गुरुवार, 28 जुलाई 2011

माइग्रेन में योग

आज की तनावपूर्ण जिंदगी में माइग्रेन एक बड़ी बीमारी के रूप में उभर रहा है, पर आपको परेशान करने वाला यह रोग लाइलाज नहीं है। अधिकांशत: आधे सिर में दर्द वाले इस रोग का इलाज योग के पास है

आज की भाग-दौड़ वाली जिंदगी में माइग्रेन एक आम बीमारी के रूप में बढ़ता जा रहा है। इस बीमारी की प्रमुख वजह मानसिक तनाव है, जो हमारे रोज-ब-रोज के क्रियाकलापों से पैदा होता है। अत: हम अपनी दिनचर्या का विश्लेषण करें। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र के मानसिक तनावों में विभिन्नताएं होती हैं। महिलाओं में अक्सर माइग्रेन की समस्या देखी गई है।

माइग्रेन के लक्षण
इसके मुख्य लक्षण उल्टी होना, बार-बार चक्कर आना और दृष्टि कमजोर पड़ना है। कभी-कभी किसी काम में अड़चन आने के कारण मस्तिष्क के स्नायुओं में तनाव या खिंचाव होता है। इस खिंचाव के कारण माइग्रेन यानी अधिकांशत: आधे सिर का दर्द होने लगता है। इस समस्या के अन्य कारण भी हैं, जैसे कब्ज होना, उच्च रक्तचाप होना, मासिक धर्म में अनियमितता, पाचन-क्रिया में समस्या, खान-पान में अनियमितता और गलत खान-पान, नींद पूरी न होना, हद से अधिक कार्य करना। सिरदर्द के जितने मरीज हैं, उनमें लगभग 60 प्रतिशत माइग्रेन से पीड़ित हैं और शहरों में इसके ज्यादा मरीज हैं।
कारण और उपाय
कभी-कभी मामूली कारणों जैसे मानसिक तनाव, थकान, सर्दी, जुकाम, बुखार आदि से भी सिर दर्द हो सकता है। मगर माइग्रेन में हमारे सिर के एक भाग में लगातार दर्द होता है। यह 10 से 15 साल की उम्र में शुरू हो सकता है। इससे छुटकारा पाने में योग काफी मददगार साबित होता है। योग के कुछ आसन प्रतिदिन 20 से 30 मिनट तक करके इस समस्या से मुक्ति पा सकते हैं।
ध्यान: इस आसन में सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठें। दोनों हाथ ज्ञान मुद्रा में होंगे। आंखें बंद, गर्दन बिल्कुल सीधी होगी। चित्त बिल्कुल शांत करें और श्वास, प्रश्वास और प्रश्वसन आसन में बैठ जाएं।
चन्द्रभेदी प्राणायाम: पद्मासन में बैठें। गर्दन, कमर बिल्कुल सीधी रखें। दायें हाथ के अंगूठे से दाहिनी नाक को बंद करें। फिर नाक के बाएं छिद्र से सांस भरें और दाएं हाथ की उंगलियों से नाक को बंद करते हुए दाईं और से श्वास बाहर निकालें। इस प्राणायाम को 12-15 बार करें। (दमा, ब्रॉन्काइटिस, निम्न रक्तचाप के रोगी यह प्राणायाम नहीं करें)
पवनमुक्त आसन: सबसे पहले पीठ के बल लेट जाइए। उसके बाद दायीं टांग को घुटनों से मोड़ते हुए अपनी छाती से लगाने का प्रयास करें। दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में मिला लें और ठोड़ी को घुटनों से मिलाने की कोशिश करें। बायीं टांग जमीन पर सीधी रहेगी। कुछ देर इसी मुद्रा में रहें। इसी प्रकार इस आसन को बायीं टांग से करें। इस आसन को कम से कम पांच बार दोहराएं। (हृदय, कमर दर्द, सियाटिका के रोगी और गर्भवती महिलाएं यह आसन नहीं करें)

वज्रासन: घुटनों को मोड़कर अपने शरीर का पूरा भार अपने दोनों पैरों की एड़ियों पर रखकर बैठ जाएं। दोनों पैरों के पंजे आपस में मिले हों और दोनों एड़ियां आपस में जुड़ी नहीं हों। दोनों हाथ घुटनों पर रखें। गर्दन, कमर और कंधे बिल्कुल सीधे और आंखें खुली रखें। इस आसन में कम-से-कम पांच मिनट तक बैठें।
योग मुद्रा: दोनों पैरों को एक-दूसरे के ऊपर रखकर पद्मासन की मुद्रा में आ जाएं। दोनों हाथों को पीछे ले जाकर कलाइयां पकड़ लें। उसके बाद धीरे-धीरे कमर को आगे की ओर झुकाते हुए अपनी ठोड़ी को जमीन पर लगाने की कोशिश करें। यह आसन आप अपनी क्षमता के अनुसार करें। (हृदय, कमर दर्द, उच्च रक्तचाप के रोगी और गर्भवती महिलाएं इस आसन को नहीं करें)
शवासन: इसमें पीठ के बल लेट जाएं। दोनों पैरों के बीच एक से दो फुट का फासला रखें। दोनों हाथ जांघों के पास और दोनों हथेलियां ऊपर की ओर हों। इस आसन में हम अपने पूरे शरीर को आराम देते हैं और अपना सारा ध्यान सांस लेने और छोड़ने में लगाते हैं। इससे हम अपने अंतर्मन से शरीर के एक-एक अंग का अवलोकन करते हैं।
इन आसनों को नियमपूर्वक करने से आपको माइग्रेन के अलावा मानसिक तनाव से भी छुटकारा मिल सकता है। इसके अतिरिक्त अच्छे कार्यक्रमों को देखना, समय-समय पर अवकाश लेना, शांतिप्रद संगीत का आनंद लेना, प्रात: एवं सायंकालीन प्राकृतिक छटाओं का आनंद लेना आदि स्नायुओं पर शांतिकारक प्रभाव डालते हैं। तो क्यों न इन आसनों का लाभ उठाया जाए और इस बीमारी से मुक्ति प्राप्त की जाए।
खानपान का ख्याल
रात का भोजन आठ से नौ बजे तक कर लेना चाहिए और खाने के कम-से-कम दो घंटे के बाद सोना चाहिए, क्योंकि हमारे शरीर में 70 फीसदी पानी होता है, जिसके कारण पाचन क्रिया जल्दी से हो जाती है। रात का भोजन ज्यादा हैवी न हो, इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए।

सावधानियां
आसन करने से पहले कुछ बुनियादी नियमों का पालन करना चाहिए-
चॉकलेट, शराब, चीज, लस्सी, मूंगफली, दही, मांस, केला, किशमिश, सोया, सॉस इत्यादि का सेवन न करें
ऐसा सोचना उचित नहीं है कि संसार का संपूर्ण उत्तरदायित्व मेरे ही कंधों पर है
जो काम आपके निमित्त हैं, उन्हें निश्चयपूर्वक मन लगाकर कीजिए
कार्य को योजनाबद्ध तरीके से करें
सब कुछ एक साथ करने का प्रयास नहीं करें
सही दृष्टिकोण अपनाएं
विश्रन्ति का अभ्यास करें
अन्य आसान उपाय
तनाव, हल्की चोट, कब्ज और शराब पीने के बाद भी सिर में दर्द होता है। इसके निवारण और उपचार के आसान उपाय भी हैं, जैसे-
पैरों के तलवों पर एक मिनट तेज पानी की बौछार करें
सिर पर ठंडे पानी की धारा डालें
दिन भर में कम-से-कम 12 से 14 गिलास पानी का सेवन करें।
सप्ताह में एक बार उपवास रखें
गाजर, करेला, नारियल और आंवले का रस पीएं
सलाद, अंकुरित दालें और फल खाएं(सुनील सिंह,हिंदुस्तान,दिल्ली,27.7.11)

6 टिप्‍पणियां:

  1. उपयोगी बातें ।
    माइग्रेन के अटैक में दवा लेना ज़रूरी है ।

    जवाब देंहटाएं
  2. इस पोस्ट को पढ़कर बहुत लोगों का भला होगा।

    जवाब देंहटाएं
  3. shukriya is jankari ko itne vistrit roop se dene aur samjhane ke liye.

    aabhar.

    जवाब देंहटाएं
  4. अनुलोम विलोम अत्योत्त्म है माइग्रेन में.

    जवाब देंहटाएं
  5. सच में बहुत बढ़िया रही जानकारी !
    आभार आपका !

    जवाब देंहटाएं

एक से अधिक ब्लॉगों के स्वामी कृपया अपनी नई पोस्ट का लिंक छोड़ें।