान ..नीम हकीम खतराए जान.....बंगाली बाबा का इलाज कहीं का नहीं रखेगा.....
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