खूबसूरती पाने के लिए हम क्या-क्या नहीं करते। खानपान से लेकर एक्सरसाइज और ब्यूटी पार्लर के चक्कर तक लगाते हैं। कई बार तो सजर्री भी करवाते हैं। लेकिन यही खूबसूरती अगर आराम से बिना किसी सजर्री के मिल जाए तो कितना अच्छा हो। वैज्ञानिकों ने ऐसा उपाय ढूंढ़ निकाला है, जिससे आप अपनी खूबसूरती में चार चांद लगा सकते हैं। उम्र का असर कम करने और सुंदरता बढ़ाने वाले डर्मल फिलर पर एक आलेखः
आउच..दुखता है! आप अपनी ब्यूटीशियन से यही कहती हैं न, जब वो आपके बेतरतीब आई ब्रो को संवारने या आपकी बांहों की वैक्सिंग में लगी होती है? अब सोचिए कि कॉस्मेटिक सर्जरी (मेकओवर) के वक्त कितनी दुखन होती होगी, कितनी बेचैनी होती होगी! आखिर इसमें आपके शरीर पर चिकित्सक का उस्तरा चलता है।
उस्तरे को छोड़िए, खूबसूरती के लिए केवल सुई भी लेना हो तो आप उसकी चुभन की कल्पना मात्र से सिहर उठती हैं। दरअसल खूबसूरत दिखने और सुंदरता में अधिक से अधिक निखार लाने के मकसद से शल्य और गैर-शल्य दोनों प्रक्रियाएं शुरू में तकलीफदेय हैं। ऐसे में हम बस मन को मनाते हैं कि ‘देयर इज नो गेन विदाउट पेन’, भले ही मामला हल्का चीरा लगाने का हो या फिर ब्यूटी की सुई लेने का। क्यों, सही है न?
ऐसे में क्या आप यकीन करेंगी कि खूबसूरती बिना तकलीफ सहे संभव है? बेशक, विश्वास न हो पर आधुनिक डर्मल फिलर जुवेडर्म एक्ससी के साथ यह संभव है। खूबसूरती बढ़ाने को लालायित महिलाओं के लिए जुवेडर्म वाकई एक आरामदेह विकल्प है। यह बीते दिनों के फिलर से अलग है, क्योंकि इसमें प्रिजर्वेटिव फ्री लिकोडीन (एनेस्थेटिक) के साथ महत्वपूर्ण घटक के रूप में ह्यालुरोनिक एसिड है, जो कि त्वचा का प्राकृतिक तत्व है और वह भरपूर त्वचा और उसमें यौवन की चमक देता है।
मशहूर डर्माटोलॉजिस्ट चिरंजीव छाबड़ा, जो दिल्ली में खुद का क्लीनिक ‘स्किन अलाइव’ चलाती हैं, इस बात की पुष्टि करती हैं, ‘उम्र का असर कम करने और सुंदरता बढ़ाने के मकसद से डर्मल फिलर का तो काफी समय से उपयोग होता रहा है। लेकिन फिलर की सुई लेना अब तक मरीजों के लिए तकलीफदेह है। हालांकि जुवेडर्म एक्ससी एक अनोखा डर्मल फिलर है। चूंकि इसमें लोकल एनेस्थीसिया का गुण है, इसलिए यह आराम से आपके चेहरे पर बढ़ती उम्र के असर को दूर भगाता है।
खूबसूरती की चाहत कई लोगों को होती है। हालांकि उनके मन में ‘सुई का डर’ समाया रहता है और चेहरे की नाजुक त्वचा पर सुई चुभने की कल्पना मात्र से सिहरन पैदा हो जाती है। जाहिर है बढ़ती उम्र के साथ उसके खराब असर को दूर करने में नाकामी उनके लिए हताशा की बात होती है। डॉ. छाबड़ा ने बताया, ‘हमारे पास निराश महिलाएं आती रहती हैं, जो खूबसूरती की अपनी चाहत को लेकर अपनी चिंता व्यक्त करती हैं, लेकिन तकलीफ सहने में असमर्थता की वजह से ऐन वक्त पर इस प्रयास से मुंह मोड़ लेती हैं। ऐसे मरीजों को बहुत समझाना-बुझाना पड़ता है ताकि वे मानसिक और मनोवैज्ञानिक रूप से इस काम के लिए मन बना सकें। जाहिर है, इसमें समय की बरबादी होती है।’
जहां तक जुवेडर्म एक्ससी की बात है, सुई लेना अपेक्षाकृत काफी आरामदेह अनुभव रहता है। इस तरह आराम से यौवन की खूबसूरती मिल जाती है। आश्चर्यजनक करने वाला यह डर्मल फिलर आराम से ग्लैबेलर लाइन, फोरहेड लाइन (माथे की लकीरें) और नैजो लेबियल फोल्ड (नाक को घेरने वाली लकीरें, जो होंठों तक आती हैं) को मिटा सकता है। यूएस-एफडीए से मान्यताप्राप्त यह डर्मल फिलर न केवल उम्र के असर को कम करने का कारगर साधन है, बल्कि आपके चेहरे के फीचर्स में भी निखार लाता है। उदाहरण के लिए यदि आप उन असंख्य महिलाओं में हैं, जो हॉलीवुड की मशहूर तारिका एंजेलिना जोली की तरह मांसल लुभावने होंठों की चाहत रखती हैं तो नया डर्मल फिलर आपके काम आएगा। यह असरदार ढंग से तकलीफ दिए बिना आपके होंठों को मांसल बनाता है और वे भरपूर दिखते हैं तथा उनके आकार में भी नयापन आता है।
दिल्ली के ‘डर्माटेक’ क्लीनिक की प्रमुख डर्माटोलॉजिस्ट डॉ. इंदू तोलानी का कहना है, ‘युवा और अधिक उम्र की महिलाएं अक्सर होंठों को मांसल बनाने और नाक को सही आकार देने को कहती हैं। ह्युलेरानिक एसिड-आधारित एक्ससी फिलर अपने एनेस्थेटिक एजेंट के साथ इस उपचार में हमारे बहुत काम आता है। यह काम पूरा करने में बहुत कम समय लगता है। महिला समझती भी नहीं कि कब उपचार शुरू हुआ और कब समाप्त!’ यह अनोखा फिलर नाजुक और नैसर्गिक सुंदरता सुनिश्चित करता है। इसमें कम-से-कम शल्य प्रक्रिया होती है और परिणाम तुरंत मिलते हैं, जो लंबे समय तक साफ दिखते हैं। इसलिए अब कोई भी महिला एक बार में ही मनचाहा ‘लुक’ ले सकती है और उपचार के एक-दो घंटों के बाद काम पर वापस लौट सकती है।
डॉं इंदू तोलानी मानती हैं, ‘यह विचार कि सुंदरता बढ़ाने का उपचार कष्टप्रद है, अब हाशिए पर है, बशर्ते आप इस नए डर्मल फिलर की क्षमताओं पर गौर करें। यह वाकई एक बेजोड़ अनुभव है।(हिंदुस्तान,दिल्ली,28.7.11)’
बताता हूम उन्हें कि वे भी अब “मनचाहा ‘लुक’ ले सकती है ”!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी जानकारी। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंऊपर वाले पोस्ट (पढ़ाई और फिटनेस) नहीं खुल रहा है। उसे चर्चा मंच पर लिया है
जवाब देंहटाएंपर पाठक पढेंगे कैसे?
और न उसका टिप्पणी बोक्स ही खुल रहा है।