सोने से पहले और सुबह उठकर दांतों की सफाई करने की डॉक्टर सलाह देते हैं, लेकिन बार-बार टूथपेस्ट के इस्तेमाल से दिल्लीवालों के दांत कमजोर हो रहे हैं। दरअसल, बाजार में बिक रहें कई ब्रांडेड टूथपेस्ट में मानक से तीन सौ गुना अधिक तक निकोटीन और फ्लोराइड पाया गया है। यह खुलासा दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल साइंस एंड रिसर्च (डिप्सार) के एक अध्ययन में हुआ है। डिप्सार ने दिल्ली और एनसीआर में बिक रहे उत्पादों का तीन बार सर्वे किया। वर्ष 2008 और 2009 के बाद इसी वर्ष, यानि 2011 में बाजार में बिक रहे उत्पादों पर अध्ययन किया गया। डिप्सार के प्रिंसिपल डॉ.एसएस अग्रवाल ने बताया कि इस बार टूथपेस्ट में निकोटीन के साथ-साथ फ्लोराइड की मात्रा की भी जांच की गई। इसमें पाया गया है कि लगभग सभी बड़ी कंपनियों के उत्पादों में फ्लोराइड की मात्रा तय मानक से काफी ज्यादा है। उन्होंने बताया कि 0.5-1 पीपीएम तक फ्लोराइड का इस्तेमाल सुरक्षित माना जाता है, लेकिन एक नामी ब्रांड के टूथपेस्ट में 2400 पीपीएम और एक अन्य बड़े ब्रांड में 1800 पीपीएम फ्लोराइड पाया गया है। डॉ. अग्रवाल कहते हैं कि इस वर्ष बाजार से 10 ब्रांड के उत्पादों को एकत्र किया गया था। इनमें से छह में निकोटीन पाया गया। एक ब्रांड के उत्पाद में तो 16 मिलीग्राम तंबाकू मिला जो 8 सिगरेट के बराबर है। गौरतलब है कि वर्ष 2008 में 8 ब्रांड के सैंपल लिए गए थे, जिनमें से 4 में निकोटीन पाया गया था। चिंताजनक बात यह है कि इन उत्पादों के पैकेट पर कोई भी खतरनाक चेतावनी के चित्र (पिक्टोरियल वार्निग) नहीं दिए गए थै, जबकि यह कानूनी रूप से गलत है। वर्ष 2009 में की गई अध्ययन में चार ब्रांडों के उत्पाद बाजार से उठाए गए थे, जिनमें से दो ब्रांड के उत्पादों में निकोटीन पाया गया। चौंकाने वाली बात यह है कि जिन कंपनियों ने अपने टूथपेस्ट में 2009 में तंबाकू का इस्तेमाल बंद कर दिया था तो उन्होंने 2011 में दोबारा इस्तेमाल शुरू कर दिया। डॉ. आरएन कालरा कहते हैं कि निकोटीन किसी को भी किसी उत्पाद का आदी बना सकता है। फ्लोराइड से दांत और हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। डॉ. कालरा कहते हैं कि लंबे समय तक फ्लोराइडयुक्त पदार्थो के इस्तेमाल से अपंगता तक हो सकती है(धनंजय कुमार,दैनिक भास्कर,दिल्ली,29.8.11)।
सचेत करने के लिए आभार ......उपयोगी जानकारी
जवाब देंहटाएंसर उस ब्रांड के नाम भी घोषित किये रहते तो अच्छा होता था ! मई तो रामदेव जी का पेस्ट इस्तेमाल करता हूँ ! इसके बारे में भी कुछ हो तो बताये !
जवाब देंहटाएंसचमुच, खतरनाक।
जवाब देंहटाएं------
चित्रावलियाँ।
कसौटी पर शिखा वार्ष्णेय..
आज मैंने टीवी पर भी इसके बारे में सुना, एक dentist बता रहे थे, के ये मानक सिर्फ तब तक खतरनाक है, जब तक आप उसे निगल नहीं लेते.
जवाब देंहटाएंसिर्फ उस बच्चे के लिए, जिसको ये नहीं पता के इसे निगलना नहीं है बल्कि थूकना है.....
doctor ने साफ़ बताया कि इसमें ऐसा कुछ नुकसानदायक नहीं है अगर आप उसे दांत साफ़ कर के थूक देते हैं...
ये प्रोग्राम मैंने दिल्ली आज तक पर देखा था...
और उन्हों ने ये भी बताया कि non-flouridated toothpaste भी आते हैं, आप बच्चो को वो इस्तेमाल करने के लिए दें.
और ये toothpaste उनके लिए खतरनाक नहीं है जिनके दूधिया दांत टूट चुके हैं... यानी कि हमारे जैसे लोगो के लिए ये safe है.... टीवी पर तो ऐसा ही बताया...