उपवास करने वाले सावधान! खास कर महिलाएं जो ज्यादा उपवास करती हैं उन्हें लकवा का खतरा ज्यादा रहता है। इतना ही नहीं लगातार गर्भ निरोधक दवा खाने से भी महिलाओं को लकवा मारने का खतरा ज्यादा होता है। इसकी जानकारी रविवार को पूर्वोत्तर राज्यों के न्यूरो साइंटिस्ट की संस्था एसोसिएशन ऑफ न्यूरो साइंटिस्ट ईस्टर्न इंडिया के दो दिवसीय मध्यावधि सम्मेलन के दौरान दी गई। इस आयोजन के सचिव डॉ. अजय कुमार सिंह ने बताया कि विशेषज्ञ चिकित्सकों ने मस्तिष्क ज्वर के संबंध में भी जानकारी दी। चिकित्सकों ने विभिन्न तरह के मस्तिष्क ज्वर तथा उसके इलाज के संबंध में हुए नये शोध के बारे में भी जानकारी दी। विशेषज्ञों ने बताया कि उनमें से कई प्रकार के मस्तिष्क ज्वर के लिए दवा उपलब्ध है। उन दवाओं के उपयोग से मरीजों की जान बचाई जा सकती है। डॉ. सिंह ने बताया कि कुछ मस्तिष्क ज्वर को रोकने के लिए टीका भी कारगर हो सकते हैं। ऐसे टीका का ईजाद किया जा चुका है। उस दौरान मस्तिष्क के संबंध में इंडोस्कोपी न्यूरो सर्जरी को लेकर भी चर्चा हुई। बताया गया कि इंडोस्कोपी की मदद से काफी छोटे चीरे के साथ शल्य चिकित्सा में काफी कम समय लगता है। डॉ. सिंह ने बताया कि मस्तिष्क की कई ऐसी बीमारियां हैं, जिनमें शल्य चिकित्सा कारगर नहीं होती। ऐसी बीमारी के इलाज में रेडियो न्यूरो सर्जरी कारगर होती है। आयोजन के सचिव डॉ. सिंह ने बताया कि इस सम्मेलन में पार्किंसन, किलसन डीजीज व अन्य मूवमेन्ट डिजाइनर के इलाज में हुए नवीनतम शोध के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि आधुनिक युग में कई तरह की दवा उपलब्ध हो पायी है, जिससे गंभीर रोगों का इलाज किया जा सकता है(राष्ट्रीय सहारा,पटना,25.4.11)।
प्रभात खबर की रिपोर्टः
महिलाओं के उपवास करने एवं गर्भ निरोधक दवाओं के खाने से उनमें लकवा होने की आशंका अधिक रहती है. इसके अलावा लीवर की कुछ ऐसी बीमारियां हैं, जिनमें जांडिस नहीं होता, लेकिन खून में अमोनिया बढ़ जाती है. इससे मरीज बेहोश होने लगता है तथा जान जाने का खतरा अधिक होता है. यह जानकारी रविवार को होटल पाटलिपुत्र अशोक में चल रहे ऐनमिडिकॉन -2011 में वैज्ञानिक सत्र की शुरुआत करते हुए न्यूरो रोग विशेषज्ञ व संयोजक सचिव डॉ अजय कुमार सिंह ने दी.
टीका उपलब्ध है
उन्होंने बताया कि मस्तिष्क ज्वर किसी भी प्रकार का हो, उसका इलाज संभव है. कुछ प्रकार के मस्तिष्क ज्वर को रोकने के लिए टीका भी उपलब्ध है और इन्हें किसी भी उम्र में लगवाया जा सकता है. वैज्ञानिक सत्र में कोलकाता से आये डॉ एलएन त्रिपाठी ने मस्तिष्क की शल्य चिकित्सा में इंडोस्कोपी न्यूरो सर्जरी पर अपने शोधपत्र में बताया कि इसमें नाक के छिद्र से ही टय़ूमर का ऑपरेशन कर दिया जाता है. मस्तिष्क की कुछ ऐसी बीमारियां भी होती हैं, जिनकी शल्य क्रिया से चिकित्सा नहीं हो सकती, बल्कि रेडियो न्यूरो सर्जरी से ही उनका इलाज संभव है.
प्रभात खबर की रिपोर्टः
महिलाओं के उपवास करने एवं गर्भ निरोधक दवाओं के खाने से उनमें लकवा होने की आशंका अधिक रहती है. इसके अलावा लीवर की कुछ ऐसी बीमारियां हैं, जिनमें जांडिस नहीं होता, लेकिन खून में अमोनिया बढ़ जाती है. इससे मरीज बेहोश होने लगता है तथा जान जाने का खतरा अधिक होता है. यह जानकारी रविवार को होटल पाटलिपुत्र अशोक में चल रहे ऐनमिडिकॉन -2011 में वैज्ञानिक सत्र की शुरुआत करते हुए न्यूरो रोग विशेषज्ञ व संयोजक सचिव डॉ अजय कुमार सिंह ने दी.
टीका उपलब्ध है
उन्होंने बताया कि मस्तिष्क ज्वर किसी भी प्रकार का हो, उसका इलाज संभव है. कुछ प्रकार के मस्तिष्क ज्वर को रोकने के लिए टीका भी उपलब्ध है और इन्हें किसी भी उम्र में लगवाया जा सकता है. वैज्ञानिक सत्र में कोलकाता से आये डॉ एलएन त्रिपाठी ने मस्तिष्क की शल्य चिकित्सा में इंडोस्कोपी न्यूरो सर्जरी पर अपने शोधपत्र में बताया कि इसमें नाक के छिद्र से ही टय़ूमर का ऑपरेशन कर दिया जाता है. मस्तिष्क की कुछ ऐसी बीमारियां भी होती हैं, जिनकी शल्य क्रिया से चिकित्सा नहीं हो सकती, बल्कि रेडियो न्यूरो सर्जरी से ही उनका इलाज संभव है.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
एक से अधिक ब्लॉगों के स्वामी कृपया अपनी नई पोस्ट का लिंक छोड़ें।