दिल के रोग के खतरे की यदि पहले ही जाँच-पड़ताल की जाए तो हम समय रहते इनसे अपना बचाव कर सकते हैं। यदि आप हृदय रोगों से बचना चाहते हों तो इन खतरों से सावधान रहें।
मोटापा, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, धूम्रपान, शराब, तनाव, शारीरिक श्रम में कमी आदि। ये शरीर के शत्रु हैं। मोटापे के कारण हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, कैंसर और श्वास के रोगों की संभावना प्रबल हो जाती है। इसलिए जिन लोगों का वज़न अधिक है, जिनके परिवार में हृदय रोगी हैं, उन्हें अपना वज़न कम करना चाहिए। यह तभी संभव है, जब वे चीनी, चिकनाई, चावल आदि का सेवन कम करें। तले हुए वसायुक्त नमकीन और मिठाइयों को त्याग दें और प्रतिदिन सुबह एक घंटा टहलना शुरू करें। एक सामान्य व्यक्ति को अपने शरीर का वज़न नियंत्रित करने के लिए प्रतिदिन १० हज़ार कदम चलना चाहिए। यह तभी संभव है, जब अधिक से अधिक पैदल चलने की आदत डाली जाए। शारीरिक श्रम और संतुलित आहार के बल पर ही आप अपने हृदय की ५० प्रतिशत रक्षा कर सकते हैं। उच्च रक्तचाप की पहचान होने पर नियमित रूप से जाँच कर रक्तचाप १३०/८५ मिमी तक नियंत्रित रखें। नमक की मात्रा कम करें और डॉक्टर के परामर्श के अनुसार दवाइयाँ नियमित रूप से निरंतर लेते रहें। रक्तचाप नियंत्रित करके आप हृदय रोगों के साथ ही पक्षाघात की संभावना से भी बच सकते हैं। अनुसंधानों से यह सामने आया है कि यदि दिन में ५-७ बार सब्जियों और फलों का सेवन किया जाए तो दिल के रोगों में ४० प्रतिशत तक की कमी हो सकती है। ४० वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक व्यक्ति को साल में एक बार शारीरिक स्वास्थ्य परीक्षण ज़रूर करवाना चाहिए, ताकि हृदय रोग और उच्च रक्तचाप के कारणों और लक्षणों का समय पर निदान हो सके(डॉ. अनिल चतुर्वेदी,सेहत,नई दुनिया,मई 2011 द्वितीयांक)।
शारीरिक परीक्षण ही तो नहीं करवा पाता हूं। उपयोगी पोस्ट।
जवाब देंहटाएंबहुत उपयोगी पोस्ट..... आजकल यह समस्या काफी बढ़ गयी है...
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