ब्रेन सर्जरी में कई बार मरीजों को दूसरी सर्जरी करने की नौबत आ जाती है। लेकिन एम्स में इलाज कराने वाले मरीजों को अब इस समस्या से दो-चार नहीं होना पड़ेगा। सोमवार को देश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान एम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग में इंट्रा ऑपरेटिव एमआरआई (मैगनेटिक रेसोनेंस इमेजिंग) सिस्टम की शुरुआत कर दी गई है। एम्स देश का प्रथम सरकारी अस्पताल है, जहां यह सिस्टम स्थापित किया गया है। अब एमआरआई के लिए मरीजों को ऑपरेशन थियेटर के बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी बल्कि ऑपरेशन थियेटर में सर्जरी के दौरान ही एमआरआई की जा सकेगी। अगर ट्यूमर का कुछ अंश ब्रेन के अंदर बच भी गया है तो उसे तत्काल निकाला जा सकेगा, ताकि मरीजों को दूसरी सर्जरी की नौबत न आए। विभाग प्रमुख प्रो. एके महापात्रा ने बताया कि 20 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किया गया एमआरआई सिस्टम मरीजों के लिए बहुत हितकर साबित होने वाला है। सिस्टम की मदद से डॉक्टर सामान्य ट्यूमर को हानि पहुंचाए बिना आसानी से क्षतिग्रस्त ट्यूमर तक पहुंच सकते हैं। इससे जहां एक ओर ब्रेन ट्यूमर, एपीलेप्सी, पार्किंसन, न्यूरो आदि के मरीजों की सर्जरी में और अधिक सटीकता आएगी, वहीं इस सिस्टम की सुविधा के लिए मरीजों से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं वसूला जाएगा। इस बारे में एम्स के डाक्टर आशीष सूरी ने बताया कि इस जांच सुविधा से मरीजों को सर्जरी के बाद जल्द राहत मिलेगी, वहीं संक्रमण का डर भी न्यूनतम होगा(दैनिक जागरण,दिल्ली,17.5.11)।
बहुत उपयोगी उपलब्धि ।
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी है ।
यह एक सार्थक उपलब्धि है।
जवाब देंहटाएंAchchi baat hai....
जवाब देंहटाएंतरक्की यदि जन-कल्याण से जुड़ी हो तो उसकी सराहना होनी ही चाहिए.
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