दिल्ली सरकार ने फलों को कृत्रिम ढंग से पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड के इस्तेमाल के कारण स्वास्थ्य पर होने वाले प्रतिकूल प्रभावों को ध्यान में रखकर इसके उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने इसकी जगह वैकल्पिक तकनीक के रूप में एथेलीन गैस अपनाने का सुझाव दिया है।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ए के वालिया ने कहा कि फलों को कृत्रिम ढंग से पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड के इस्तेमाल को (खाद्य मिलावट रोधी) पीएफए (प्रीवेंशन आफ फूड एडल्ट्रेशन कानून) के तहत दिल्ली में प्रतिबंधित किया गया है।
वालिया ने प्रदेश के अधिकारियों, आईसीएआर के वैज्ञानिकों और आम व्यापारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की थी जिसमें फलों को पकाने का वैकल्पिक तरीके पर बात की गई थी।
विशेषज्ञों द्वारा दी गई सूचना के आधार पर मंत्री ने कहा कि एथेलीन गैस को फलों को पकाने के लिए वैकल्पिक तकनीक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है तथा कैल्शियम कार्बाइड के इस्तेमाल से पकाये गये फलों के मुकाबले एथेलीन से पकाये गये फल अधिक समय तक ठीक रहते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि फलों के पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड के इस्तेमाल से कैंसर का भी खतरा संभव है।
मंत्री ने कहा कि सरकार फल व्यापारियों के बीच एथेलीन को वैकल्पिक माध्यम के रूप में अपनाने के लिए जल्द ही एक जागरुकता अभियान शुरू करेगी।
राष्ट्रीय राजधानी में प्रति दिन आम के 200 ट्रक आते हैं जिसमें प्रत्येक ट्रक में 10 टन आम होते हैं। ये आम यूपी, बिहार, हिमाचल प्रदेश और दक्षिण भारत से यहां आते हैं(हिंदुस्तान,दिल्ली,22.6.11)।
मंत्री ने कहा कि सरकार फल व्यापारियों के बीच एथेलीन को वैकल्पिक माध्यम के रूप में अपनाने के लिए जल्द ही एक जागरुकता अभियान शुरू करेगी।
राष्ट्रीय राजधानी में प्रति दिन आम के 200 ट्रक आते हैं जिसमें प्रत्येक ट्रक में 10 टन आम होते हैं। ये आम यूपी, बिहार, हिमाचल प्रदेश और दक्षिण भारत से यहां आते हैं(हिंदुस्तान,दिल्ली,22.6.11)।
प्रतिबन्ध लगाना अच्छी बात है ! लोगों को इसका पालन करना चाहिए !
जवाब देंहटाएंकेल्शियम कार्बाईड के द्वारा फलों को शीघ्र पकाकर बेचने की यह प्रक्रिया सिर्फ दिल्ली ही नहीं पूरे देश में प्रतिबन्धित होनी चाहिये । जिससे मनुष्य व पशु अनजाने में ही केन्सर व इस जैसी अन्य घातक बीमारियों की गिरफ्त में आने से बच सकें ।
जवाब देंहटाएंउम्मीद करते हैं कि इस फैसले का सख्ती से पालन होगा । बहुत ज़रूरी भी है ।
जवाब देंहटाएंयह कानून पूरे देश मैं लागू होना चाहिए
जवाब देंहटाएंये ठीक हुआ।
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