गुरुवार, 10 मार्च 2011

गर ऑफिस के तनाव से मुक्त होना हो......

कार्यस्थल के तनाव को घर तक ले आना समझदारी नहीं है। काम के बोझ को बहुत दिल पर लेने से सामान्य स्थिति मे लौटना मुश्किल हो जाता है। आप अपनी समस्या जितनी अच्छी तरह से समझ सकते हैं दूसरा नहीं समझ सकता। इसलिए उन पर बहुत निर्भर रहने की अपेक्षा खुद पर ही भरोसा करें। याद रखें कि काम का तनाव आपको बहुत गंभीर बीमारी की ओर धकेल सकता है।

जरा अपने जीवन के उन लम्हों को याद कीजिए जब आप तनावग्रस्त थे। हो सकता है कि ऐसा तब हुआ हो जब अपने काम के दौरान आप अपनी प्रेजेंटेशन दे रहे हों, अपने बच्चों के बारे में चिंतित हों, डेडलाइन को पूरा करने के लिए जूझ रहे हों या फिर अपने जीवनसाथी से बहस में उलझ गए हों। सोचो कि आपका दिल उस समय किस तरह जोर-जोर से धड़क रहा था और मुश्किल से साँस ले पा रहे थे? यह लगातार तनाव और चिंता भावनात्मक, शारीरिक तथा मनोवैज्ञानिक संकट बढ़ सकती हैं और यहाँ तक कि आपके हृदय तक के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं।

हाल ही में किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि काम के दौरान होने वाले तनावों का हृदय रोग से गहरा संबंध है। जिन लोगों को काम के दौरान तनाव था उन्हें कॉरोनरी हार्ट डिजीज होने का खतरा उन लोगों की तुलना में ६८ प्रतिशत अधिक रहता है जिन लोगों को काम के दौरान कम तनाव होता है। मूड तथा चैन की नींद आने में दिक्कत, पेट खराब होने, सिर दर्द या फिर परिवार अथवा मित्रों के साथ संबंध ठीक ना होना कार्यस्थल के दौरान तनाव के कुछ प्रारंभिक कारण हैं।

इसीलिए तनाव पर काबू पाना आवश्यक हो गया है खासतौर पर ऐसे समय में जब आपकी नौकरी काफी डिमांडिंग या चुनौतियों से भरी हो।


कार्यस्थल पर तनावमुक्त तथा प्रसन्न रहने के कुछ आसान उपाय
ब्रेक लीजिए- 
यह एक साधारण सा सुझाव है लेकिन इसके बहुत ही अच्छे एवं प्रभावकारी परिणाम होते हैं। रुकिए, थोड़ा ब्रेक लीजिए और फिर से विश्लेषण कीजिए। कुछ पल के बाद ही आपको आगे बढ़ने के लिए ताकत मिलेगी। केवल एक मिनट का ब्रेक भी हमारे मस्तिष्क को तरोताजा कर देगा और हमें अगला काम करने के लिए शक्ति तथा प्रेरणा देगा।

सोचिए कि कार्यस्थल पर कौन सा काम करके आपका दिन अच्छा गुजरता है- 
अगली बार जब कभी काम के दौरान मजा लेने का मौका हो तो उसे जाहिर करने के लिए एक पल लीजिए। लिखिए जिससे आपका दिन बहुत ही बेहतरीन बन गया हो। आपने क्या किया था? आपने क्या कहा था? इस प्रकार आपके पास आपके "बेहतरीन गुजरे" दिनों की सूची हो जाएगी। आपको पता होगा कि आपको क्या चाहिए। इस पर काम कीजिए। हरेक के लिए मौज मस्ती के मायने अलग-अलग होते हैं।

अपने आसपास ऐसी चीजें रखिए जिनसे आपको प्रसन्न रहने में मदद मिले- अपने मित्र, पालतू जानवर या उसकी तस्वीर लगाइए जिसे आप प्यार करते हों। केलेंडर लगाइए और उसमें दिन तब तक मार्क करिए जब तक कि आपकी अगली छुट्टी का दिन न आ जाए। आपके कम्प्यूटर पर वह स्क्रीन सेवर लगाइए जो आपको प्रेरित करता हो या आपको खुश रखता हो।

नियमित रूप से अपने मित्रों तथा परिवार के साथ घूमने जाइए
डिनर पर जाइए, फिल्म या फिर सप्ताहांत गुजारने के लिए भी बाहर जाइए। पौष्टिक भोजन कीजिए और नियमित व्यायाम कीजिए- इसके लिए चाहिए बस व्यायाम करते समय पहनने वाले जूते, कुछ पलों के लिए ट्रेडमिल पर या फिर इससे भी बेहतर है होगा किसी खूबसूरत से बीच यानी समुद्र तट पर जॉगिंग करना या फिर पार्क में दौड़ना।

इन्हें आजमाएं..
स्वयं समाज सेवा दीजिए : किसी की मदद करने से जिस संतोष का अनुभव होता है वह असीम है। आप विकलांग बच्चों या ओल्ड एज होम में बुजुर्गों को पढ़ा कर अपना योगदान दे सकते हैं।


खुशियां बिखेरिए: अपना दिन मुस्कुराहट के साथ शुरू कीजिए, हर दिन कम से कम एक व्यक्ति की सराहना कीजिए, लोगों को शुभकामनाएँ देते समय मुस्कुराइए और मानिए जैसे हर दिन आपके शेष जीवन का प्रथम दिन हो।

कार्यस्थल पर मित्र बनाइए : कार्यस्थल पर सबसे खुशहाल वे लोग होते हैं जिनके सहयोगी उनके मित्र होते हैं। कार्यस्थल पर उन लोगों की पहचान कीजिए जिन्हें आप पसंद करते हों और उनके साथ मैत्रीपूर्ण व्यवहार करने के लिए पूरे प्रयास कीजिए। लोगों में वास्तव में रुचि लीजिए और वे वैसा ही आपके साथ भी करेंगे।

ध्यान लगाइए : कुछ समय ध्यान लगाने यानी चिंतन और आध्यात्मिकता के लिए भी रखिए- यह आपके जीवन से तनाव को समाप्त करने में मदद करता है(डॉ. टी.एस. क्लेर,सेहत,नई दुनिया,मार्च प्रथमांक 2011)।

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