तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने में असमर्थ सरकार अब धूम्रपान छुड़वाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। निकोटिन प्रतिस्थापन थैरेपी और होमियोपैथी पद्धति का लिटमस टेस्ट कर सरकार विकल्प तलाश रही है। इसी कड़ी में कैंसर जैसी बीमारी का शिकार बनाने वाले सिगरेट-बीड़ी से मुक्ति की चाहत रखने वालों के लिए अब स्वदेशी हर्बल तंबाकू भी उपलब्ध है। पूरी तरह निकोटिन मुक्त तंबाकू का दावा करने से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इसकी क्षमता का पता लगाने के लिए परीक्षण कराने जा रहा है। मानकता के पैमाने पर खरे उतरने के बाद इसे सिगरेट व बीड़ी के विकल्प के रूप में स्थापित किया जाएगा। देश में धूम्रपान से लगभग आठ लाख लोग मरते हैं।
उच्चतम न्यायालय में तंबाकू उत्पादक व विरोधियों के बीच चल रही लड़ाई के बीच केंद्र सरकार ने आयुष विभाग को क्वीटोबैक का परीक्षण करने का आदेश दिया है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यदि परिणाम सकारात्मक सामने आए तो सरकार हर्बल फार्मूलेशन को भारी संख्या में पहुंचाकर सिगरेट-बीड़ी पीने वालों के लिए गांव-गांव तक पहुंचाया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि यह गोली धूम्रपान करने वालों तक काफी किफायती मूल्य पर उपलब्ध होगी। हर्बल से तैयार गोली को निकोटिन का विकल्प होने का दावा किया जा रहा है। यस्तीमधु, खादिर, लवंग, इला, तुलसी जैसी आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां इसमें शामिल हैं। धूम्रपान की आदत को छोड़ने वालों के लिए हर्बल उत्पाद को कारगर माना जा रहा है। लवंग में यूजेनॉल मौजूद है जो निकोटिन को कॉटिनाइन में बदलने में मदद करता है। दिमाग के रिसेप्टर तक पहुंचे निकोटिन के मेटाबोलाइट पेशाब के माध्यम से बाहर निकालेगा। इसके अतिरिक्त हर्बल तंबाकू का कोई दुष्प्रभाव भी नहीं है। आंवला जैसी सामग्री एंटी ऑक्सीडेंट, विटामिन सी और टैनोइड से भी लाभ मिलेगा। ब्राह्मी और शंखपुष्पी जड़ी बूटियां सुस्त पड़े मस्तिष्क को सक्रिय करेगा(अमर उजाला,दिल्ली,16.4.11)।
राधारमण जी,
जवाब देंहटाएंआप स्वास्थ्य पर लिखते हैं इसलिए आप "स्वास्थ्य" टैग का प्रयोग अपने लेख में जरूर करें, उसके बाद आप जितने चाहें टैग लगा सकते हैं, इससे आपको फायदा होगा, २ दिन में "अपना ब्लॉग" का नया रूप आपके सामने होगा, जिसमे आपके टैग ही आपको ज्यादा पढ़े जाने वाला बनायेंगे
गुड़
जवाब देंहटाएंAchchi baat hai...
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