गुरुवार, 26 मई 2011

गर्भवती महिलाओं को मुफ्त दवा और भोजन

केंद्र सरकार अगले महीने की एक तारीख से सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं को मुफ्त दवा और भोजन देने की योजना शुरू कर रही है। गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों की मृत्यु दर को कम करने की दिशा में उठाए जा रहे इस कदम के तहत राज्यों से कहा गया है कि वे इसका अनुपालन सुनिश्चित करें। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने बुधवार को अपने दो साल के कार्यकाल की उपलब्धियों का ब्योरा देते हुए कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के तहत सभी राज्यों को कहा गया है कि गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में रहने के दौरान मुफ्त दवा और भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित करवाई जाए। इसके अलावा उन्हें सभी तरह की जांच और अस्पताल जाने-आने के लिए साधन भी उपलब्ध करवाए जाने चाहिए। आजाद ने इस अवसर पर अफसोस जताते हुए कहा कि डॉक्टर अब भी गांवों की ओर रुख करने को तैयार नहीं हो रहे। उन्होंने कहा, मुझे दुख है कि उनमें से कोई ग्रामीण क्षेत्र में जाने को तैयार नहीं है। आजाद ने 2009 में मंत्री बनने के तुरंत बाद ग्रामीण क्षेत्र में तैनाती को अनिवार्य करने वाले नियम को बदल दिया था। पूर्व मंत्री अंबुमणि रामदास के बनाए इस नियम को लागू होने से ठीक पहले बदल कर उन्होंने ग्रामीण तैनाती के बदले पीजी दाखिले में प्राथमिकता देने की योजना तैयार की। इसके मुताबिक प्रत्येक साल की गांव में की गई प्रैक्टिस के बदले दाखिले में दस फीसदी नंबर ज्यादा दिए जाएंगे। इस तरह अधिकतम 30 फीसदी तक की प्राथमिकता का फायदा लिया जा सकता है। मेडिकल में पीजी की सीटों की कमी की वजह से एमबीबीएस डॉक्टरों को इसमें दाखिले में कड़ी प्रतियोगिता का सामना करना पड़ता है। इसी तरह आजाद ने कुछ समय पहले नकली दवा पकड़वाने के लिए बड़े जोर-शोर से इनामी योजना का एलान किया था। मगर इस योजना ने भी पूरी तरह दम तोड़ दिया। आजाद के मुताबिक छह अलग-अलग राज्यों में बन रहे नए एम्स अगले साल अक्तूबर तक शुरू हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि पटना, भुवनेश्वर, जोधपुर, भोपाल, रायपुर और ऋषिकेश में इनका काम बहुत तेजी से चल रहा है(दैनिक जागरण,दिल्ली,26.5.11)।

2 टिप्‍पणियां:

  1. गरीब महिलाओं के लिए यह सरकार का सराहनीय कदम है अगर इसका लाभ ज़रुरतमंदों तक पहुंचता है

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