शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए अगर मांसाहार नहीं खाना चाहते न ही दूध पीना चाहते! कोई बात नहीं। वैज्ञानिकों ने इसका विकल्प खोज लिया है। ऐसे लोगों को बाजरे के आटे से बना हुआ डोसा, सोयाबीन की चटनी, तिल के लड्डू और रसगुल्ले खाने चाहिए। ये शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा कर देते हैं। पुणे विश्वविद्यालय और हीराबाई कोवासजी जहांगीर मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट ने एक संयुक्त शोध में पाया कि शरीर के लिए जरूरी कैल्शियम मात्रा के मुकाबले पुरुष 63 और महिलाएं 53 प्रतिशत ही उसका सेवन करते हैं। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा विकसित रेकमंडेड डायटेरी अलाउंस (आरडीए) के अनुसार, 7 से 9 साल के बच्चों को रोजाना 600 मिग्रा और10 से 19 साल के व्यक्तियों को 800 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है। देश में 7 से 19 साल के 236 व्यक्तियों पर किए गए नए सर्वे के मुताबिक, 90 प्रतिशत लोगों में कैल्शियम की मात्रा कम पाई गई। इनमें 45 प्रतिशत कम मात्रा में दूध लेते थे जबकि 36 प्रतिशत दूध पीना बिल्कुल पसंद नहीं करते थे। इस शोध के बाद वैज्ञानिकों ने बिना दूध के 14 ऐसे खाद्य पदार्थो की
सूची तैयार की हैं जिनमें कैल्शियम की उचित मात्रा है। करेंट साइंस में प्रकाशित शोध के अनुसार, इन उत्पादों में बाजरे के आटे का डोसा, तिल के लड्डू, तिल और सोयाबीन की चटनी, पोस्तादाना का दलिया और तिल की चिक्की शामिल हैं।
भारतीय खाते हैं ज्यादा तेल, वसा और नमक
एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अपने दैनिक भोजन में तेल, वसा और नमक की ज्यादा मात्रा का सेवन कर रहे हैं। इसके चलते उनमें दिल की बीमारी, उच्च रक्तचाप और मधुमेह की आशंका बढ़ रही है। पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इन बीमारियों के खिलाफ कवच का काम करने वाले फल और सब्जियों जैसे रेशे वाले खाद्य पदार्थो का सेवन भारत में बहुत कम है। भोजन में एक दिन में ऐसे पदार्थो की मात्रा लगभग 400 ग्राम होनी चाहिए(दैनिक जागरण,दिल्ली,19.9.11)।
वाह कैल्सियम खाने का यह एक नया तरीका आज ही मालूम हुआ॥इस जानकारी वर्धक पोस्ट के लिए आपका धन्यवाद
जवाब देंहटाएंbadi achchi jankri....
जवाब देंहटाएंअच्छा विकल्प है।
जवाब देंहटाएंबाजरे का डोसा--यह तो मज़ा आ जायेगा । कभी कभी रोटियां तो खाई हैं , लेकिन डोसा तो बिलकुल नया कोंसेप्ट है ।
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