अपेंडिक्स क्या होता है
सामान्यतः यह एक वेस्टिजियल अंग है जो कि छोटी एवं बड़ी आँत के जंक्शन पर पाया जाता है। यह केंचुए के आकार जैसा होता है एवं सामान्यतः ७ से १० सेमी तक होता है। इसको शरीर से निकाल दिए जाने पर किसी भी प्रकार का दुष्परिणाम नहीं होता है।
अपेंडिक्स में सूजन (अपेंडिसाइटिस) एक बहुत ही आम समस्या है, जो कि मामूली से लेकर जानलेवा भी हो सकती है। सर्जरी विभाग में होने वाली इमरजेंसी सर्जरी में अपेंडिक्स की सर्जरी का मुख्य स्थान है। मरीज की थोड़ी-सी लापरवाही एवं लेटलतीफी गंभीर रूप धारण कर सकती है।
अपेंडिक्स में सूजन के कारण
वैसे तो मूल कारण ज्ञात नहीं है किंतु इससे संबंधित कुछ कारक तथ्य निम्न हैं-
- बैक्टीरिया इंफेक्शन व पेरासाइट इंफेक्शन।
- आँत का कैंसर।
- बच्चों एवं टीन एज में अधिकता।
सूजन दो प्रकार की होती हैः
* कैटेरलःइन्फेक्शन के कारण
* रूकावटःअपेंडिक्स में कुछ फंसने के कारण
सूजन के लक्षण
प्रमुख लक्षण दर्द है, जो कि पेट के राइट साइड (दाँया) के निचले हिस्से में होता है। आमतौर पर यह दर्द नाभि के आसपास शुरू होता है एवं बाद में राइट साइड में होने लगता है। दर्द मामूली से लेकर असहनीय हो सकता है। लाखों में से एक मरीज में यह पेट के ऊपरी हिस्से या लेफ्ट साइड में हो सकता है।
- उल्टियाँ, अपचन, जी मिचलाना, बुखार आदि।
- कभी-कभी पेशाब में जलन एवं खून।
- चलने में तकलीफ एवं खाँसने पर पेट के निचले हिस्से में दर्द। कभी-कभी दस्त लगना।
जटिलताएँ
सही समय पर इलाज (ऑपरेशन) न करवाने पर कई जटिलताएँ हो सकती हैं,जैसे-
- अपेंडिक्स का फूटना जो कि जानलेवा भी हो सकता है।
- अपेंडिक्स में मवाद पड़ना।
- अपेंडिक्स का गैंगरीन।
- अपेंडिक्स की गांठ बननाःइस स्थिति में आम तौर पर ऑपरेशन न करके सामान्यतः गांठ को दवाईयों द्वारा गलाया जाता है। चार से 6 सप्ताह पश्चात् ऑपरेशन की सलाह दी जाती है।
क्या करें-
उपरोक्त में से कोई भी लक्षण या जटिलताएं होने पर तुरन्त अपने सर्जन से सम्पर्क करें तथा अपना उचित इलाज़ करवाएं। अपेंडिक्स में सूजन का स्थायी इलाज ऑपरेशन ही है। ऑपरेशन न करवाने पर इसमें बार-बार सूजन आने का खतरा बना रहता है और इसके फूटने की आशंका बढ़ जाती है।
विधि
पारंपरिक सर्जरी द्वारा चीरा लगाकर एवं लेप्रोस्कोपिक सर्जरी(दूरबीन) द्वारा। आजकल सर्वाधिक प्रचलित लेप्रोस्कोपिक सर्जरी है जिसमें बहुत ही सूक्ष्म छेदों के द्वारा ऑपरेशन किया जाता है जिसके अनेक दूसरे फायदे भी हैं। यहां यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि विधि कोई भी हो,उचित इलाज़ आवश्यक है,जो कि ऑपरेशन ही है क्योंकि जान है तो जहान है।
नजरअंदाज न करें इसे
सामान्यतौर पर अपेंडिक्स का इलाज सर्जरी है। अभी तक इस बीमारी का कोई सुनिश्चित कारण तय नहीं हो सका है। कई बार आँतों में सड़ रहे पुराने मल को इसके लिए जिम्मेदार बताया जाता है। साबुत मूँग या मूँग की दाल अपेंडिक्स के लिए अक्सीर मानी जाती है। एक चम्मच साबुत मूँग दिन में तीन बार खाने से राहत मिलती है। लार शलगम और खीरा ककड़ी का १०० मिलीग्राम रस ३०० मिली ग्राम गाजर के रस मिलाकर दिन में दो बार पीने से फायदा होता है। पेट रोगों में छाछ को अक्सीर औषधि माना गया है। दिनभर में एक लीटर छाछ लेने से कब्ज के मरीजों को फायदा होता है।
उपरोक्त में से कोई भी लक्षण या जटिलताएं होने पर तुरन्त अपने सर्जन से सम्पर्क करें तथा अपना उचित इलाज़ करवाएं। अपेंडिक्स में सूजन का स्थायी इलाज ऑपरेशन ही है। ऑपरेशन न करवाने पर इसमें बार-बार सूजन आने का खतरा बना रहता है और इसके फूटने की आशंका बढ़ जाती है।
विधि
पारंपरिक सर्जरी द्वारा चीरा लगाकर एवं लेप्रोस्कोपिक सर्जरी(दूरबीन) द्वारा। आजकल सर्वाधिक प्रचलित लेप्रोस्कोपिक सर्जरी है जिसमें बहुत ही सूक्ष्म छेदों के द्वारा ऑपरेशन किया जाता है जिसके अनेक दूसरे फायदे भी हैं। यहां यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि विधि कोई भी हो,उचित इलाज़ आवश्यक है,जो कि ऑपरेशन ही है क्योंकि जान है तो जहान है।
नजरअंदाज न करें इसे
सामान्यतौर पर अपेंडिक्स का इलाज सर्जरी है। अभी तक इस बीमारी का कोई सुनिश्चित कारण तय नहीं हो सका है। कई बार आँतों में सड़ रहे पुराने मल को इसके लिए जिम्मेदार बताया जाता है। साबुत मूँग या मूँग की दाल अपेंडिक्स के लिए अक्सीर मानी जाती है। एक चम्मच साबुत मूँग दिन में तीन बार खाने से राहत मिलती है। लार शलगम और खीरा ककड़ी का १०० मिलीग्राम रस ३०० मिली ग्राम गाजर के रस मिलाकर दिन में दो बार पीने से फायदा होता है। पेट रोगों में छाछ को अक्सीर औषधि माना गया है। दिनभर में एक लीटर छाछ लेने से कब्ज के मरीजों को फायदा होता है।
- अपेंडिक्स के मरीजों को गेहूँ का मोटा दलिया, जौ और चने का आटा मिलाकर खाना चाहिए। इससे पर्याप्त मात्रा में रेशेदार आहार पेट में जाता है।
- मेथीदाने को पानी में उबालकर ठंडा कर लें। अब छानकर पी लें। इसी तरह मैथीदाने की चाय भी अपेंडिक्स के मरीजों को पीना चाहिए।
- अपेंडिक्स के कुछ मरीजों को दर्द के साथ उल्टियाँ भी होती हैं। इन्हें ताजा अदरक खाने से फायदा होता है। अदरक का रस अथवा इसके टुकड़े सैंधव नमक के साथ खाएजा सकते हैं। पवित्र तुलसी के पत्तों से विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर धकेला जा सकता है। अदरक और हल्दी का मिश्रण ऐसे मरीज को दिया जा सकता है जिसका अपेंडिक्स सूजा हुआ हो(डॉ. विशाल जैन,सेहत,नई दुनिया,मार्च तृतीयांक 2011)।
इतनी उपयोगी पोस्ट के लिए धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंappendicitis में सबसे खतरनाक है , दर्द निवारक दवा का इस्तेमाल । तुरंत ओपरेशन ज़रूरी है । लेकिन संभव न होने पर तीन महीने बाद किया जाता है ।
जवाब देंहटाएंआभार इस जानकारी के लिये।
जवाब देंहटाएंएक और जानकारीपरक पोस्ट।
जवाब देंहटाएंमैं ये असह्य पीड़ा सह चूका हूँ....बहुत दर्द हुआ था...
जवाब देंहटाएंये तो बड़ी अच्छी जानकारी दी आप ने |
जवाब देंहटाएंजानलेवा हो सकती है नहीं.. मैंने तो जान जाते हुए देखा है!! अमूल्य जानकारी!!
जवाब देंहटाएंshukriya is jaankari ke liye.
जवाब देंहटाएंमुझे भी दर्द होता है मगर जो लक्षण इसमें बताये गए है ऐसा कुछ नहीं होता मैं कितने ही टेस्ट करवा चूका हूँ इलाज भी बहुत करवाया मगर आराम नहीं हो रहा है मैं क्या करूँ प्लीज़ मुझे सलाह दे
जवाब देंहटाएंमुझे भी दर्द होता है मगर जो लक्षण इसमें बताये गए है ऐसा कुछ नहीं होता मैं कितने ही टेस्ट करवा चूका हूँ इलाज भी बहुत करवाया मगर आराम नहीं हो रहा है मैं क्या करूँ प्लीज़ मुझे सलाह दे
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