गुरुवार, 5 मई 2011

गर्मी भगाएं आयुर्वेद से

सूरज की गर्मी और तपिश से राहत पाने के लिए लोगबाग तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं। ठंडक देने वाली हर विधि को आजमा रहे हैं, लेकिन आयुर्वेद में विश्वास करने वाले लोग इसमें बताई गईं पद्धतियां अपनाकर गर्मी को दूर भगा रहे हैं। डॉक्टर्स भी मानते हैं कि आयुर्वेद के जरिए आप इस चिलचिलाती धूप से राहत पा सकते हैं।

पंचकर्म की शिरोधारा विधि से राहत : 
आयुर्वेद में वर्णित पंचकर्म में सभी रोगों का समाधान बताया गया है। पंचकर्म की पांच विधियों में से शिरोधारा विधि अपनाकर आप गर्मी में राहत पा सकते हैं। यह विधि तनाव, चिंता और अनिद्रा से पीड़ित लोगों के लिए कारगर होती है। इसमें तेल की जगह दूध या मठा का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा खस-खस, चंदन, कमलनाल, कमलगट्टा और अगू के काढ़े का भी प्रयोग किया जाता है। इससे शरीर को ठंडक मिलती है।

नस्य विधि :
गर्मियों में अक्सर सिर दर्द की समस्या होती है। इस वक्त नस्य उपचार लाभदायक रहता है। इसमें ब्राह्मी और तिल के तेल को नाक में डालकर उपचार किया जाता है।

चंदन जरूरी :

आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट में गर्मी दूर करने के लिए चंदन सबसे अच्छा माना जाता है। इस ट्रीटमेंट में चंदन का लेप शरीर पर लगाया जाता है। इससे स्किन की ऊपरी सतह पर ठंडक आती है।

सूर्योदय स्नान :
खस, अंगूर, चंदन का काढ़ा बनाकर सूर्योदय के समय स्नान करने से गर्मी दूर होती है। आयुर्वेद में केला, अंगूर, खजूर, आम और मौसंबी को गर्मी दूर करने वाले फल माना गया है।

पंचकर्म :
आयुर्वेदिक केंद्रों से संपर्क कर पंचकर्म ले सकते हैं। पंचकर्म में पांच क्रियाएं होती है। आयुर्वेदिक विशेषज्ञ मानते हैं कि सभी कर्म के सब के लिए लागू नहीं होते। रोग के अनुसार ये कर्म करवाए जाते हैं। पंचकर्म में वमन, विरेचन, शिरोविरेचन (नस्य) रक्तमोक्षण, वस्ती प्रक्रियाएं अपनाई जाती है। शिरोधारा शिरोविरेचन के अंतर्गत ही आने वाली प्रक्रिया है।

क्या कहते हैं डॉक्टर्स
"आयुर्वेद में गर्मी से निजात पाने के कई तरीके हैं। यदि लोग घरेलू उपचार चाहते हैं, तो पेय पदार्थो जैसे आंवला रस, जल जीरा पुदीना अथवा शरबत इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं खाद्य पदार्थो में आलू, प्याज, पालक, भिंडी जैसी सब्जियों का इस्तेमाल करना चाहिए"-डॉ. संजय शुक्ला, प्रोफेसर(दैनिक भास्कर,रायपुर,5.5.11)

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