गुरुवार, 14 अप्रैल 2011

आधे सिर के दर्द यानी 'माइग्रेन' का बोटोक्स ही है इलाज़

केस स्टडी

आभा को पिछले २५ सालों से माइग्रेन था। उनका माइग्रेन इस हद तक बढ़ गया था कि दर्द करीब ४८ से ६० घंटे तक रहता। इस दौरान वे खुद को एक अँधेरे कमरे में बंद कर लेती। उन्हें लाइट से चुभन होती, बार-बार उल्टी होती और कुछ खाने की इच्छा भी नहीं होती थी। परिवार के सदस्यों से बात करना भी सिर में हथौड़े मारने जैसा लगता था। लाख इलाज कराने के बाद भी उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ। आभा को अब बोटोक्स का इलाज कराए ६ महीने से ज्यादा समय बीत चुके हैं और माइग्रेन का कोई अटैक नहीं आया है। पहले उन्हें यह दौरा हर महीने पड़ता था और हर बार उन्हें इस परेशानी से उबरने में ६ से ७ दिन लगते थे।


माइग्रेन एक ऐसी बीमारी है जिससे आज के समय में करीबन ४० प्रतिशत लोग जूझ रहे हैं और इन ४० प्रतिशत लोगों में ६५ प्रतिशत महिलाएँ शामिल हैं। यह एक ऐसी बीमारी है, जो पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में अधिक होती है। यह बीमारी एक दौरे की तरह आती है जिसका असर ४२ से ७२ घंटे तक का होता है। इस दौरान मरीज को उल्टी, चक्कर, घबराहट और कम दिखाई देने जैसे लक्षण होते हैं। अभी तक दुनियाभर में इस बीमारी का कोई ऐसा इलाज नहीं मिल पाया है जिससे मरीज को पूरी तरह ठीक किया जा सके।

किस तरह होता है माइग्रेन
डॉक्टरों के मुताबिक अभी तक माइग्रेन का कोई निर्धारित कारण नहीं मिल पाया है, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि यह दर्द सिर के केवल एक ही भाग में होता है। इस दौरान दिमाग में खून पहुँचाने वाली नसें अनुपयुक्त तरीके से सिकुड़ने और बढ़ने लगती हैं जिस कारण असहनीय दर्द होता है, जो तमाम तरह के पैन किलर खाने पर भी दूर नहीं होता।

माइग्रेन का इलाज

आपको सुनकर ताजुब होगा कि माइग्रेन जो दिमाग से संबंधित बीमारी है, उसका इलाज कोई प्लास्टिक सर्जन कैसे कर सकता है? लेकिन रिसर्च से यह साबित हुआ है कि माइग्रेन का इलाज बोटोक्स के जरिए संभव है। बोटोक्स ट्रीटमेंट से माइग्रेन का इलाज संभव हुआ है और उन्होंने इसे साबित भी किया है। बोटोक्स के इंजेक्शन झुर्रियाँ दूर करने के लिए लगाए जाते हैं। ये इंजेक्शन माथे की झुर्रियाँ दूर करने, नसों में कसाव लाते हैं और नसों को सिकु़डने नहीं देते। इस इलाज से यह साबित हुआ कि अगर माइग्रेन के मरीज को बोटोक्स के इंजेक्शन लगवाएँ तो उसे फायदा हो सकता है। ये इंजेक्शन सिर के उस भाग में लगाए जाते हैं, जो इस दर्द का केंद्र होता है।
(डॉ. अजया कश्यप,सेहत,नई दुनिया,अप्रैल द्वितीयांक 2011)

5 टिप्‍पणियां:

  1. बढ़िया जानकारी । इलाज थोडा महंगा तो पड़ेगा ।

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  2. सर बहुत सुन्दर जान कारी !बैशाखी की शुभ कामनाये !

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  3. मुझे मिल गया इंजेक्शन बो.... टोक्स का.

    कभी-कभी बातचीत करने से इतना तनाव हो जाता था कि कुछ सूझता नहीं था. कि क्या करें? कहाँ जाएँ?

    लेकिन अब ........ आपने इतनी महत्वपूर्ण जानकारी लाकर दी. क्या बतायें. आपका लाख-लाख शुक्रिया.

    इस इंजेक्शन की कीमत क्या होगी? ज़रा बताते जाएँ.

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