सोमवार, 4 जुलाई 2011

90 एंटीबायोटिक दवाओं की खुली बिक्री पर रोक

दिल्ली बग से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हुई फजीहत के बाद केन्द्र सरकार एक बड़ा फैसला लेने जा रही है। वह 90 तरह की एंटीबायोटिक्स दवाओं की खुली बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है। इसमें से 16 तरह की दवाएं सिर्फ सरकारी और सरकार के अधीन चलने वाले अस्पतालों को ही सप्लाई की जा सकेंगी, वहीं 74 तरह की दवाएं एमबीबीएस चिकित्सक के पर्चे पर ही बेची जा सकेंगी। नये नियम को लागू करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शेड्यूल एचएक्स में संशोधन कर उसे ड्रग ट्रायल एडवाइजरी बोर्ड (डीटीएबी) में पारित करने को भेज दिया है।
एंटीबायोटिक दवाओं की खुली बिक्री से गलत उपयोग हो रहा है, जो घातक है। ब्रिटेन में एक रिसर्च के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने दवाओं के शेडूयल एचएक्स में संशोधन किया गया है। संशोधित शेड्यूल के तहत इसे दो भागों में बांटा गया है। पहले भाग में 16 तरह की वे एंटीबायोटिक्स दवाएं शामिल की गई हैं, जिनकी बिक्री सरकारी अस्पतालो में या फिर सरकार के अधीन चलने वाले अस्पतालों में ही की जा सकेगी। इनकी बाजार बिक्री प्रतिबंधित रहेगी, निजी प्रैक्टिसनर्स भी इनको नहीं लिख सकेंगे।
दूसरे भाग में 74 तरह की वे एंटीबायोटिक दवाएं हैं, जिनकी बाजार में बिक्री के लिए शर्ते निर्धारित की जा रही हैं। मेडिकल स्टोर इन दवाओं को एमबीबीएस डॉक्टर का पर्चा देखने के बाद ही बेच सकेंगे। इसके लिए पर्चे की एक फोटो कॉपी मेडिकल स्टोरों को अपने पास रखनी होगी। यही नहीं पर्चे पर भी डॉक्टर द्वारा लिखी गई मात्रा के बराबर ही दवाएं दी जा सकेंगी।
ऑल इंडिया केमिस्ट एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन के अध्यक्ष कैलाश गुप्ता के मुताबिक संशोधित शेड्यूल ड्रग ट्रायल एडवाइजरी बोर्ड को दिया जा चुका है। बोर्ड की स्वीकृति के बाद शीघ्र ही इसका नोटीफिकेशन कर दिया जाएगा।
विक्रय बंधित होने वाली 16 दवाएं
पार्ट ए-मेरोपैनम, इमीपैनम, अर्थापैनम, डोरीपैनम, फैरोपैनम, पॉलीमैक्सिन बी, कॉलिस्टिन, वेंकोमायसन, टैल्कोप्लानिम, लीनोजॉलिड, टेजीसिलीन, एथ्रियोनम, कैफेपाइम, कैफपिरोम, मॉक्सीफ्लोक्सिन, गैमीफ्लोक्सिन।
डॉक्टर पर्चे पर मिलने वाली दवाएं
एमिकासिन, जेंटामाइसन, कैनामाइसन, नियोमाइसन, पैरामोमिसिन, स्ट्रैप्टेामाइसिन, टोबरामाइसन, इजीपैमाइसन, फ्रामिसिटीन, कैफाजॅलिन, कैफडिनिर, कैफिक्सिम, कैफोपैराजॉन, कैफोटैक्साइम, कैफोपोडाक्सिम, कैफप्रोजिल, कैफ्टाजिडाइम, कैफ्टीब्यूटन, कैफ्ट्रियाक्जान, कैफ्यूरॉक्जिम, कैफेक्लर, कैफ्लेक्सिन, कैफ्डीटोरिन, कैफेटामेट, कैफ्टीजॉक्सिम, एजीथ्रोमाइसिन, क्लैरिथ्रोमाइसिन, एमॉक्सिलिन, इरीथ्रोमाइसिन, कोडाइन, डैक्स्ट्रोपॉक्सिपीन, डिपहैनॉक्जिलेट, प्रोपॉक्सिफीन, निट्राजेपॉम, पेंटाजोसाइन, ब्यूप्रैनॉफ्रिन, एल्प्राजॉलम, मिडजॉलम, एम्पिसिलीन, पैनिसिलीन, क्लॉक्सासिलीन, डिक्लॉक्सासिलीन, ओक्सासिलीन, कैफाड्राक्सिल, पिपेरासिलीन, बैलोफ्लॉक्सासिन, सिप्रोफ्लॉक्सासिन, गैटिफ्लॉक्सासिन, लीवोफ्लॉक्सासिन, लोमिफ्लॉक्सासिन, नालिडिसिक एसिड, नारफ्लोक्सासिन, ओफ्लॉक्सासिन, पैफ्लॉक्सासिन, प्रूलीफ्लॉक्सासिन, स्प्राफ्लॉक्सासिन, माइनोसाइक्लीन, ऑक्सीअेट्रासिलीन, टैट्रासिलीन, कैलोराम्फैनिकॉल, ट्रैमिथोफ्रिम एंड सल्फामैथोक्जॉल, कैफालोराइडिन, कार्बनसिलीन, लिंकोमाइसिन, क्लिंडामाइसिन, जॉल्पिडम, क्लोर्डियाजेपाकसइड, थर्माडॉल, रिफाम्पिसिन, आइसोनिजिड, पायराजाइनामाइड, इथैमब्यूटल।
 
विरोध में उतरेंगी दवा व्यापारी यूनियन
ऑल इंडिया केमिस्ट एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स के बैनर तले देशभर की दवा व्यापारी यूनियन इस संशोधन शेड्यूल का विरोध कर रही हैं। डॉक्टर के पर्चे पर दवा बिक्री को जटिल प्रक्रिया और व्यापार प्रभावित होना बता दिल्ली में 25 जुलाई को प्रदर्शन भी होने जा रहा है। फेडरेशन के अध्यक्ष कैलाश गुप्ता ने देश की समस्त यूनियन को इसमें आमंत्रित किया है(राहुल गुप्ता,दैनिक जागरण,आगरा,4.7.11)।

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