सोमवार, 25 अप्रैल 2011

दावत में जीभ ही नहीं, पेट का भी रखें ध्यान

विवाह समारोहों व पार्टियों में हम लजीज व्यंजनों को चखने की चाहत में अपने पेट को भूल जाते हैं जिसका नतीजा होता है कि एक दिन दावत उड़ाने के बाद कई दिन तक डाक्टर के चक्कर लगाते हैं। प्लेट में एक साथ सभी व्यंजन अधिक मात्रा में परोस लेने की बढ़ती होड़ से जहां खाद्यान्न की बर्बादी हो रही है, वहीं सेहत भी खराब हो रही है। एक अनुमान के मुताबिक शादी-ब्याह में 25 प्रतिशत से अधिक खाना बर्बाद हो जाता है। इन मौकों पर सेलेक्टेड व आवश्कतानुसार खाना प्लेट में परोसकर खाया जाय तो स्वास्थ्य और खाद्यान्न की बर्बादी रोकी जा सकती है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के वैज्ञानिक अधिकारी डा. एसएम प्रसाद ने बताया कि एक वैज्ञानिक अध्ययन में पाया गया है कि शादी-ब्याह और अन्य पार्टियों में यदि खाना बनवाने और खाने वाले समझदारी से काम लेकर सेलेक्टेड आइटम बनवायें और खाएं तो भोजन की बर्बादी पर अंकुश तो लगेगा ही। इसके साथ ही स्वस्थ रहने में भी मदद मिलेगी। ज्यादा से ज्यादा पांच सौ ग्राम खाना खायें और पानी की बर्बादी न करें। इससे संतुलित और स्वस्थ रहेंगे। डा. प्रसाद का कहना है कि यदि वेज खा रहे हैं तो नान वेज की तरफ न जाएं और यदि नान वेज खा रहे हैं तो वेज की तरफ न जाएं। अक्सर लोग नान वेज के साथ ही वेज व्यंजन चखने से नहीं कतराते जबकि इस प्रकार के विजातीय भोजन से पेट के अंदर अनेक ऐसे रसायन बनते हैं, जो सिस्ट, पथरी व अन्य रोगों का कारण बनते हैं। ऐसे रसायनों से औषधियों का असर भी कम होता है। क्षारीय और अम्लीय चीजों के एक साथ सेवन से पेट रोग, मूत्र रोग और पथरी आदि की आशंका बढ़ जाती हैं। हृदय पर भी दबाव पड़ता है। गरम के बाद ठंडा लेने से पाचन शक्ति कमजोर होती है। अक्सर लोग खाने के बाद आइसक्रीम खाते हैं, जिससे पाचन शक्ति पर दुष्प्रभाव पड़ता है। डा. प्रसाद ने बताया कि अक्सर लोग कटहल, बैंगन, टमाटर, बंडा और घुइंया आदि के साथ ही मांस भी खा लेते हैं। या फिर मांस-मछली के साथ दाल भी खा लेते हैं लेकिन यह स्वास्थ्य की दृष्टि से उचित नहीं है। वेज और नान वेज मिलाकर न खायेें। मांस के साथ ही दूध, रबड़ी, दही और आइसक्रीम आदि खाने से पेट के अंदर ठोस रसायन बन जाते हैं जो अघुलनशील होते हैं। यह रसायन पेट की दीवार से लेकर मलाशय तक चिपक जाते हैं। इससे सिस्ट, पथरी ओैर त्वचा आदि रोग होते हैं। इसी प्रकार सब्जियों के साथ दाल का कम से कम सेवन करें। नींबू और टमाटर आदि खट्टी चीजें खाने के बाद मिठाई, दूध और दही आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। बैंगन, भिण्डी, कटहल, बंडा, घुइंया और करेला आदि काफी तेल में पकाये जाते हैं। इसके साथ चिकनी चीजें पूड़ी, कचौड़ी आदि न खायें। यदि दाल खायें तो गुलाब जामुन, रसगुल्ला और आइसक्रीम आदि न खायें। गर्मी के मौसम में उड़द न खाएं। दूध व मिठाई खाने के बाद शराब न पियें(अजय के. अजयश्री,राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,25.4.11)।

1 टिप्पणी:

एक से अधिक ब्लॉगों के स्वामी कृपया अपनी नई पोस्ट का लिंक छोड़ें।