ऐसे नि:संतान दंपति जो अधिक खर्चीली होने की वजह से टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक के जरिए अपनी गोद हरी नहीं कर पाते थे,उनके लिए अब कम खर्च की तकनीक भोपाल में शुरू हुई है।
भोपाल टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर के संचालक और आईवीएफ स्पेशलिस्ट डॉ.रणधीर सिंह और मोनिका सिंह ने एक महिला सीमा (परिवर्तित नाम) को इसी तकनीक से बेटी की सौगात दी है।
इसके पहले भी 1 लाख रुपए खर्च करके इसी तकनीक से मां बनने की कोशिश कर चुकी सीमा की वह प्रेग्नेंसी फेल हो गई थी। सिंह दंपति स्टॉकहोम में इस विषय पर पेपर प्रेजेंट करने जा रहे हैं। जुलाई के पहले हफ्ते में वहां हो रही अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में हिस्सा लेंगे।
कैसे हुआ संभव : आम पद्धति में शुरू के 20 दिन तक महिला को रोजाना इंजेक्शन दिए जाते हैं जिनकी कीमत 7 से 8 हजार रुपए प्रति दिन पड़ती है। यह इंजेक्शन एग्ज की रेप्चरिंग (अंडे फूटने से) रोकते हैं। नई पद्धति में शुरू के पांच दिन इंजेक्शन की जगह टेबलेट्स दी जाती हैं।
इसके बाद एक खास इंजेक्शन दे दिया जाता है जो एग रेप्चरिंग को रोक देता है। हालांकि इस इंजेक्शन का चलन भारत में कम ही है। इस तरह रोजाना लगने वाला इंजेक्शन का खर्च बच जाता है। हालांकि इससे 5 से 6 अंडे ही प्राप्त होते हैं। इनसे 3 भ्रूण तैयार किए जाते हैं। जबकि पुरानी पद्धति में 10 से 15 अंडों से औसतन 4 भ्रूण तैयार होते हैं। इसके बाद इन्हें पूर्ववत प्रक्रिया की तरह ट्रांसप्लांट कर दिया जाता है(दैनिक भास्कर,भोपाल,29.6.11)।
बड़ी अच्छी उपलब्धि है। बहुत से निःसंतान निर्धनों का भला हो सकता है।
जवाब देंहटाएंachhi jankari.........
जवाब देंहटाएंJANKARI KE LIYE BAHUT BAHUT DHANYABAD...
जवाब देंहटाएंKaha pr h ye hospital kya naam h hospital ka
जवाब देंहटाएंHospital kahan hai
जवाब देंहटाएंयह एक अच्छी उपलब्धि है | बहुत से ऐसे लोग हैं जो की परखनली शिशु तकनीक का फ़िदा नहीं उठा सकते क्यूंकि यह बहुत महंगी है | अगर आप बहुत काम कीमत पर आईवीएफ का उपकाहर करवाना चाहते हैं तो आपके लिए बेहतर जगह है भारत का सबसे प्रसिद्ध आईवीएफ उपकाहर केंदर लुधिआना | यहाँ आप डा. सुमिता सोफट से मिल सकते है |
जवाब देंहटाएंkripya hospital ka naam and dr ka number batanye
जवाब देंहटाएंkripya hospital ka naam and dr ka number batanye
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