यदि आप आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल कर रही हैं तो एक बार फिर सोच लें। ये गोलियां आपको गर्भावस्था से तो बचा सकती हैं, लेकिन आपके दिल के लिए खतरनाक हो सकती हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भनिरोधक गोलियों की बिक्री बढ़ने के साथ महिलाओं को रक्त वाहिनियों में होने वाली बीमारी 'डीप वेन थ्रोम्बोसिस' (डीवीटी) के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। इस बीमारी में रक्त वाहिनियों में खून का थक्का जम जाता है।
मेदांता अस्पताल के डॉक्टर राजीव परख ने बताया, बदलती जीवनशैली में ऐसा देखा जा रहा है कि गर्भनिरोधक गोलियां डीवीटी की वजह बन सकती हैं। धूम्रपान व मद्यपान करने वाली महिलाओं में यह बीमारी होने का खतरा और भी ज्यादा होता है। डीवीटी एक गंभीर बीमारी है जिसमें रक्त वाहिनियों में खून का थक्का बन जाता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि हाल के समय में गर्भनिरोधक गोलियों के विज्ञापनों की संख्या बढ़ने के साथ ही डीवीटी के मामलों की संख्या भी बढ़ी है। परख ने कहा कि महिलाओं में डीवीटी का प्रतिशत बढ़ा है और बिना डॉक्टरी सलाह के गर्भनिरोधक गोलियां लेने वाली महिलाएं इसकी चपेट में ज्यादा आती हैं।
सरकारी आंकड़े बताते हैं कि साल 2009 में करीब 82 लाख गर्भनिरोधक गोलियों की बिक्री हुई। यह संख्या 2008 में खरीदी गई गोलियों से 250 गुना ज्यादा है। इन गोलियों के विज्ञापनों में दावा किया जाता है कि असुरक्षित यौन संबंध बनाने के 72 घंटे के अंदर इन्हें लेने से गर्भावस्था से बचा जा सकता है(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,10.3.11)।
गर्भ निरोधक गोलियों से दिल को ख़तरा ...और गर्भ से दिमाग को :)
जवाब देंहटाएंयह एक नई जानकारी है, मेरे लिए।
जवाब देंहटाएंअच्छा??? प्रचार में तो यह कहा जाता है की ये गोलियां सुरक्षित हैं....
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