गुरुवार, 21 जुलाई 2011

एम्स का दावाःकीमोथैरेपी के दुष्प्रभाव से बचाता है अदरक

एम्स के डॉक्टरों ने कीमोथेरेपी के दुष्प्रभाव से बचने के लिए ज़ड़ी-बूटियों पर आधारित नई पद्धति विकसित करने का दावा किया है। अस्पताल के कैंसर रोग विशेषज्ञ कैंसर के दुष्प्रभाव से बचने के लिए अदरक की ज़ड़ से निकाले गए पाउडर पर प्रयोग करना शुरू किया है । डॉक्टरों का दावा है कि यह कीमोथेरेपी इंड्यूज्ड नॉजिया वोमेटिंग यानी कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट को कम करेगा। कैंसर रोगियों को जब कीमोथेरेपी से इलाज किया जाता है तो अरुचि और उबकाई आम परेशानी बन जाती है।

डिपार्टमेंट ऑफ ओंकोलॉजी के डॉ. समीर बख्शी ने बताया कि हमारे अध्ययन में कीमोथेरेपी के बाद अदरक से अरुचि और उलटी कम हुई है । अध्ययन की सफलता से यह कहा जा सकता है कि अदरक की ज़ड़ के पाउडर को कैप्सूल बना कर इसे उचित डोज में कीमोथेरेपी के बाद रोगी को दिया जा सकता है। इससे आसानी से उलटी और अरुचि पर काबू पाया जा सकता है। अध्ययन में डॉक्टरों ने ८ से २१ साल तक के ६० रोगियों का चयन किया। इन्हें वजन के हिसाब से अदरक के पाउडर को कैप्सूल के रूप में दिए गए। जिनका वजन २० से ४० किलोग्राम के बीच था, उन्हें १६७ मिलीग्राम की डोज दी गई जबकि ४० से ६० साल वाले रोगियों को ४०० मिलीग्राम का डोज दी गई। कीमोथेरेपी के बाद अलग-अलग समय में छह डोज दी गई।

अध्ययन में पाया गया कि यह पाउडर उलटी और अरुचि को बहुत कम कर देता है। इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है। अध्ययन में देखा गया कि अदरक की ज़ड़ का पाउडर बच्चे और ब़ड़े सभी पर कारगर हुआ है। इस अध्ययन को अंतरराष्ट्रीय जर्नल "पेडयेट्रक्सि ब्लड एंड कैंसर" में प्रकाशित किया गया है(नई दुनिया,दिल्ली,21.7.11)।

5 टिप्‍पणियां:

  1. ये तो बड़ी अच्छी खबर है।

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  2. अदरक के बारे महत्त्वपूर्ण जानकारी दी है आपने

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  3. ये एलिपैथी वाले डॉक्टर जो मर्जी करें .... कोई रोक नहीं है लेकिन जब कोई आयुर्वेदिक डॉक्टर अदरक से ईलाज करता है तब ये सभी टोल [ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन] बनाकर सुप्रीम कोर्ट जा पहुँचते हैं, 'झोला छाप' नाम से अपनी घृणा दर्शाते हुए उनकी रोजी-रोटी छीन लेना चाहते हैं.. ये सभी केवल यही चाहते हैं कि कोई भी औषधि बिके तो केवल केप्सूल में अन्यथा प्रतिबंध लगे. ...... वाह री दुकानदारी! 'वाह रे क्लिनीकल ट्रायल' ......... मुझे भली-भाँति पता है इन क्लिनीकल ट्रायलों का सत्य.

    बहरहाल 'अदरक' निर्दोष है... वह तो घर-घर का वैद्य सदियों से बना हुआ है... कोई नयी बात नहीं.
    हाँ... डॉक्टर आज बना है... ये आपसे पता चला.

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  4. एलीपैथी को एलोपैथी पढ़ा जाये ..

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  5. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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